चांद पर इसरो और राष्ट्रीय प्रतीक के निशान दिखाने वाली वायरल तस्वीर की जानिए हकीकत, पढ़े फैक्ट चेक

Fact Check hi Fake Featured

भारत के चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि प्रज्ञान रोवर के टायरों ने चंद्रमा की सतह पर इसरो के लोगो और भारतीय राष्ट्रीय प्रतीक के निशान छोड़ दिए हैं। सोशल मीडिया यूजर्स इस तस्वीर को अब इंटरनेट पर जमकर शेयर कर रहे हैं।

पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ नामक एक पत्रकार ने ट्विटर पर एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा: ‘’चंद्रमा की सतह पर आज से स्थायी रूप से छवि अंकित हो गई है क्योंकि रोवर के टायरों पर यह छाप है, चूंकि चंद्रमा पर कोई हवा नहीं है इसलिए ये निशान हमेशा के लिए रहेंगे’’

Source: Twitter

कल्याण बसु नाम के एक अन्य यूजर ने भी इस तस्वीर को ट्विटर पर इस कैप्शन के साथ शेयर किया: “भारतीय ध्वज का प्रतीक और इसरो का लोगो रोवर द्वारा चंद्रमा की मिट्टी पर अंकित किया गया है।”

Source: Twitter

इसके बाद, कई अन्य यूजर ने भी इस तस्वीर को शेयर किया है और इस तरह के ही मिलते-जुलते दावे किये है।

https://twitter.com/MUSKANKATARIY16/status/1694934526672457750

फैक्ट चेक:

उपरोक्त वायरल तस्वीर के साथ किये गए दावों की पुष्टि करने के लिए, Dfrac टीम ने इस तस्वीर की बारीकी से जांच की। इस दौरान टीम को तस्वीर के बाईं ओर नीचे की ओर एक नाम (कृष्णाशु गर्ग) लिखा हुआ मिला।

इसके बाद टीम ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस नाम की विभिन्न प्रोफाइल को देखा। ऐसे में हमें कृष्णाशु गर्ग नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपलोड की गई वायरल तस्वीरें मिली। 

Source: Instagram

उन्होंने इस तस्वीर को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया और स्पष्ट किया कि वायरल तस्वीर उनकी डिजिटल कलाकृति है जो एडोब फोटोशॉप का उपयोग करके बनाई गई है। इसके अलावा उन्होंने आगे अनुरोध करते हुए कहा, “कृपया इस संबंध में फर्जी खबरें फैलाना बंद करें।”

Source: Instagram

वहीं नए अपडेट के अनुसार, प्रज्ञान रोवर के पहियों पर इसरो का लोगो और राष्ट्रीय प्रतीक उकेरा गया है। जब ये रोवर आगे बढ़ेगा, तो यह चंद्रमा की सतह पर इसरो के लोगो और राष्ट्रीय प्रतीक की छाप छोड़ेगा। हालांकि, इसरो की ओर से अभी तक इस बारे में कोई जानकारी जारी नहीं की गई है।

निष्कर्ष

DFRAC के फैक्ट-चेक से साबित होता है कि वायरल तस्वीर भ्रामक है। क्योंकि प्रज्ञान रोवर द्वारा इसरो का लोगो और राष्ट्रीय प्रतीक की छाप छोड़ने वाली वायरल तस्वीर सिर्फ एक डिजिटल कलाकृति है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स के दावे भी गलत है।