दुनिया के कई देशों में पवित्र कुरान को जलाए जाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ कि अमेरिका के शिकागो में एक हिन्दू छात्र ने क़ुरान जलाया है।
साउथ एशियन जर्नल (@sajournal1) नामक अकाउंट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो पोस्ट कर लिखा- “अमेरिका के शिकागो में कट्टरपंथी हिंदू चरमपंथी ने कुरान जलाया। RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने भारत में यह ट्रेंड शुरू किया था, जो अब प्रवासी भारतीयों के ज़रिए वैश्विक हो गया है। #Islamophobia_in_India” (हिन्दी अनुवाद)
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वहीं अन्य यूज़र्स द्वारा भी वीडियो शेयर कर ऐसा ही दावा किया जा रहा है।
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फ़ैक्ट-चेक:
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए DFRAC टीम ने गूगल पर कुछ की-वर्ड की मदद से सर्च किया। इस दौरान DFRAC टीम को गूगल पर की-वर्ड सर्च में कोई भी मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें कुरान जलाने की प्रवृत्ति की उत्पत्ति आरएसएस द्वारा करने की बात हो।
कैसे बना क़ुरान जलाने का ट्रेंड?
अलबत्ता, इस पड़ताल के दौरान हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स ऐसी मिलीं, जिनमें बताया गया है कि 2010 में अमेरिका के गेन्सविले-फ्लोरिडा के एक छोटे से चर्च, डव वर्ल्ड आउटरीच सेंटर ने 9/11 हमले की बरसी पर “International Burn a Quran Day” नामक एक कार्यक्रम आयोजित करने का ऐलान किया था।
निष्कर्ष:
DFRAC के इस फ़ैक्ट-चेक से साफ़ है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें कुरान जलाने की शुरूआत RSS द्वारा भारत से होने की बात कही गई हो। इसलिए सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा भ्रामक है।