
धुरिया राम स ने कैप्शन, “मुगल चले गए, इन लुटेरों को छोड़ गए , #लुटेरा_केजरीवाल @beingarun28” के साथ यही ग्राफ़िकल इमेज ट्वीट किया है।
फ़ैक्ट चेक
CAG की रिपोर्ट के हवाले से किए गए दावे की जांच-पड़ताल करने के लिए हमने इंटरनेट कुछ की-वर्ड की मदद से सर्च किया। हमें अलग अलग मीडिया हाउसेज़ द्वारा पब्लिश कई रिपोर्ट्स मिलीं।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली सरकार ने 2015 से ही अतिरिक्त राजस्व बरकरार रखा है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए CAG की ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार का रेवेन्यू सरप्लस 7,499 करोड़ रुपये था, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि सरकार के पास खर्चों को पूरा करने के लिए आय पर्याप्त रही। इसके मुताबिक, ‘2019-20 में अतिरिक्त राजस्व जीएसडीपी का 0.88 प्रतिशत था जबकि 2018-19 में यह 0.81 प्रतिशत रहा था’।

न्यूज़18 हिंदी ने भी शीर्षक, “CAG रिपोर्ट से गदगद हैं अरविंद केजरीवाल, कहा- यह AAP सरकार की ईमानदारी का सबसे बड़ा सबूत” के तहत रिपोर्ट पब्लिश कर बताया है कि दिल्ली सरकार सरप्लस में है।

वहीं हमें Etv Bharat की हेडलाइन “सीएजी रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार को घेरा” के तहत एक रिपोर्ट मिली जिसमें कांग्रेस के हवाले से बताया गया है- “स्टेट फाईनेंस ऑडिट पहल रिपोर्ट में यह उजागर करती है कि बड़े-बड़े दावे करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार वर्ष 2019-20 में 64,180.68 करोड़ के बजट का 19.74 प्रतिशत 12,670.65 करोड़ खर्च ही नही कर पाई. जिसकी 74.03 प्रतिशत राशि 9,380.69 करोड़ रुपये खर्च नही करने के कारण सरेंडर कर दिया और 3289.96 करोड़ का बजट समर्पण न करने के कारण लैप्स हो गया।”

Etv Bharat की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस ने जो डेटा दिया है, वो वायरल ग्राफ़िकल इमेज से काफ़ी अलग है।
निष्कर्ष:
DFRAC के इस फ़ैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल ग्राफिकल इमेज भ्रामक है, क्योंकि CAG ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के रिवेन्यू को सरप्लस में बताया है।
दावा : CAG की रिपोर्ट अनुसार दिल्ली सरकार घाटे में है
दावाकर्ता : सोशल मीडिया यूज़र्स
फ़ैक्ट चेक : भ्रामक