प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक होर्डिंग इंटरनेट पर इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि इसे हाल ही में राजस्थान में पीएम मोदी की जनसभा से पहले लगाया गया है। होर्डिंग में लिखा – “मोदी नो एंट्री”
सिया चौधरी नाम की एक यूजर ने इस होर्डिंग को शेयर करते हुए लिखा कि “ये राजस्थान है गुजरात समझे थे क्या” यूजर ने #Modi_Go_Back # मोदी_वापस_भागो जैसे हैशटैग का भी इस्तेमाल किया।
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एक अन्य यूजर हिम्मत सिंह गुर्जर ने दो तस्वीरें साझा कीं, जिस पर लिखा है, “मोदी नो एंट्री” और “मोदी गो बैक”
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उन्होने इन तस्वीरों को केप्शन दिया कि “यह राजस्थान है, गुजरात समझे थे क्या?” PM की अजमेर जनसभा के साथ आज दिनभर #modi_Go_back हैशटैग ट्विटर ट्रेंड करता रहा.. BJP को सोचना चाहिए कि जब गांव-देहात तक उनकी पहुंच नहीं थी, तब लोकसभा में 2-4 सीट आती रही.. किसान आंदोलन व पहलवान प्रकरण जैसी घटनाओं से उत्तर भारत खिसकते ही केंद्रीय सत्ता तो दूर, स्टेट तक नहीं मिलेगा.!
फैक्ट चेक:
वायरल दावे की सत्यता की जांच करने के लिए हमने होर्डिंग की तस्वीर को रिवर्स सर्च किया। ये तस्वीर हमें 09 फरवरी, 2019 को पब्लिश द न्यूज मिनट की एक रिपोर्ट में मिली। रिपोर्ट के अनुसार, ये तस्वीरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुंटूर की दौरे की है। पीएम के दौरे के ठीक एक दिन पहले गुंटूर और विजयवाड़ा के आसपास के स्थानों में ये बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए थे।
फिर हमने वायरल हो रही दूसरी तस्वीर को रिवर्स सर्च किया और हमें ये तस्वीर टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में मिली। यह 2020 में एंटी-सीएए के विरोध के दौरान की है।
रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2020 में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने इन होर्डिंग्स के जरिये पीएम मोदी की कोलकाता यात्रा का विरोध किया था।
निष्कर्ष:
ऐसे में स्पाष्ट है कि वायरल हो रही दोनों तस्वीरें न तो राजस्थान की हैं और न ही हाल के दिनों की। बल्कि ये क्रमशः वर्ष 2019, और 2020 की हैं।