वाईएसआर (@ysathishreddy) नामक वेरीफाइड यूजर द्वारा ट्विटर पर एक ग्राफिकल फोटो शेयर किया गया है। इस ग्राफिकल फोटो को शेयर करके वाईएसआर ने लिखा- “मोदी और उनके पक्के झूठ.. #101LiesOfModi” वाईएसआर सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। वह टीआरएस के सोशल मीडिया संयोजक और तेलंगाना राज्य अक्षय ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष हैं।
इस ग्राफिकल फोटो में पीएम मोदी और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के बयानों को लिखा गया है। मोदी सरकार के बयान के संदर्भ में लिखा गया है कि- “हमने भारतीय रिजर्व बैंक के साथ व्यापक परामर्श के बाद नोटबंदी की थी- सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार” वहीं रघुराम राजन के बयान के संदर्भ में लिखा गया है कि- “मैं नोटबंदी के समय आरबीआई का गवर्नर था। आरबीआई को विमुद्रीकरण पर एक भी निर्णय लेने के लिए नहीं कहा गया था – रघुराम राजन पूर्व आरबीआई गवर्नर”
फैक्ट चेक:
वायरल दावे की जांच करने के लिए DFRAC की टीम ने सबसे पहले Google पर सिंपल सर्च किया। हमने तत्कालीन RBI गवर्नर के बारे में जानने के लिए सर्च किया। मेनस्ट्रीम मीडियो की कई रिपोर्ट्स में सामने आया कि 8 नवंबर 2016 को जब 500 और 1000 के नोट को बंद किया गया था, उस वक्त आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल थे।
फिर हमने गूगल पर कुछ की-वर्ड्स सर्च करके पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के बयान के संदर्भ में सर्च किया। इस संदर्भ में हमें कई रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमें उन्होंने साफ किया था कि उनसे सरकार ने पूछा था, लेकिन उन्होंने बहुत ही मौखिक जवाब दिया था|
निष्कर्ष:
इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि वाईएसआर का दावा गलत है, क्योंकि नोटबंदी के समय गवर्नर डॉ उर्जित पटेल थे, न कि रघुराम राजन।