पैगंबर मोहम्मद पर नुपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के बाद काफी बवाल हुआ था। मीडिया और सोशल मीडिया पर इस विवाद पर काफी चर्चा की गई थी। वहीं इस दौरान कई फेक और भ्रामक दावे भी किए गए थे। इस विवाद में दुनिया के कई देशों के ऐसे सोशल मीडिया यूजर्स थे, जो एक एजेंडे के तहत कार्य कर रहे थे। खासतौर पर पाकिस्तान और बांग्लादेश के यूजर्स ने फेक और भ्रामक सूचनाएं फैलाई।
बांग्लादेश की एक यूजर हैं तबस्सुम अख्तर, जिनका ट्विटर हैंडल @tabachsumA है। ट्विटर पर उनके 96,000 फॉलोवर्स हैं। वह ट्विटर पर काफी सक्रिय हैं। उन्होंने जनवरी 2019 में अपना ट्विटर अकाउंट बनाया था और अब तक 25,000 से ज्यादा ट्वीट कर चुकी हैं।
तबस्सुम अख्तर ने भारत में पैगंबर विवाद के संदर्भ में ब्रिटेन के क्रिकेट खिलाड़ी मोईन अली को लेकर एक ग्राफिकल फोटो ट्वीट किया। उन्होंने बंगाली भाषा में लिखा- “রাসূল (সঃ) কে করা অপমানের জন্য ভারত যদি ক্ষমা প্রার্থনা না করে তাহলে ভারতে আর কখনো খেলতে যাবেন না বৃটিশ খেলোয়াড় মইন আলী। 💜 #Stopinsulting_ProphetMuhammad”
जिसका गूगल ट्रांसलेशन की मदद से हिन्दी अनुवाद है- “अगर भारत पैगंबर (PBUH) का अपमान करने के लिए माफी नहीं मांगता है तो ब्रिटिश खिलाड़ी मोईन अली भारत में कभी नहीं खेलेंगे #Stopinsulting_ProphetMuhammad”
वहीं ग्राफिकल फोटो में बंगाली भाषा में एक टैक्स्ट लिखा है, जिसका गूगल ट्रांसलेशन की मदद से हिन्दी अनुवाद है- “मोईन अली… अगर भारत उनके ईशनिंदा भाषण के लिए माफी नहीं मांगता है, तो मैं भारत में फिर कभी मैच नहीं खेलूंगा। मैं आईपीएल का बहिष्कार करूंगा। और मैं अपने साथी मुस्लिम भाइयों से भी ऐसा ही करने की अपील करूंगा, मैं मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) से प्यार करता हूं।”
फैक्ट चेकः
तबस्सुम अख्तर के दावे की पड़ताल के लिए DFRAC की टीम ने कुछ कीवर्ड्स सर्च किया। हमने पाया कि DFRAC की टीम द्वारा पहले भी इस संदर्भ में फैक्ट चेक किया जा चुका है। DFRAC के फैक्ट चेक को नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।
DFRAC फैक्ट चेक में यह उल्लेखित किया गया है कि ब्रिटिश क्रिकेट खिलाड़ी मोईन अली ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। जिस हैंडल से ऐसा ट्वीट किया गया था, वह मोईन अली का नहीं बल्कि उनका फेक अकाउंट था।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि तबस्सुम अख्तर द्वारा किया जा रहा दावा गलत है। उन्होंने ब्रिटिश क्रिकेट खिलाड़ी मोईन अली के बयान के संदर्भ में फेक दावा किया है।