
रिपोर्ट के मुख्य बिन्दू इस प्रकार हैं-
- खालिस्तानियों के निशाने पर भारतीय राजनयिक और दूतावास
- खालिस्तान के समर्थन में पाकिस्तान का प्रोपेगैंडा
- खालिस्तानी समर्थकों का इमरान खान और PTI प्रेम
- खालिस्तानी समर्थक ट्विटर अकाउंट्स का विश्लेषण
- खालिस्तानियों के निशाने पर भारतीय राजनयिक और दूतावासः
विदेशी सरज़मीं पर ना सिर्फ भारत विरोधी खालिस्तानी संगठन फल-फूल रहे हैं, बल्कि भारत विरोधी प्रदर्शन भी आयोजित करते रहते हैं। लेकिन अब इनके निशाने पर भारतीय दूतावास हैं और खालिस्तानी संगठन से जुड़े अलगाववादी भारतीय राजनयिकों को धमकी भी दे रहे हैं। खालिस्तानी समर्थकों द्वारा राजनयिकों को लेकर विवादित पोस्टर भी लगाए जा रहे हैं। ‘अमर उजाला’ की एक रिपोर्ट के अनुसार- “कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा में एक बार फिर सेंध लगा दी। इस बार वैंकूवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के प्रवेश द्वार के पास भारत विरोधी पोस्टर चिपकाया गया है। भारत ने कनाडा के अधिकारियों के सामने शिकायत दर्ज कराई है। यह पोस्टर पिछले सप्ताह सरे और वैंकूवर में जगह-जगह लगाए गए पोस्टरों के जैसा ही था। इन पोस्टरों में ओटावा में भारतीय उच्चायुक्त और वैंकूवर और टोरंटो में महावाणिज्यदूतों की तस्वीर के साथ वांटेड लिख दिया गया था। एक भारतीय अधिकारी ने बताया कि इस घटना को स्थानीय प्राधिकारियों के सामने उठाया गया है। कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने 15 अगस्त को भारतीय मिशनों के घेराव की चेतावनी दे रखी है।”

Source: Amar Ujala
इससे पहले भी कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारत विरोधी प्रदर्शन किए गए थे और भारतीय राजनयिकों को टारगेट करते हुए पोस्टर चिपकाए गए थे। एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार- “ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा के अलग-अलग शहरों में खालिस्तान समर्थक भारत के खिलाफ 8 जुलाई को रैलियों का आयोजन कर रहे हैं। ‘किल इंडिया’ बैनर के तहत रैलियों का आयोजन किया जा रहा है, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की आड़ में की जा रही इन रैलियों का मकसद खालिस्तानी प्रोपेगेंडा के नाम पर फंड इकट्ठा करना और सिख युवाओं को आकर्षित करना है। टोरंटो के सिख अलगाववादियों ने पोस्टर जारी किए हैं, जिनमें भारतीय राजनयिकों की तस्वीरें लगी हैं और उन्हें निज्जर का हत्यारा बताया गया है।”

Source: ABP Live
कनाडा में जब खालिस्तानी समर्थकों ने यह प्रदर्शन आयोजित किया था, तब कनाडा में रह रहे भारतीय भी भारतीय दूतावास के बाहर जमा हो गए थे और तिरंगे के साथ भारत जिंदाबाद के नारे लगाए थे। इस दौरान दोनों तरफ से जमकर नारेबाजी हुई थी और टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। यह पहला मौका नहीं था जब खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया था और भारतीयों से भिड़ने का प्रयास किया था। इससे पहले भी लंदन में खालिस्तानी समर्थकों ने ऐसा ही किया था।
इसके अलावा कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों ने मंदिर परिसर में भी तोड़-फोड़ की थी। अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक- “कनाडा के ग्रेटर टोरंटो एरिया (जीटीए) के ब्रैम्पटन शहर में श्री भगवद गीता पार्क में लगे संकेत चिह्न को शुक्रवार को तोड़ दिया गया। यह एक साल में इस तरह के अपमान की कड़ी में ताजा मामला है। शुक्रवार की सुबह क्षतिग्रस्त चिन्ह पाया गया, जिस पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए भित्तिचित्र बनाया गया था। हालांकि, सफाई कर्मियों ने तुरंत भित्तिचित्र हटा दिए और संकेत चिन्ह को उसकी मूल स्थिति में लगा दिया।”

Source: Amar Ujala
- खालिस्तान के समर्थन में पाकिस्तान का प्रोपेगैंडाः
खालिस्तान के समर्थन में पाकिस्तान और उसके सोशल मीडिया यूजर्स लगातार प्रोपेगैंडा करते आए हैं। कई पाकिस्तानी यूजर्स तो पाकिस्तान में खालिस्तान का दूतावास खोलने तक की वकालत कर चुके हैं। इसके अलावा समय-समय पर वह खालिस्तान के समर्थन में ट्विटर पर हैशटैग्स के साथ ट्रेंड चलाते रहते हैं। DFRAC की टीम ने पहले भी कई बार पाकिस्तान यूजर्स के प्रोपेगैंडा को बेनकाब किया है। हमारी टीम ने ट्विटर पर ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ कीवर्ड को सर्च किया, तो हमें कुछ पाकिस्तानी अकाउंट मिले जो एक ही पैटर्न में एक ही जैसे ट्वीट कर रहे थे। नीचे दिए स्क्रीनशॉट में आप उन पोस्ट को देख सकते हैं।

- खालिस्तानी समर्थकों का इमरान खान और PTI प्रेमः
ट्विटर पर खालिस्तान के समर्थन में प्रोपेगैंडा करने वाले ये अकाउंट्स पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई के साथ अपना प्रेम दिखाते रहे हैं। पीटीआई और इमरान खान के ट्वीट्स को इन खालिस्तानी अकाउंट्स द्वारा लाइक्स और रिट्वीट भी किया जाता है, इसके अलावा ये अकाउंट्स पीटीआई और इमरान खान के आधिकारिक अकाउंट्स को फॉलो भी करते हैं।

पाकिस्तान में खालिस्तान मूवमेंट को आगे बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया पर लगातार सक्रियता दिखाई जाती है। इसके लिए बॉट अकाउंट्स भी बनाए जा रहे हैं। सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे), गुरपतवंत सिंह पन्नू के वीडियो को प्रसारित करने के लिए कई बॉट अकाउंट बनाए गए। इस अकाउंट से किए गए ट्वीट बिल्कुल कॉपी-पेस्ट पैटर्न में हैं। सभी ने बहुत ही कम समय सीमा के अंतर्गत ट्वीट किया। नीचे दिया गया कोलाज ट्वीट्स का कॉपी-पेस्ट पैटर्न दिखाता है।


इस ट्वीट्स में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो के साथ ‘हिन्दू टेररिस्ट’ जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया था और ऑस्ट्रेलिया में 23-24 मई 2023 को लेकर एक माहौल बनाने की कोशिश की गई थी। आपको बता दें कि 23 मई को पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहुंचे थे। अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी ने मंदिरों पर हमला और खालिस्तान का मुद्दा ऑस्ट्रेलिया की सरकार के सामने उठाया था, जिसके बाद खालिस्तान के समर्थन में होने वाले जनमत संग्रह प्रचार कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था।
दरअसल सिडनी मेसोनिक सेंटर (एसएमसी) ने खालिस्तान जनमत संग्रह प्रचार कार्यक्रम को आयोजित किया गया था, जो 4 जून दिन रविवार को ऑस्ट्रेलियाई शहर में होने वाला था। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, केंद्र ने कार्यक्रम को रद्द करने के कारणों के रूप में समुदाय के लिए सुरक्षा जोखिमों और खतरों का हवाला दिया था।

नीचे दिया गया ग्राफ़ ऐसे कॉपी पेस्ट ट्वीट्स की संख्या में वृद्धि को दर्शाता है। ट्वीट 13 मई को 11:30 बजे शुरू हुए और समय के साथ बढ़ते गए।

इस तरह की कॉपी-पेस्ट कंटेंट ट्वीट करने वाले अकाउंट्स का डाटा प्राप्त करने के बाद, हमें पता चला कि कम से कम 10-15 नए अकाउंट्स थे, जिन्होंने एक-समान ट्वीट किए थे। ये अकाउंट्स 5 फरवरी 2023 से 13 मई 2023 के बीच बनाए गए थे। इनमें से कुछ अकाउंट्स का विवरण दिया जा रहा है, जिसमें उन अकाउंट्स के बनाने का समय और यूजर आईडी की जानकारी के साथ नीचे दिया गया है।

कई पाकिस्तानी अकाउंट्स ने खालिस्तान पर @_Khalsa_00 और @SaffronDiaries के ट्वीट को री-ट्वीट किया और उन्हें प्रसारित किया।

यह पाया गया कि कई पाकिस्तानी अकाउंट्स ने अर्शदीप सिंह को एक खालिस्तानी के रूप में चित्रित किया और #खालिस्तान #खालिस्तान_जिंदाबाद जैसे हैशटैग का इस्तेमाल किया।

- खालिस्तान समर्थक अकाउंट्स का विवरणः
यहां खालिस्तान के समर्थन में सोशल मीडिया अकाउंट्स के बनाने का टाइमलाइन दिया जा रहा है।

यह देखा जा सकता है कि हाल के महीनों में खालिस्तानी समर्थक अकाउंट को बनाने की संख्या काफी बढ़ गई है। ट्रेंड की शुरुआत करते हुए 21 मार्च को 17 अकाउंट बनाए गए। मार्च 2023 से अकाउंट्स के निर्माण की समय सीमा बढ़ने लगी। 18 अप्रैल 2023 को 16 अकाउंट बनाए गए।

यह देखा जा सकता है कि हाल के महीनों में, अधिकांश अकाउंट्स, यानी 43.8%, मार्च 2023 में बनाए गए यानी एक महीने में लगभग 150 नए अकाउंट्स। इसके बाद अप्रैल में 38.5% अकाउंट्स बनाए गए, मतलब अप्रैल के महीने में 130 नए अकाउंट्स बनाए गए। इससे पहले फ़रवरी में 11.8% अकाउंट्स बनाए गए थे।
अकाउंट: Agent of Truth
यूजरनेम: Shawn_Singh1974
यूजर आईडी: 1546889625045712896

Source: Twitter
हमें Agent of Truth के नाम से चल रहा एक अकाउंट मिला, जो खुद को सीआईए से होने का दावा करता है। यह अकाउंट खुद को खालिस्तानी अमेरिकी होने का दावा करता है।

निष्कर्षः
भारत विरोधी खालिस्तानी अलगाववाद की विचारधारा पनप रही है। इसके लिए विदेशी सरज़मीं का सहारा लिया जा रहा है। कई देश तो ऐसे हैं, जहां खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियां खुलेआम हो रही हैं। इसके अलावा खालिस्तान समर्थक कई बार भारतीय दूतावासों के बार इकट्ठा होकर प्रदर्शन भी करने लगे हैं। इन खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारतीय राजनियकों को लेकर विवादित पोस्टर भी चिपकाए जा रहे हैं, जो भारत के लिए गंभीर चुनौती का विषय बनता जा रहा है।