गोरखपुर के करीब ASI की खुदाई में पाई गई थी मिस्र की तरह एक ममी? पढ़ें, फ़ैक्ट-चेक 

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सोशल मीडिया पर एक दावा किया जा रहा है कि गोरखपुर के पास भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण (ASI) की खुदाई में मिस्र में पाई जाने वाली ममी की तरह, एक ममी पाई गई थी। उसके रोज़मर्रा के इस्तेमाल के सामान भी मिले थे। इस दौरान नोटिस किया गया कि उसके आसपास बहुत हल्की आवाज़ हो रही है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन के वैज्ञानिकों द्वारा महीनों रिसर्च के बाद इन आवाज़ों को डीकोड किया गया तो हज़ारों साल पुरानी भाषा में संदेश था कि 2024 में भी PM मोदी की ही सरकार बनेगी। 

उदय ठाकुर नामक वेरीफ़ाइड यूज़र ने लगभग 1700 शब्दों में ममी की तस्वीर के साथ ट्वीट कर यही दावा किया है।

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इसी तरह अन्य यूज़र्स ने यही दावा किया है।

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फ़ैक्ट-चेक:

वायरल दावे की हकीकत जानने के लिए DFRAC टीम ने इस संदर्भ में गूगल पर कुछ की-वर्ड सर्च किया। इस दौरान हमे कहीं भी कोई ऐसी ख़बर नहीं मिली। 

इसके बाद टीम ने ASI की ऑफ़िशियल वेबसाइट विज़िट की और पाया कि सोहगौरा ताम्रलेख एक ताम्रपट्ट पर लेखबद्ध प्राचीन लेख है जो उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के पास सोहगौरा नामक स्थान से प्राप्त हुआ है। ASI की रिपोर्ट लिंक यहां है। 

asi.nic.in

अलबत्ता, इस दौरान टीम को हिमाचल में एक 500 साल पुराने बौद्ध ममी के बरामद होने के बारे में मीडिया रिपोर्ट मिली। 

htschool.hindustantimes.com

वहीं सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली ममी की तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर DFRAC टीम ने पाया कि यही तस्वीर अप्रैल 2014 में वेबसाइट ibtimes.co.in द्वारा पब्लिश रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई है। यह रिपोर्ट मिस्र में पाई गई एक ऐसे ममी के बारे में है, जिसमें दिमाग तो है, लेकिन दिल नहीं है।

ibtimes.co.in

निषकर्ष:

DFRAC के इस फ़ैक्ट-चेक से स्पष्ट है कि गारखपुर में मिस्र की तरह ममी पाए जाने का, उदय ठाकुर व अन्य सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा ग़लत है।