“There is nothing wrong in eating beef” – Congress Leader Digvijay Singh.

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा- गोमांस खाने में कोई खराबी नहीं है? पढ़ें- फैक्ट चेक

Fact Check hi Featured Misleading

सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बयान का वीडियो कोलाज वायरल हो रहा है। इस कोलाज के एक वीडियो में दिग्विजय सिंह खुद को सनातन धर्म का पालन करने वाला व्यक्ति और रामभक्त बताते हैं। वहीं दूसरे वीडियो में कहते हैं कि हिन्दू धर्म का हिन्दुत्व से कोई नाता नहीं है और गोमांस खाने में कोई खराबी नहीं है।

इस वीडियो को शेयर कर अरुन बाजपेयी राजन (@arunbajpairajan) ने लिखा- “मध्यप्रदेश के बँटाधारी की मौकापरस्ती देखिए .. खुद को रामभक्त एवं सनातनी बताने वाला खुले मंच से सरेआम कह रहा है कि गाय हमारे लिए पूज्य नहीं है, एवं गाय का मांस खाना पाप नहीं है। आप नदी और नाले का फर्क साफ -साफ देख सकते हैं, ये कांग्रेसी मोदी विरोध में इतना गिर चुके हैं कि अपनी एवं कांग्रेस की मिट्टी पलीत करके मानेंगे??”

                                                    
                                                    
                                                    
                              Digvijay Singh
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वहीं इस वीडियो को कई अन्य यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं।

फैक्ट चेकः

दिग्विजय सिंह के वीडियो की जांच के लिए DFRAC की टीम ने वीडियो को कई फ्रेम्स में कन्वर्ट किया और उन्हें रिवर्स सर्च किया। हमें वीडियो के संदर्भ में जानकारी प्राप्त हुई है कि दिसंबर 2021 में भोपाल में कांग्रेस के जन जागरण अभियान कार्यक्रम के दौरान दिग्विजय सिंह अपने बयान में वीर सावरकर को कोट कर रहे थे।

दिग्विजय सिंह के इस बयान को टाइम्स नाउ नवभारत के यूट्यूब चैनल पर 25 दिसंबर 2021 को अपलोड किया गया था। दिग्विजय सिंह अपने बयान में वीर सावरकर की किताब को कोट करते हुए कह रहे थे कि सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि हिंदू धर्म का हिंदुत्व के साथ कोई संबंध नहीं है। दिग्विजय ने आगे कहा कि सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि गोमांस खाने में कोई परहेज नहीं है।

वहीं इस वीडियो के संदर्भ में अन्य मीडिया हाउस ने भी रिपोर्ट प्रकाशित किया है।

निष्कर्षः

DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि दिग्विजय सिंह का बयान वीर सावरकर के हवाले से था। वह गोमांस को लेकर वीर सावरकर की किताब लिखी बातों का उदाहरण दे रहे थे। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।