तुर्की से संचालित होने वाले उर्दू भाषा के न्यूज़ पोर्टल तुर्की उर्दू ने भारत के सबंध में एक खबर चलाई। जिसमे दावा किया गया कि मुस्लिम दुश्मनी में भारतीय हिंदुओं के द्वारा मुस्लिम बच्चों का अस्पतालों में इलाज नहीं किया जा रहा।
तुर्की उर्दू ने एक वीडियों पोस्ट कर अपने ट्वीट में लिखा – भारतीय चरमपंथी हिंदुओं की मुस्लिम दुश्मनी, एक मुस्लिम बच्चे को मुसलमान कह कर अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया, अस्पताल के बाहर उसकी मां की गोद में बच्चे की मौत हो गई। ये है सेक्युलर इंडिया
फैक्ट चेक:
तुर्की उर्दू के दावे की जांच के DFRAC टीम ने वीडियो को InVID टूल की मदद से कीफ्रेम में बदला। साथ ही कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया। परिणामस्वरूप हमें वीडियो का एक स्क्रीन ग्रैब दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में मिला।
इस रिपोर्ट में वीडियो की सच्चाई तुर्की उर्दू के दावों के विपरीत मिली। रिपोर्ट में बताया गया कि बच्चे को मुस्लिम दुश्मनी में नहीं बल्कि पचास हजार रुपए जमा नहीं कराने के कारण भर्ती नहीं किया गया था। जिससे इलाज के अभाव में बच्चे की मौत हो गई।
बच्चे के पिता मो. हलीम ने कहा – ‘बेटे को 5 दिन से बुखार आ रहा था। उसे मऊआइमा के अमन अस्पताल में भर्ती कराया था। मगर, आराम नहीं मिला तो अमन अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। इसके बाद हम बेटे को लेकर शांतिपुरम् के प्राची अस्पताल गए। वहां दो घंटे तक हम लोगों को परेशान किया गया।
Source: Dainik Bhaskar
हलीम ने बताया कि हम लोग भर्ती करने के लिए कहते रहे, लेकिन स्टाफ ने कहा कि पहले 50 हजार रुपए जमा कर दो, फिर हम भर्ती करेंगे। मैं और मेरी पत्नी डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ाते रहे कि बेटे को भर्ती कर लें। हम लोग रुपए का इंतजाम कर लेंगे। मगर, डॉक्टरों ने एक न सुनी और अंत में बच्चे की मौत हो गई।
निष्कर्ष:
अत: स्पष्ट है कि तुर्की उर्दू का दावा भ्रामक है।