पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) का इस्लाम धर्म में अल्लाह के बाद सर्व्वोच स्थान है। दुनिया भर के 1.8 बिलियन मुसलमानों के लिए पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) का सम्मान एक भावनात्मक मुद्दा है। दुनिया के किसी भी हिस्से में पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) पर की जाने वाली विवादित टिप्पणियां, उनके बारे में दिये जाने वाले विवादित बयान दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी को सीधे प्रभावित करते है। जिसका सीधा असर जियो पॉलिटिक्स पर भी पड़ता है। फ्रांस की पत्रिका चार्ली हेब्दों और डेनमार्क के अखबार जीलैंड्स-पोस्टेन द्वारा छापे गए विवादित कार्टून के कारण दोनों देशों को दुनिया भर में काफी विरोध झेलना पड़ा था।
भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के द्वारा पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) पर दिये गए विवादित बयान के बाद भारत में भी काफी विवाद हुआ। उल्लेखनीय है कि भारत के सदियों से अरब और मुस्लिम देशों से मित्रवत सबंध रहे है। इतिहास में पहली बार भारत को इन देशों की सख्त नाराजगी का सामना करना पड़ा। हालांकि ये पूरा मामला जैसा प्रतीत होता है। वैसा है नहीं। इस बारे में DFRAC अपनी इस रिपोर्ट में बड़ा खुलासा करने जा रहा है कि कैसे पैगंबर की आड़ में एक प्रायोजित भारत विरोधी अभियान को चलाया गया.
الھیئة العالمیة لنصرة نبي الإسلام @SupportProphetM
الھیئة العالمیة لنصرة نبي الإسلام यानि इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन टु सपोर्ट द प्रॉफ़ेट ऑफ इस्लाम पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) के समर्थन में चलाया जाना वाला एक वैश्विक अभियान है। जो अंतराष्ट्रीय स्तर पर पैगंबर के सम्मान और इस्लामोंफोबिक मुद्दों को ये ज़ोर-शोर से उठाने का दावा करता है। इससंगठन के अधिकतर सदस्यों का धार्मिक जुडाव “मुस्लिम ब्रदरहुड” से है। यह सय्यद क़ुतुब, अबुल आला मौदूदी के राजनैतिक इस्लाम और इब्न तैमिया व इब्न अब्दल वहाब के सलाफ़ी विचारधारा पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इब्न अब्दल वहाब पर इस्लाम की कट्टर विचारधारा को बढ़ाने और पैगंबर मुहम्मद और उनके परिजनों का अपमान करने का आरोप है। ऐसे में ये बात बड़ी हास्यास्पद है कि जिस विचारधारा के जनक ने ही पैगंबर का अपमान किया हो तो उस विचारधारा के लोग आखिर क्यों पैगंबर के समर्थन में खड़े हो रहे है?
@SupportProphetM की वेबसाईट के अनुसार दुनिया भर के 50 से अधिक कथित उलेमाओं को जोड़कर इस संगठन का गठन किया गया। जिसका संचालन तुर्की के इस्तांबुल से होता है। संगठन में न्यासी बोर्ड के सदस्य के रूप में भारत से शेख सलमान हुसैन अल हुसैनी अल नदवी भी शामिल है। उन पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के प्रमुख अबूबक्र अल बगदादी को पत्र लिखकर समर्थन करने का आरोप है।
नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद संगठन की और से दुनिया भर में विशेषकर खाड़ी और अरब मुल्कों में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार का अभियान चलाया गया। हालांकि ये अभियान शुरू में पैगंबर के सम्मान से जुड़ा दिखाई देता है। लेकिन बाद में स्पष्ट हो गया कि दुष्प्रचार का ये अभियान पैगंबर के सम्मान के लिए नहीं बल्कि भारत को अंतराष्ट्रीय स्तर पर निशाना बनाने के लिए है। संगठन की और से भारत के आंतरिक मामलों में सीधे हस्तक्षेप की कोशिश की गई।
@SupportProphetM
@SupportProphetMالھیئة العالمیة لنصرة نبي الإسلام यानि इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन टु सपोर्ट द प्रॉफ़ेट ऑफ इस्लाम का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट है। ये अकाउंट 13 अक्टूबर 2021 को बनाया गया था। अकाउंट के वर्तमान में 73.7K फॉलोवर है। इस अकाउंट के जरिए भारत की छवि को मुस्लिम और अरब देशों में खराब करने के लिए कई हैशटैग चलाए गए। इन हैशटैग के साथ भारत को बदनाम करने के लिए फेक और भ्रामक खबरों का भी सहारा लिया गया।
फैक्ट चेक
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नासिक में अफगानी सूफी मौलाना की हत्या को दिया सांप्रदायिक रंग
महाराष्ट्र के नासिक में अफगान नागरिक सूफी मौलाना ख्वाजा सैयद जरीब चिश्ती की गोली मारकर की गई हत्या को @SupportProphetM द्वारा सांप्रदायिक रंग दिया गया।
@SupportProphetM ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘हिंदुओं ने मस्जिद के इमाम को बनाया निशाना। 35 वर्षीय मुस्लिम मौलवी ख्वाजा सैयद चिश्ती की 4 हिंदुओं ने गोली मारकर हत्या कर दी। हालांकि @SupportProphetM का ये दावा हमारी जांच में पूरी तरह से झूठा निकला।
दरअसल, जांच के दौरान हमें ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट मिली।रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने प्राथमिक तौर पर इमाम की हत्या के पीछे प्रॉपर्टी विवाद बताया। साथ ही कहा कि इस मामले में कोई भी सांप्रदायिक एंगल सामने नहीं आया।
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हिन्दू ड्राइवर द्वारा बुर्कानशीन महिला को कार से रौंदे जाने का किया झूठा दावा
@SupportProphetM द्वारा एक बुर्कानशीन महिला को कार से रौंदे जाने का वीडियो ट्वीट कर अरबी में कहा गया कि हैदराबाद में एक हिंदू ने अपनी कार से नकाबपोश मुस्लिम को टक्कर मारी और भाग गया।
हालांकि हमारी जांच में ये दावा भी भ्रामक पाया गया।
दरअसल, जांच के दौरान हमें एनडीटीवी की एक रिपोर्ट मिली। जिसमे राजेंद्रनगर पुलिस स्टेशन के निरीक्षक नागेंद्र बाबू के हवाले से कहा गया कि”उसी कॉलोनी का आरोपी गाड़ी चलाना सीख रहा था। इस दौरान गाड़ी नियंत्रण से बाहर हो गई और लड़की को टक्कर मार दी। वाहन, सैंट्रो को जब्त कर लिया गया।”
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पीएम मोदी के विरोध में शेयर कर डाली फेक इमेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तमिलनाडू की यात्रा को लेकर @SupportProphetM द्वारा एक तस्वीर पोस्ट की गई। जो किसी रेलवे स्टेशन के साईन बोर्ड की है। इस तस्वीर पर लिखा है। तमिलनाडु कहता है – गो बैक मोदी, हम तुमसे नफरत करते है।
हालांकि हमारी जांच में इस तस्वीर को फेक पाया गया।
अरब देशों में भारत विरोधी दुष्प्रचार:
नूपुर शर्मा के बयान के बाद अरब देशों में भारत विरोधी दुष्प्रचार करने के लिए इस अकाउंट के जरिए कई हैशटेग चलाये गए। जिसमे #طرد_السفير_الهندي (भारतीय राजदूत का बहिष्कार करें), #مقاطعة_المنتجات_الهندية (भारतीय उत्पाद का बहिष्कार करें), # اطردواالهندوسمن_الخلي (हिन्दुओ को बाहर निकाले) # مودي_قتل_مدثر (मोदी ने मुदासिर को मारा) #حاكمواموديوحزبه (मोदी और उसकी सरकार की समीक्षा करें) #إلا_رسول_الله_يا_مودي#إلا_رسول_الله (या तो नबी या मोदी),#غضبةالمليارلرسول_الله (नबी के लिए करोड़पतियों का गुस्सा) शामिल है। जो अब भी जारी है। इन हैशटेग के साथ किए गए ट्वीट में भारत में अतीत में घटित हो चुकी घटनाओं को भी तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया। जिससे अरब देशों को ऐसा प्रतीत हो कि भारत में मुसलमानों पर होने वाला अत्याचार जल्द ही नरसंहार का रूप धारण कर सकता है।
कुवैत में चलने वाले भारत विरोधी हैशटेग का विश्लेषण
ये हैशटेग उसी तरह से चलाये गए जैसे इससे पहले कुवैत में चलाये गए थे। जिसका खुलासा DFRAC ने अपनी रिपोर्ट कुवैत में चलने वाले भारत विरोधी हैशटेग का विश्लेषण में किया है।
#طرد_السفير_الهندي
इस हैशटेग को अरब देशों से भारतीय राजदूत को निकालने की अपील के साथ चलाया गया। इस हैशटेग के साथ किए गए अधिकतर ट्वीट में भारत में मुस्लिमों पर हिंदुओं के अत्याचार को दिखाने की कोशिश की गई। इसके लिए हिंदुत्ववादियों के भड़काऊ भाषणों और कृत्यों को आधार बनाया गया।
अनुवाद: एक हिंदू साधु भारतीयों को मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ भड़काता है, और मुसलमानों से कहता है कि आपके परिवार और आपकी महिलाओं को खतरा होगा।हिंदू इस्लाम पर हमला करना और अपने अनुयायियों के दिलों में इस्लाम के प्रति नफरत फैलाना बंद नहीं करते हैं। |
अनुवाद: सिर्फ मांस के एक टुकड़े की वजह से, भारतीय राजधानी दिल्ली में मुसलमानों के खिलाफ मुकदमे की मांग करने के लिए खड़े। |
#إلا_رسول_الله_يا_مودي (या तो नबी या मोदी)
#إلا_رسول_الله_يا_مودي ये हैशटेग नूपुर शर्मा के बयान के सामने आने के तुरंत बाद शुरू हुआ था। इस हैशटेग के साथ किए गए ट्वीट में भारत सहित दुनिया भर में नूपुर शर्मा के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शनों को लेकर ट्वीट किया गया। साथ ही इसके लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार बताते हुए सीधे निशाना बनाया गया।
अनुवाद: हे दो अरब के राष्ट्र.. #مودي_قتل_مدثر 25 वर्षीय भारतीय युवक मुद्दस्सिर खान को भारतीय पुलिस ने सिर में गोली मार दी, जब वह ईश्वर के दूत का अपमान करने का विरोध कर रहा था, भगवान उसे आशीर्वाद दे और उसे शांति प्रदान करे। |
अनुवाद:अतीत में, फारस के राजा खोसरो ने ईश्वर के दूत के संदेश को फाड़ दिया, ईश्वर उसे आशीर्वाद दे और उसे शांति प्रदान करे परमेश्वर ने एक रात में अपने राज्य को अलग कर दिया।और यहां मोदी और सत्तारूढ़ भारतीय पार्टी में हमारी आंखों के सामने भगवान की सुन्नतें दोहराई जा रही हैं.. क्या कोई विश्वसनीय है !!? |
مقاطعة_المنتجات_الهندية (भारतीय उत्पादोंका करें बहिष्कार)
इस हैशटैग के अंतर्गत किए गए ट्वीट में आतंरिक मुद्दों को लेकर भारत को टारगेट किया गया है। इस हैशटैग के अंतर्गत भारत को हर छोटे से छोटे मुद्दे पर निशाना बनाने की कोशिश की गई। इसमे प्रमुख रूप से फेक्ट चेकर जुबेर की गिरफ्तारी, भारतीय रुपए का डॉलर के मुक़ाबले गिरना, विपक्षी सांसदों के धरने पर रोक, हिजाब पर प्रतिबंध, लूलू मॉल विवाद, अग्निपथ योजना का हिंसक विरोध आदि को ज़ोर-शोर से उठाया गया।
अनुवाद: मुसलमान सक्षम हैं। भारतीय सामानों के बहिष्कार के अभियानों की सफलता के बाद.. जुलाई की पहली छमाही में रुपये का रिकॉर्ड निचला स्तर। |
अनुवाद: मुसलमानों के खिलाफ भारतीय शासन के अपराधों को उजागर करने वाले पत्रकार मुहम्मद जुबैर की जमानत पर रिहाई का अनुरोध खारिज कर दिया गया, क्योंकि उनका नाम लखीमपुर राज्य में एक नए मामले में जोड़ा गया। |
अनुवाद: #हिजाब हमारा अधिकार है। |
अनुवाद:एक भारतीय अधिकारी द्वारा उसका फोन छीनने और बिना हिजाब के उसकी तस्वीरें खींचने से भारतीय मुस्लिम लड़की घबरा गई |
#مودي_قتل_مدثر (मोदी ने मुदासिर को मारा)
नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में 10 जून कोझारखंड की राजधानी रांची में विरोध-प्रदर्शन के दौरान मुदस्सिर आलम नामक नाबालिग की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस हैशटेग के अंतर्गत मुदस्सिर आलम की मौत के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार बताया गया।
अनुवाद:
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अनुवाद: एक गुप्त हत्या पर किसी का ध्यान नहीं जाएगा.. जब तक इन हत्यारों को मुकदमे में नहीं लाया जाता तब तक हम #حاكموا_مودي_وحزبهपुकारते रहेंगे..#مودي_قتل_مدثر..यह एक अपराध है..हम मुदासिर का खून बर्बाद नहीं होने देंगे। |
#غضبة_المليار_لرسول_الله (पैगंबर के लिए करोड़पतियों का गुस्सा)
इस हैशटैग के अंतर्गत भारत के खिलाफ विरोध करने की इस्लामिक विद्वानों के जरिये अपील की गई। इस अपील में पैगंबर के सम्मान की रक्षा करना हर मुसलमान के लिए एक ज़िम्मेदारी बताई गई। साथ ही भारत में मुस्लिमों पर होने वाली हिंसा का भी हवाला दिया गया। इस हैशटैग के अंतर्गत अपील के कई वीडियो भी जारी किए गए।
अनुवाद: कतरी पत्रकार अब्दुलअज़ीज़ अल-अंसारी – हिंदुओं को अरब प्रायद्वीप से निष्कासित किया जाना चाहिए। |
अनुवाद: शेख रायद सलाज : खुदा के रसूल के सामने बेनकाब हो जाते हैं और फिर मुसलमानों पर आतंकवाद का आरोप लगाते हैं.. यह कैसी मूर्खता है गायों के सेवकों की। |
#اطردوا_الهندوس_من_الخليج (हिंदुओं को खाड़ी से बाहर निकालो)
ये हैशटेग अरब और खाड़ी में रहने वाले हिंदुओं को निकालने के लिए चलाया गया। जिसमे कहा गया कि खाड़ी और अरब मुल्कों में रहने वाले हिन्दू यहां से पैसा कमाकर मुस्लिमों पर अत्याचार करते है।
अनुवाद:हमारे पास कई प्रेशर पेपर हैं जो हमारे कमजोर भाइयों को राहत देने का एक कारण हैं। |
अनुवाद: इस्लामिक राष्ट्र शक्तिहीन नहीं है.. अपने दबाव कार्ड का प्रयोग करें..हिंदुओं को अपना पैसा मत दो, क्योंकि वे भारत में तुम्हारे मुस्लिम भाइयों को इससे मार डालेंगे। |
अनुवाद: जिस अपराधी भारतीय मीडिया ने पहले काबा को बम से उड़ाने की धमकी दी थी, हिन्दू अब मांग कर रहे हैं कि भारत में मुसलमानों को भूखा रहने के लिए कोई नौकरी न दें!!! |
अनुवाद:#هندوسي ने एक लड़की को पीटने की धमकी दी”और उससे अल्लाह को अपशब्दकहने के लिए कहता है” हे दो अरब मुसलमानों के देशजब हमसे भारत में हमारे बच्चों और महिलाओं के बारे में पूछा जाएगा तो हम अल्लाह के सामने कैसे खड़े होंगे!?!आइए जानते हैं जवाब…! |
टाईमलाइन:
@SupportProphetM का ये ट्विटर अकाउंट अक्टूबर 2021 में बनाया गया था। इस अकाउंट से पहला ट्वीट 13 अक्टूबर को पोस्ट किया गया था। अकाउंट से 26 अक्टूबर, 2021 को लगभग 90 ट्वीट पोस्ट किए थे। जो कि अकाउंट द्वारा एक दिन में किए गए सबसे ज्यादा ट्वीट्स है। ये ट्वीट फ्रांसीसी उत्पादों के बहिष्कार को लेकर किए गए थे। ट्वीट 1, ट्वीट 2, ट्वीट 3 को यहां,यहां और यहां देखा जा सकता है।
बाद में, अकाउंट की पोस्ट टाइमलाइन स्थिर रही। लेकिन यह 5 जून को फिर से बढ़ने लगी। 30 जून 2022 को एक ही दिन में 80 ट्वीट किए गए। ये सभी पीएम मोदी के यूएई दौरे को लेकर किए गए।ट्वीट1, ट्वीट2, ट्वीट3 किए आदि।
सामी असादी (@sami_assaadi) का जिक्र करते हुए पहला ट्वीट हैशटैग फ्रेंच उत्पादों का बहिष्कार (#مقاطعة_المنتجات_الفرنسية354)के बारे में किया गया था।
हैशटैग का इस्तेमाल
ऊपर दिया ग्राफ @SupportProphetM द्वारा चलाये गए सबसे लोकप्रिय हैशटैग को दर्शाता है। जिसमे सबसे ज्यादा #طرد_السفير_الهندي का 325 से अधिक बार इसके बाद, #غضبةالمليارلرسول_اللهको 310 से अधिक बार उपयोग किया गया।
मेंशन अकाउंट:
ऊपर दिये गए आरेख में उन अकाउंट को दिखाया गया है जिनको@SupportProphetM द्वारा सबसे ज्यादा मेंशन या टैग किया गया। . @drassagheerको सबसे अधिक 130 बार मेंशन किया गया, उसके बाद@SupportProphetM के महासचिव सदस्य @melhamyको मेंशन किया गया। वहीं @Alhasniy23 को भी 45 बार टैग किया गया।
फॉलोवर क्रिएशन टाईमलाइन
इसके बाद हमने अकाउंट की अक्टूबर 2021 से जून 2022 तक की अवधि की जांच की। 4 अक्टूबर 2021 को, ट्विटर पर 186 नए अकाउंट बनाए गए, तब तकइन सभी ने@SupportProphetM को फॉलो और मेंशन करना शुरू कर दिया था। वहीं @SupportProphetM भी अक्टूबर के महीने में ही शुरू हुआ था।
5 जून 2022 के बाद, लगभग 230 नए अकाउंट बनाए गए और 6 जून को 200 अकाउंट बनाए गए, जैसा कि ऊपर दिए गए ग्राफ़ में देखा जा सकता है, ये भी @SupportProphetM को फॉलो करने लगे। इसके अलावा थोक में बनाए गए अधिकांश अकाउंट बॉट अकाउंट हैं।
फेक फॉलोवर ऑडिट
वेरीफाईड अकाउंट
@SupportProphetM के 73.7K से अधिक फॉलोवर हैं, उनमें से 42 वेरिफ़ाईड ट्विटर अकाउंट@SupportProphetM को फॉलो करते हैं। उन वेरिफ़ाईड अकाउंट में @ShaikhDadowशामिल हैं, जो @SupportProphetM से जुड़ा हुए हैं और ट्विटर पर उनके 305K से अधिक फॉलोवर हैं। उनके बाद @saeedthabitहैं जो यमन के अल जज़ीरा ब्यूरो प्रमुख हैं। उनके बाद @HaithamAlheweny, उनके बाद @MustafaSejariजो सीरियाई राजनेता हैं। फिर @dochijaziऔर जर्मनी सेरिसाला पोस्ट के प्रधान संपादक @HawasAhmadद्वारा भी फॉलो किया जाता है।
नॉन वेरिफ़ाईड अकाउंट
@SupportProphetM के फॉलोवर का एक बड़ा हिस्सा नॉन वेरिफ़ाईड अकाउंट का है। जिसमे कुवैत के पूर्व डिप्टी @Altabtabieभी शामिल है। इसके अलावा @mshinqiti, @saiedibnnasser, @drtarekelzomor, @bachtiarnasirआदि द्वारा भी फॉलो किया जाता है।
फॉलोवर लोकेशन
@SupportProphetM के 25,000 से अधिक फॉलोवर की लोकेशन का विश्लेषण करने के बाद, हमने फॉलोवर की लोकेशन को चिह्नित करते हुए एक वर्ल्ड मैप तैयार किया। जिससे पता चला कि इस अकाउंट के कई फॉलोवर मिस्र से हैं, उसके बाद सऊदी अरब और संयुक्त राज्य अमेरिका का नंबर हैं। भारत से 1,000 से अधिक अकाउंट @SupportProphetM को फॉलो करते हैं। बाकि फॉलोवर अल्जीरिया, यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सूडान, लीबिया, मोरक्को आदि से हैं।
भारत से फॉलो करने वाले अकाउंट
@SupportProphetM को भारत से1,000 से अधिक यूजर फॉलो करते है। जिनमे @thehawkeyex, @SamiullahKhan__(मुंबई से पत्रकार), @Saba_speak, @listenshaad(जम्मू से अधिवक्ता), @S_h_mehar, @ShakurK72498965 (राजस्थान से AIMM कार्यकर्ता), आदि शामिल है।
हैशटैग पर सबसे ज्यादा ट्वीट करने वाले अकाउंट
ऊपर दिया गया ग्राफ़ उन अकाउंट के बारे में दिखाता है जिन्होंने @SupportProphetM द्वारा चलाये गए 7 हैशटैग पर ट्वीट किए। @shafique_faqir ने सभी 7 हैशटैग पर वहीं @Hassanraisi70, @hdayh13, @mhmdahm51014725, @AhmedAl33450792, @amlimam2, आदि ने 7 में से 6 हैशटैग पर ट्वीट किया।
कट्टर सलाफ़ी संगठनो का समर्थन
जैसा कि ऊपर बताया गया किये संगठन जिन कथित उलेमाओं को जोड़कर बनाया गया है। उनमे से ज़्यादातर कट्टर सलाफ़ी विचारधारा को मानने वाले है। इस विचारधारा के जनक मुहम्मद बिन अब्द अल-वहाब है। अपने फतवों के जरिए उन्होने पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) को खुद अपमानित करने का कार्य किया। इस विचारधारा के लोगों की संख्या कुल मुसलमानों में एक फीसदी से भी कम है। लेकीन आज दुनिया भर में इस्लामी चरमपंथी हिंसा का मुख्य स्रोत है।
ज़ाकिर नाईक और उसके समर्थक भारत में इस विचारधारा को फैलाने में प्रमुख रहे है। वह 1 जुलाई 2016 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए बम ब्लास्ट के बाद चर्चा में आए थे। इस हमले में 29 लोगों की मौत हुई थी। जांच में सामने आया कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक जाकिर नाईक से प्रभावित था।
पार्ट 1 : जाकिर नाईक का संगठन प्रतिबंधित लेकिन उसका मिशन अब भी जारी
पार्ट 2 : जाकिर नाईक का संगठन प्रतिबंधित लेकिन उसका मिशन अब भी जारी
ब्लास्ट के बाद भारत में जाकिर नाईक के खिलाफ जांच शुरू हुई। जिसमे पाया गया कि उनके बयान आपत्तिजनक हैं और विभिन्न समुदायों के बीच नफरत फैलाते है। जांच के बाद जाकिर नाईक की संगठन को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया। हालांकि इसी बीच वह भारत छोड़ मलेशिया फरार हो गए। उनके समर्थक आज भी उनके मिशन को पूरी तत्परता से फैला रहे है। जिनमे आल इंडिया दावा सेंटर एसोसिएशन(AIDCA)प्रमुख है। जिसका खुलासा DFRACने अपनी रिपोर्ट में किया है। @SupportProphetM को AIDCAको प्रचारित करते हुए पाया गया है।
इसी तरह @SupportProphetM भारत विरोधी अमेरिकी लेखक और लॉ प्रोफेसरखालिद बेयदौनको भी प्रचारित करता है। जिसके भारत विरोधी दुष्प्रचार के बारे में DFRAC ने अपनी रिपोर्ट DFRAC विशेषः भारतफोबिया से ग्रसित हैं अमेरिकी लेखक और प्रोफेसर खालिद बेयदौन में खुलासा किया है।
फेसबुक पर भी भारत विरोधी दुष्प्रचार
@SupportProphetM का ट्विटर की तरह फेसबुक पर भी भारत विरोधी दुष्प्रचार जारी है। फेसबुक पर इसके 84,440 से ज्यादा फॉलोअर्स है।
फेसबुक पर @SupportProphetMका पेज 12 अक्टूबर, 2021 को बनाया गया था और एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के रूप में पंजीकृत है।
फेसबुक पेज पर 14 सदस्य हैं, जिनमें से 11 सदस्य तुर्की से हैं। ट्विटर की सभी तस्वीरों और वीडियो को समान रूप से पेज पर भी पोस्ट किया जाता है।
इसके साथ ही DFRAC टीम ने @SupportProphetM की वेबसाइट के बारे में भी जानकारी एकत्रित की। जिससे पता चला कि वेबसाइट 15 अक्टूबर 2021 को पंजीकृत की गई थी।
वेबसाईट की डोमेन और सर्वर की की जानकारी को छिपाया हुआ है। ‘रिडक्टेड फॉर प्राइवेसी’ का अर्थ है कि जानकारी को छिपा दिया गया है क्योंकि जो कोई भी डोमेन का मालिक है, वह नहीं चाहता था कि लोग उस तक पहुंचें। 31 अक्टूबर 2021 तक वेबसाइट का आर्काइव लिंक।
निष्कर्ष
उपरोक्त विश्लेषण और जांच से स्पष्ट होता है कि @SupportProphetMपैगंबर मुहम्मद (ﷺ) के सम्मान के भावनात्मक मुद्दे को अपने भारत विरोधी एजेंडे के लिए एक हथियार के रूप में प्रयोग कर रहा है। उसका मुख्य उद्देश अरब और खाड़ी देशों से काम कर रहे लाखों भारतीयो को निकालना है। ताकि विदेशी मुद्रा के अभाव में भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचे। नूपुर शर्मा का बयान,मॉब लिंचिंग, मुस्लिम विरोधी हिंसा, हिजाब पर प्रतिबंध, आदि ऐसे प्रमुख मुद्दे है। जिन पर वह अरब और खाड़ी देशों की अवाम के जरिए स्थानीय सरकारों पर दबाव बनाकर भारत के खिलाफ प्रतिबंधों की कार्रवाई करा सके।