सोशल मीडिया पर मशहूर लेखक सलमान रुश्दी का एक कोट शेयर किया जा रहा कि उन्होंने कहा है कि मुस्लिम कहीं भी रहते हों, उनका एक ही मकसद है कि किसी तरह देश को तबाह करना है।
Well, can't deny, seems perfectly right. pic.twitter.com/ehG64Gey1c
— Renee Lynn (@Voice_For_India) June 7, 2023
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ट्विटर पर रेनी लिन नामक यूज़र ने एक ग्राफिकल इमेज को कैप्शन दिया, “Well, can’t deny, seems perfectly right.” यानी सही है, इनकार नहीं कर सकते, बिल्कुल सही लगता है।
इस ग्राफिकल इमेज में इंग्लिश टेक्स्ट है-“Muslims, whether they live in Pakistan or India, Nigeria or Syria, whether they are poor or rich, illiterate or educated, their only goal is to destroy the whole nation by terrorism, bomb blasts, population explosion, riots and jihad in the name of Islam.”- Salman Rushdie, जिसका हिन्दी अनुवाद है, “मुसलमान, चाहे वे पाकिस्तान में रहते हों या भारत, नाइजीरिया या सीरिया में, चाहे वे गरीब हों या अमीर, अनपढ़ हों या शिक्षित, उनका एकमात्र लक्ष्य इस्लाम के नाम पर आतंकवाद, बम विस्फोट, जनसंख्या विस्फोट, दंगे और जेहाद के ज़रिए देश को नष्ट करना है।” -सलमान रुश्दी
फ़ैक्ट-चेक
वायरल दावे की हकीकत जानने के लिए DFRAC टीम ने गूगल पर कुछ की-वर्ड सर्च किया। इस दौरान हमें 2015 में, सलमान रुश्दी द्वारा ट्विटर हैंडल @LucyGoesHard को ट्वीट रिप्लाई कर लिखा गया,”इस फेक कोट का सोर्स ढूंढने के लिए धन्यवाद कि लोग अपनी कट्टरता को सही ठहराने के लिए कोट करना बंद नहीं कर सकते।”
.@LucyGoesHard Thank you for finding the source of this fake quote that people can't seem to stop quoting to justify their own bigotry.
— Salman Rushdie (@SalmanRushdie) March 7, 2015
आगे की पड़ताल में DFRAC टीम को ऐसा कोई विश्वसनीय स्रोत नहीं मिला जो इसे सही ठहराता हो या अतीत में रिपोर्ट किया हो कि लेखक ने कभी भी मुसलमानों के खिलाफ इस तरह का बयान दिया है।
रुश्दी के नाम पर ये फ़ेक कोट पहले भी वायरल होता रहा है।
— John B Tawn (@27Tawnyowl) August 4, 2020
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निष्कर्ष:
DFRAC के इस फ़ैक्ट-चेक से स्पष्ट है कि सलमान रूश्दी का वायरल कोट झूठ और भ्रामक है, क्योंकि लेखक ने स्वयं ही इसे फेक कोट बताया है, इसलिए सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा ग़लत है।