हिन्दू पुजारी के धार्मिक आदेश पर लोगों ने तोड़ डाले करोड़ों रुपए के सोलर पैनल? पढ़ें- फैक्ट चेक

Fact Check hi Featured Misleading

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारत के एक हिन्दू पुजारी ने सोलर पैनल के विरूद्ध धार्मिक आदेश दिया था, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने करोड़ों रुपए की लागत से लगाए गए सोलर पैनल को तोड़ डाला। इस वीडियो में महिलाओं और पुरुषों को सोलर पैनल को हथौड़े से तोड़ते देखा जा सकता है। 

इस वीडियो को शेयर करते हुए सीरियाई लेखक और पत्रकार अहमद मोवफ़ाक़ ज़ाइडन ने लिखा- 

في إحدى مناطق #الهند تم تركيب الواح الطاقة الشمسية لتوفير الكهرباء للمناطق الفقيرة، لكن” احد رجال الدين “الهندوس أفتى بحرمتها لانها تمتص الشمس، فقام الفقراء بتكسير ها… حين يلعب الدين دوراً في الهدم وليس البناء… “الحمد لله على دين #الإسلام

जिसका हिन्दी अनुवाद है- “भारत मे एक स्थान पर, गरीब क्षेत्रों में बिजली प्रदान करने के लिए सोलर पैनल स्थापित किए गए थे, लेकिन एक हिंदू पुजारी ने एक धार्मिक आदेश जारी किया कि यह निषिद्ध है, क्योंकि यह सूर्य को अवशोषित करता है, इसलिए गरीबों ने इसे तोड़ दिया … जब धर्म विध्वंस में भूमिका निभाता है, और निर्माण नहीं … इस्लाम धर्म के लिए ईश्वर की स्तुति करो।” 

Source: Twitter

अहमद मोवफ़ाक़ हेट पेडलिंग अकाउंट, @SupportProphetM और इसके सदस्यों @drassagheer, @Ali_AlQaradaghi और @melhamy से भी जुड़ा हुआ है।

इसी तरह कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया है।

Source:Twitter
https://twitter.com/abdulkafi915/status/1587015170190098434
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https://twitter.com/fshamlani1/status/1587087692092919808
Source: Twitter

फैक्ट चेक:

वायरल वीडियो की वास्तविकता की जांच करने के लिए, DFRAC टीम ने वीडियो को अलग-अलग कीफ्रेम में विभाजित किया और फिर कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च किया। सर्च करने पर हमें क्लाइमेट समुराई की वेबसाइट पर एक वीडियो मिला। इस स्टोरी को 15 फरवरी, 2018 को इस शीर्षक के साथ अपलोड किया गया था, “देखिये: महाराष्ट्र में 100 मेगावॉट के सौर संयंत्र के सौर पैनलों को मजदूरी का भुगतान न करने के कारण तोड़ दिया गया।” {हिन्दी अनुवाद}

वायरल वीडियो और क्लाइमेट समुराई द्वारा अपलोड किए गए वीडियो की तुलना

  वायरल वीडियो                             क्लाइमेट समुराई द्वारा अपलोड वीडियो

दोनों वीडियो की तुलना करने पर यह साफ हो गया कि दोनों वीडियो एक जैसे हैं।

निष्कर्ष

इस DFRAC फैक्ट चेक से यह स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो पुराना है और सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा गलत संदर्भ के साथ शेयर किया जा रहा है। इसमें कहीं भी यह उल्लेखित नहीं है कि हिंदू पुजारी के धार्मिक आदेश के बाद सोलर पैनल को तोड़ा गया। यह हिन्दू धर्म को बदनाम करने की नीयत से शेयर किया गया प्रतीत होता है। क्योंकि मजदूरों द्वारा सोलर पैनल में तोड़फोड़ करने का कारण मजदूरी का भुगतान न होना था। 

दावा: हिन्दू पुजारी के धार्मिक आदेश पर लोगों ने तोड़ डाले करोड़ों रुपए के सोलर पैनल 
दावाकर्ता: अहमद मोवफ़ाक़ी ज़ैदान और अन्य सोशल मीडिया यूसर्स
फैक्ट चेक: भ्रामक