फिलिस्तीन और इजराइल के बीच संघर्ष जारी है। सोशल मीडिया पर भी लोग फिलिस्तीन और इजरायल को लेकर तमाम तरह की न्यूज शेयर कर रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच सोशल मीडिया पर कई फेक और भ्रामक वीडियो भी जमकर शेयर किए जा रहे हैं। DFRAC की टीम ने वायरल कई वीडियो का यहां फैक्ट चेक किया है।
वायरल वीडियो-1
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है कि इजराइल ने एक मस्जिद को टारगेट करते हुए हमला किया। जिसमें मस्जिद पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। इस वीडियो को बीजेपी यूपी के प्रवक्ता प्रशांत उमराव, विवेक पांडेय, पियूष मिश्रा और दीक्षा चौधरी सहित कई यूजर्स ने शेयर किया है।
फैक्ट चेकः
वायरल वीडियो का फैक्ट चेक करने के लिए DFRAC की टीम ने वीडियो को कीफ्रेम्स में कन्वर्ट किया और उन्हें रिवर्स सर्च किया। हमें यही वीडियो एक यूट्यूब चैनल पर 8 जून 2014 को अपलोड मिला। इस वीडियो में बताया गया है कि आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ओवैस अल करनी के मजार को ढहा दिया।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो इजराइली हमले का नहीं बल्कि 9 साल पुराना है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।
वायरल वीडियो-2
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को शेयर करने वाले यूजर्स दावा कर रहे हैं कि हमास के लड़ाके पैराशूट की मदद से इजरायइल में प्रवेश कर रहे हैं। इस वीडियो अनस, एडी शेरी और खयाल माल सहित कई यूजर्स शेयर कर रहे हैं। जिसका स्क्रीन शॉट यहां दिया जा रहा है।
फैक्ट चेकः
DFARC की टीम ने वीडियो का फैक्ट चेक करने के लिए सबसे वीडियो को गौर से देखा। हमें एक बिल्डिंग दिखाई दी। हमारी टीम ने जब बिल्डिंग वाले हिस्से को गूगल पर रिवर्स सर्च किया, तो हमें मिस्र की रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो में दिख रहे फोटो को देखा जा सकता है। नीचे दिए कोलाज में आप दोनों फोटो को देख सकते हैं।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।
वायरल वीडियो-3-
सोशल मीडिया यूजर्स एक वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि अल्लाह हू अकबर कहते हुए मुस्लिमों ने एक युवक का कत्ल कर दिया। इस वीडियो को मिस्टर सिन्हा नामक यूजर सहित कई अन्य लोगों ने भी शेयर किया है।
फैक्ट चेकः
वायरल वीडियो का फैक्ट चेक करने के लिए DFRAC की टीम गूगल पर कुछ कीवर्ड्स सर्च किया। हमें इस वीडियो के संदर्भ में साल 2017 में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सीरिया में एक अमेरिकी समर्थित विद्रोही समूह के सदस्यों ने एक भयानक हत्या के वीडियो में एक छोटे बच्चे का सिर काट दिया।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा दावा भ्रामक है।