सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं को देखा जा सकता है। इस तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर सन 1990 की है, जब लालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से यूपी के अयोध्या तक रथयात्रा निकाली थी।
इस फोटो को शेयर करने वाले यूजर्स दावा कर रहे हैं कि बिहार में लालू प्रसाद यादव की सरकार ने जिस वक्त लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार किया गया, उस वक्त उनके सारथी वहां से भाग गए थे। यूजर्स का इशारा नरेंद्र मोदी की तरफ था। एक यूजर ने लिखा- “आडवाणी का रथयात्रा. जब लालू जी ने बिहार के समस्तीपुर में आडवाणी को गिरफ्तार किया था तब मोदी रथ से उतरकर भाग गया था”
एक यूजर ने लिखा- “समस्तीपुर के तत्कालीन DM आर. के. सिंह ने जब लालकृष्ण आडवाणी जी को 1990 में #गिरफ्तार किया था तब उनके रथ के 56 इंची सारथी रथ से अपना झोला समेटकर 9-2-11 हो गये थे!”
फैक्ट चेकः
वायरल हो रहे दावे का फैक्ट चेक करने के लिए हमने गूगल पर रथयात्रा और गिरफ्तारी को लेकर सर्च किया। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक लालकृष्ण आडवाणी समस्तीपुर के सर्किट हाउस में रूके थे। अगले दिन पटेल ग्राउंड में उनकी जनसभा होनी थी। जब सभी कार्यकर्ता जनसभा की तैयारी के लिए चले गए, तब रात में आडवाणी को गिरफ्तार किया गया था।
वहीं न्यूज नेशन की रिपोर्ट के मुताबिक नरेंद्र मोदी इस रथयात्रा के प्लानिंग और प्रबंधन करने रहे थे। जिसके बाद उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए उन्हें मुरली मनोहर जोशी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकलने वाली रथयात्रा का सारथी बना दिया गया था।
वहीं इस फोटो को फैक्ट चेक करने के लिए हमने गूगल पर रिवर्स सर्च किया। हमें आज तक की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट को शीर्षक- “कैसा था सोमनाथ में माहौल जब आडवाणी राम मंदिर के संकल्प के साथ रथ-यात्रा पर निकले” दिया गया था।
इस रिपोर्ट में वायरल हो रही फोटो का इस्तेमाल किया गया है। इसके मुताबिक जब रथयात्रा निकली तो सोमनाथ के हालात बारे में बताया गया है। जिससे यह प्रतीत होता है कि यह फोटो सोमनाथ से जब रथयात्रा निकल रही थी, तब की है।
निष्कर्षः
वायरल फोटो का फैक्ट चेक करने के बाद स्पष्ट हो रहा है कि सोशल मीडिया यूजर्स का दावा गलत है। जो फोटो शेयर की जा रही है वह बिहार की नहीं बल्कि गुजरात की है।