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हेट फैक्ट्री 4: काकावाणी का सोशल मीडिया पर नफरत का प्रचार

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काकावाणी उर्फ अली सोहराब को सोशल मीडिया पर घृणित और सांप्रदायिक सामग्री पोस्ट करने के लिए जाना जाता है। उसने अपने ट्विटर बायो में खुद को एक डरा हुआ पत्रकार बताया हुआ है। गौरतलब है कि ट्विटर आपत्तिजनक पोस्ट के लिए उसके 9 अकाउंट्स को एक-एक करके पहले ही सस्पेंड कर चुका है। लेकिन हर बार की तरह एक बार फिर से वह अपने नफरत भरे कंटेट के साथ नया अकाउंट बनाकर सामने आ जाता हैं। इस बार अली सोहराब ने ट्विटर पर अपना 10वां अकाउंट Ali Sohrab (10.0) बनाया है। इस अकाउंट के जरिए वह अपने नफरत भरे एजेंडे पर काम कर रहा हैं। हम निम्नलिखित रिपोर्टों में पहले ही उसके शातिर नरेटिव को कवर कर चुके हैं:

अली सोहराब के ट्विटर अकाउंट का अवलोकन

फिलहाल अली सोहराब के ट्विटर पर 18.8K फॉलोअर्स हैं। उसने खुद को सोशल मीडिया इन्फ़लुएंसर बताया लेकिन उसका हैंडल सांप्रदायिक तनाव को भड़काने वाले पोस्टों से भरा है। हमने अपनी पिछली रिपोर्टों में भी उसके नफरत के एजेंडे को अच्छी तरह से कवर किया है। उसके हेट नरेटिव के कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं।

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अली सोहराब के फेसबुक अकाउंट का अवलोकन

अली सोहराब के फेसबुक पर 274K फॉलोअर्स हैं। जहां वह आम तौर पर भड़काऊ और गुमराह करने वाला कंटेंट पोस्ट करता हैं। उसका ये पेज 9 अक्टूबर, 2018 को बनाया गया था। जिसे दो जगहों से संचालित किया जाता है जिसमें कतर और सऊदी अरब शामिल हैं। बता दें कि उसका ट्विटर अकाउंट नौ बार सस्पेंड किया जा चुका है, लेकिन उसका फेसबुक अकाउंट अभी तक सस्पेंड नहीं किया गया है। ट्विटर पर एक नया अकाउंट बनाने के बाद, वह इसके बारे में अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट करता हैं। इस तरह वह अपने नए ट्विटर अकाउंट पर बहुत कम समय में काफी फॉलोअर्स हासिल कर लेता है।

ट्विटर पर जब भी उसका अकाउंट सस्पेंड होता है तो वह नया अकाउंट बना लेते हैं। ट्विटर पर नया अकाउंट बनाने के बाद वह इसके बारे में अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट करते हैं। इस तरह वह अपने नए ट्विटर अकाउंट पर बहुत कम समय में काफी फॉलोअर्स हासिल कर लेता है।

उसकी फेसबुक प्रोफाइल भारत के संविधान की आलोचना करने वाले पोस्ट और अन्य धर्म के खिलाफ घृणित पोस्ट से भरी पड़ी है। अपने पोस्ट के माध्यम से वह यह संदेश देने की कोशिश करता हैं कि संवैधानिक धर्मनिरपेक्षता मुस्लिम विरोधी है। जिसके कुछ उदाहरण नीचे दिये गए हैं:

सांप्रदायिक नफरत भड़काने वाली पोस्ट

अली सोहराब के इंस्टाग्राम अकाउंट का अवलोकन

फिलहाल अली सोहराब के इंस्टाग्राम पर 78.3K फॉलोअर्स हैं। उसके ट्विटर और फेसबुक हैंडल की तरह, उसका इंस्टाग्राम हैंडल भी घृणित और उत्तेजक कंटेंट से भरा पड़ा है। जिसमें शामिल हैं:

मुसलमानों को भड़काने वाले घृणित वीडियो।

अली सोहराब ने एक शख्स का वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि, “यह मुस्लिम समुदाय की कमजोरी है कि वे खुदाई की अनुमति देते हैं, अगर आप हमारे गुरुद्वारे की एक ईंट हटाते हैं, तो हम आपकी संसद की ईंटें हिला देंगे।”

https://www.instagram.com/tv/CeV7PgVI2_I/?igshid=MDJmNzVkMjY%3D

धर्म के नाम पर खतरनाक और गुमराह करने वाला कंटेंट

अली सोहराब ने अभद्र भाषा में एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘हम निजाम-ए-मुस्तफा को फिर से खारिज करते हैं और हां, हम जितना जुल्म सहेंगे, हम बर्दाश्त करेंगे लेकिन निजाम-ए-कुफ्र पर हम कोई ‘लड़ाई’ नहीं होने देंगे। महमूद तांडवी।

https://www.instagram.com/tv/CeY3FejI97Z/?igshid=MDJmNzVkMjY%3D

हिंदुओं के बारे में अपमानजनक कैप्शन वाली पोस्ट

ऐसे ही एक पोस्ट में उसने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें एक शख्स एक धार्मिक शिक्षक से नॉन वेज खाने के बारे में पूछ रहा था। उसने वीडियो को कैप्शन दिया, “हिंदुओं के लिए मांस, मछली खाना पाप है, लेकिन शूद्र से लेकर बिहार के ब्राह्मण केवल मांस खाते हैं ताकि मुसलमानों को सस्ता मांस और मछली न मिले!”

https://www.instagram.com/p/Ch9wTWUjbQS/?hl=en

नफरत फैलाने वाले जाकिर नाइक का समर्थन करना

जाकिर नाइक के बारे में इंडिया टुडे की एक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए उसने लिखा, “मोदी सरकार डॉ. जाकिर नाइक पर झूठा आरोप लगाकर उन्हें बैन करने की तैयारी कर रही थी…”

https://www.instagram.com/p/CfQyx9yIJIN/?hl=en

ऐसे ही एक अन्य पोस्ट में उसने जाकिर नाइक का एक वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन दिया, “सीएए और कश्मीर में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों का समर्थन करने के लिए मोदी सरकार ने जाकिर नाइक के सामने क्या प्रस्ताव रखा गया, जाकिर नाइक से खुद सुनिए।

https://www.instagram.com/p/CYyn2Ahpule/?hl=en

हिंदू देवी-देवताओं पर अपमानजनक टिप्पणी

उसने इस कैप्शन के साथ एक वीडियो पोस्ट किया, “हुनूद को आसानी से जवाब दिया जा सकता है कि “रामायण के अनुसार जब सीता वनवास पर गई थी, तब वह 18 साल की थी और 12 साल से शादीशुदा जीवन में थी यानी 6 साल की उम्र में शादीशुदा जीवन का आनंद ले रही थी” लेकिन लोकतंत्र / कुफरीया निज़ाम यही चाहता है कि FOE के नाम पर ईशनिंदा जारी रहे…”

https://www.instagram.com/p/CeY0ZiUASOo/?hl=en

फेक तस्वीरें इस दावे के साथ कि वे ज्ञानवापी मस्जिद की हैं

अली सोहराब ने दो तस्वीरें पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा कि, ‘सर्वेक्षण टीम रोज वजू कर मस्जिद का सर्वे कर रही थी, लेकिन टीम को कुछ नहीं मिला तो आखिरी दिन वजूखाना के फव्वारे में शिवलिंग नजर आया? खैर, ये सारी दलीलें बेकार हैं क्योंकि अगर तागूती अदालत चाहे तो बिना सर्वे के मानसिक गुलामों के पूजा स्थलों को सील कर सकती है… आप चाहें तो असहमत हो सकते हैं लेकिन जब तागूती अदालत ने वजुखाना में शिवलिंग बताकर फव्वारा को सील करने का आदेश दिया है, अगर आप तागुत की ऐसी गुलामी करते रहे, तो वह दिन दूर नहीं जब यह तागूती अदालत और निजाम शिवलिंग को आपकी शर्मिं

दगी कहते हैं। इसे सील कर देंगे! ”

दरअसल पहली तस्वीर राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह के वजूखाने की है। जबकि दूसरी तस्वीर नखोदा मस्जिद, कोलकाता के वजूखाने की है।

वर्डक्लाउड

अली सोहराब के ट्वीट्स में इस्तेमाल किए गए शब्दों को दिखाता है। इनमें मुसलमान (Muslim), हुनूद (Hindus), रसूल (Rasool), अल्लाह (Allah), सिस्टम (system), इस्लाम (Islam) और लोकतान्त्रिक (Constitutional) शामिल हैं। वह हुनूद शब्द का इस्तेमाल हिंदू समुदाय के लोगों और उदारवादियों के लिए लिब्बू का प्रयोग करता हैं।

निष्कर्ष

ट्विटर पहले ही अली सोहराब के नौ खातों को निलंबित कर चुका है लेकिन वह अपने नए ट्विटर हैंडल से नफरत फैलाना जारी रखे हुए है। ट्विटर के अलावा, वह अपने फेसबुक अकाउंट के साथ-साथ इंस्टाग्राम अकाउंट से भी बड़े पैमाने पर हेट कंटेट पोस्ट करता है। उसके अकाउंट पर भारत के संविधान और धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा की आलोचना करने वाले कई पोस्ट हैं। उसके अधिकांश पोस्ट सांप्रदायिक प्रकृति के हैं और आम जनता को गुमराह करने और सांप्रदायिक घृणा को भड़काने की क्षमता रखते हैं।

वह सच्चाई के साथ खिलवाड़ करता है ताकि मुसलमानों में अलगाव की भावना पैदा की जा सके। यह अकाउंट सांप्रदायिक विद्वेष के एजेंडे पर काम करता है और धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह करता है। उसके जैसे लोग भारतीय समाज में “विविधता में एकता” की मूल अवधारणा के लिए गंभीर खतरा हैं।