पंजाब पुलिस द्वारा खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल और उनके साथियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में सोशल मीडिया पर बहुत सारी भ्रामक और फेक सूचनाएं फैलाई जा रही है। ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका, पाकिस्तान मे बैठे फेक हैंडलर्स पंजाब में दहशत और अशांति का माहौल पैदा करने के उद्देश्य से ऐसा कर रहे हैं। एक प्रोपेगंडा सेट करने के लिए अलग-अलग जगहों से कई नए ट्विटर अकाउंट बनाए गए। जिनका इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने और कई हैशटैग के ट्रेंड मे किया गया।
DFRAC द्वारा अपनी इस विस्तृत रिपोर्ट में उन सभी ट्रेंड का एनालिसिस कर ये बताया जाएगा कि कैसे अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ जारी पुलिस कार्रवाई को भारत और सिखों के खिलाफ दुष्प्रचारित किया जा रहा है।
कौन है अमृतपाल सिंह?
अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे नामक संगठन का प्रमुख है। वह दुबई में पिछले दस वर्षों से अपने चाचा के साथ ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय कर रहा था। अचानक अगस्त 2022 में वह दुबई से भारत आया और उसने खालिस्तान के लिए अभियान शुरू किया। आरोप है कि अमृतपाल सिंह दुबई में जसवंत सिंह रोड़े के संपर्क में था। जिसके जरिए वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में आया था।
अमृतपाल सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी अभियान के शुरू होने के साथ ही दुनिया भर में फैले खालिस्तानी समर्थकों ने भारत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर ये प्रचारित किया जा रहा है कि अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के पुलिस कारवाई से भारत स्थित पंजाब के हालात बिगड़ गए। इस कार्रवाई को सिख समुदाय पर अत्याचार के रूप में पेश करने की कोशिश भी की गई। वहीं कुछ अन्य लोगों ने अन्य देशों की सरकारों से भारत के इस आंतरिक मामले में हस्तक्षेप की भी अपील की।
अमृतपाल सिंह के समर्थन में चलाये गए हैशटेग
अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई शुरू होने के साथ ही ट्विटर पर भारत के खिलाफ और अमृतपाल सिंह के समर्थन में #FreeAmritpalSingh, #AmritpalSinghKhalsa और #Punjabundersiege चलाये गए।
ऊपर दिया गया ग्राफ उन अकाउंट को दिखाता है जिन्होंने हैशटैग #FreeAmritpalSingh, #AmritpalSinghKhalsa & #PunjabUnderSeige पर बड़ी संख्या में ट्वीट किए। इन हैशटैग पर @ChrisT88393731 ने सबसे अधिक 345 ट्वीट किये, इसके बाद @s3khonn ने 306 ट्वीट और @rav3419 ने 281 ट्वीट किए।
ऊपर दिये ग्राफ में तीनों हैशटैग की टाइमलाइन को देखा जा सकता है। ग्राफ के अनुसार, 17 मार्च से ट्वीट्स की संख्या बढ़नी शुरू हुई थी और 19 मार्च को एक ही दिन में 3,000 से अधिक ट्वीट्स किए गए थे।
ऊपर दिया गया ग्राफ उपरोक्त तीनों हैशटेग पर ट्वीट करने वाले अकाउंट की टाइमलाइन को दर्शाता है। इन अकाउंट ज़्यादातर किसी विशिष्ट तिथियों को बनाए गए। 29 नवंबर, 2020 को 38 अकाउंट और 30 नवंबर, 2020 को 30 अकाउंट एक ही दिन में बनाए गए। सबसे ज्यादा नए अकाउंट 19 मार्च, 2023 को बनाए गए। जब ये सभी हैशटैग अपने चरम पर चल रहे थे। इन हैशटैग को बढ़ाने के लिए एक ही दिन में 45 से अधिक अकाउंट बनाए गए।
#FreeAmritpalSingh
#FreeAmritpalSingh हैशटेग के साथ किये गए ट्वीट में अमृतपाल सिंह के पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के दावा किया गया। जबकि अमृतपाल सिंह की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है।
हालांकि पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के दावे का खंडन किया है। पंजाब पुलिस ने एक वीडियो जारी कर कहा कि पंजाब पुलिस कानून के दायरे में काम कर रही है। अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है और अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। अफवाहों और झूठी खबरों पर विश्वास न करें। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे शांति और सद्भाव बनाए रखें और घबराएं नहीं।
#AmritpalSinghKhalsa
इस हैशटेग के अंतर्गत अमृतपाल सिंह का महिमामंडन किया गया है। साथ ही ये भी दुष्प्रचारित किया जा रहा है कि एक बार फिर से सिखों के खिलाफ 1984 का सिख विरोधी वातावरण बनाया जा रहा है।
#Punjabundersiege
इस हैशटेग के अंतर्गत भारत पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए है। साथ ही भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को भी निशाना बनाया गया।
अमृतपाल सिंह के समर्थन में और हैशटैग को बढ़ाने के लिए बनाए गए फेक अकाउंट
खालिस्तानी अलगाववादीयो ने भारत के खिलाफ अपना प्रोपेगंडा सेट करने के लिए अलग-अलग जगहों से नए अकाउंट बनाए। उन्होंने गलत सूचना फैलाने के लिए कई हैशटैग का उपयोग किया ये सभी अकाउंट फेक हैं और सिर्फ प्रोपेगंडा फैलाने के उद्देश्य से बनाए गए हैं।
कनाडा और पाकिस्तान से दुष्प्रचार
अमृतपाल सिंह के समर्थन में कनाडा और पाकिस्तान से भी दुष्प्रचार किया गया। कनाडा से खालिस्तानी समर्थक राजनीतिज्ञों ने भी भारत विरोधी नरेटिव बनाने की कोशिश की। कनाडा राजनीतिज्ञों द्वारा किये गए ट्वीट को ध्यानपूर्वक देखने पर से पता चलता है कि सभी के द्वारा एक ही कंटेट को कॉपी-पेस्ट किया गया। ऐसा प्रतीत होता है कि ये भारत विरोधी टूलकिट का हिस्सा हो।
वहीं पाकिस्तान से भी खालिस्तानी समर्थकों ने इस मुद्दे को हवा दी। साथ ही दावा किया गया कि पंजाब में खालिस्तानी आंदोलन की वापसी भारत के खिलाफ पाकिस्तान की मदद करेगी।
पिछले 24 घंटे में “खालिस्तान जिंदाबाद” कीवर्ड सबसे ज्यादा गूगल पर सर्च किया गया। “खालिस्तान जिंदाबाद” कीवर्ड को कनाडा के द्वारा सबसे ज्यादा सर्च किया गया। फिर भारत और यूनाइटेड किंगडम का स्थान है।
वहीं पिछले 24 घंटे में “पंजाब” कीवर्ड सबसे ज्यादा गूगल पर सर्च किया गया। “पंजाब” कीवर्ड को पाकिस्तान के द्वारा सबसे ज्यादा सर्च किया गया। फिर भारत और कनाडा का स्थान है।
इसके अलावा वहीं पिछले 24 घंटे में “खालिस्तान” कीवर्ड सबसे ज्यादा सर्च किया गया। “कनाडा” कीवर्ड को पाकिस्तान के द्वारा सबसे ज्यादा सर्च किया गया। फिर भारत और यूएई का स्थान है।
निष्कर्ष:
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के अभियान को कनाडा और पाकिस्तान से खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारत के द्वारा सिख विरोधी अभियान के रूप में दुष्प्रचारित किया जा रहा है। इसमे कनाडा के राजनीतिज्ञ भी शामिल है। इस मामले में कनाडा सरकार से भी हस्तक्षेप की मांग कर इस मामले को अंतराष्ट्रीय बनाने की कोशिश की जा रही है।