जब दो लोगों के बीच विवाद या मार-पीट होती है, तो कई प्रकार के अपशब्द और गाली-गलौज दी जाती है। इनमें कई प्रकार की मिसोजिनिस्ट (Misogynist) गालियां होती है। इसके अलावा कई प्रकार के ऐसे अपशब्द या संज्ञाएं होती हैं, जो लोग कहीं भी बेधड़क बोल दिया करते हैं। इन्हीं शब्दों में आप ‘टुच्चा’ जैसे शब्द को ले सकते हैं। दिल्ली के आस-पास ‘टुच्चा’ शब्द काफी प्रचलित है। आइए सबसे पहले इसका शाब्दिक अर्थ समझ लेते हैं। ऊर्दू की प्रसिद्ध वेबसाइट “रेख़्ता” की डिक्शनरी के मुताबिक टुच्चा का अर्थ अलग-अलग संदर्भों के लिए अलग-अलग होता है। उदाहरण के लिए- कथन के संदर्भ में टुच्चा का इस्तेमाल ‘जो अनुचित तथा ओछा या हेय’ होता है। वहीं किसी व्यक्ति के संदर्भ में ‘बहुत ही निम्न या हीन विचारों वाला’ होता है। इसके अलावा कई अन्य अर्थों में छिछोरा, घटिया व्यक्ति, नीच, क्षुद्र, कमीना जैसे शब्द आते हैं।
ये रहा टुच्चा का शाब्दिक अर्थ। आईए अब जानते हैं कि आखिर इसका संदर्भ क्या है? तो आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर इस शब्द का इस्तेमाल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए किया गया। इसके लिए बकायदा #टुच्चा_मोदी का हैशटैग भी चलाया गया। इस हैशटैग का इस्तेमाल पीएम मोदी की आलोचना के लिए किया गया। मोदी सरकार की नीतियों और योजनाओं की विफलता को लेकर उन्हें निशाना बनाया गया, लेकिन आलोचना करने वाले ना सिर्फ शब्दों की मर्यादा भूल गए बल्कि देश के प्रधानमंत्री के लिए उन शब्दों का इस्तेमाल कर दिया, जो अपशब्दों की श्रेणी में आता है।
इस हैशटैग के साथ हजारों ट्विट, रिट्वीट और रिप्लाई किए गए। इस हैशटैग को आम आदमी पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से भी पोस्ट किया गया। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं, मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और राज्यों के अध्यक्षों के वेरीफाइड अकाउंट से भी ट्विट किया गया। नीचे दिए इन दो कोलाज में आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं के ट्विट्स को देखा जा सकता है।
इस विश्लेषण में हम ट्विटर पर चलाए गए हैशटैग #टुच्चा_मोदी के सभी पहलूओं की जांच और पड़ताल करेंगे।
पहला ट्विटः
हमारी जांच में सामने आया है कि इस हैशटैग को सबसे पहले राहुल मिश्रा नाम के यूजर ने इस्तेमाल किया। राहुल मिश्रा ने लिखा- “मोदी सरकार अपनी गिरी हुई हरकतों से बाज नहीं आ रही है, दिल्ली सरकार के कार्यक्रम पे दिल्ली पुलिस भेजकर कब्जा कर लिया है और अपनी फोटो लगवाई। #टुच्चा_मोदी”
हमने राहुल मिश्रा के प्रोफाइल की जांच की। बायो में ‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ लिखा है। जबकि प्रोफाइल फोटो में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और राज्यसभा सांसद संजय सिंह की फोटो के साथ आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह झाड़ू लगा है।
टाइमलाइनः
हैशटैग #टुच्चा_मोदी का इस्तेलाम करके 6,200 से ज्यादा ट्वीट किए गए। जैसा कि नीचे दिए गए ग्राफ़ में देखा गया है। इस टाइमलाइन से पता चलता है कि 24 जुलाई को हैशटैग 4,300 से अधिक ट्वीट्स के साथ अपने चरम पर था। बाद में हैशटैग के साथ पोस्ट धीरे-धीरे कम होते चले गए। यहां ध्यान देने वाली बात है कि हैशटैग अचानक से अपने चरम पर आया और फिर धीरे-धीरे कम होता चला गया। जो यह प्रदर्शित करता है कि इस हैशटैग को संगठित होकर चलाया गया था।
अकाउंट मेंशनः
इस हैशटैग वाले ट्वीट्स में प्रमुख रूप से कुछ अकाउंट्स को टैग किया गया था। सबसे ज्यादा टैग दिल्ली के मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal को प्रमुख रूप से किया गया था। केजरीवाल को 111 बार टैग किया गया। इसके बाद @narendramodi को 80 बार और आम आदमी पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट @AamAadmiParty को 45 बार टैग किया गया था।
हैशटैग का इस्तेमालः
#टुच्चा_मोदी हैशटैग के साथ कई अन्य हैशटैग भी इस्तेमाल किए गए। #टुच्चा_मोदी के साथ इस्तेमाल किए गए कुछ हैशटैग में #ModiHaiToMumkinHai, #bharwa_kejriwal, #hindusunderattackinindia शामिल हैं।
हैशटैग के साथ सबसे ज्यादा पोस्ट करने वाले यूजर्सः
6,200 से अधिक ट्वीट किए जाने के बाद, ऐसे कई यूजर्स थे जिन्होंने हैशटैग पर कई बार ट्वीट किया। @aap_omiii ने हैशटैग के साथ सबसे ज्यादा 367 बार ट्वीट किया। उसके बाद @superman1054 ने 161 ट्वीट किए, वहीं @rameshjoshi341 ने 60 ट्वीट किए।
वर्डक्लाउडः
नीचे वर्डक्लाउड दिया गया है, जो यह दिखाता है कि कौन से ऐसे शब्द थे जो ज्यादातर ट्वीट्स में #टुच्चा_मोदी हैशटैग वाले ट्विट्स में इस्तेमाल किए गए थे।
वेरीफाइड अकाउंट्स द्वारा किए गए ट्विटः
हैशटैग टुच्चा मोदी के साथ ट्विट करने वाले वेरीफाइड यूजर्स में @AamAadmiParty, @AAPDelhi, @AAPUttarPradesh, @Sanjeev_aap, @JarnailSinghAAP और @JoinAAP सहित कई अकाउंट शामिल थे।
नॉन-वेरीफाइड यूजर्स द्वारा किया गया ट्वीटः
नॉन-वेरीफाइड यूजर्स में @DaaruBaazMehta, @satyug20201, @Tirangawasi, @Yogeshkherli और @VikasGoelAAP शामिल हैं।
निष्कर्षः
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ इस तरह के अपमानजनक हैशटैग से ट्विट करना और उसे संगठित होकर प्रचारित करना कई तरह से कानून का उल्लंघन है। ऐसे लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं जैसे- 499, 505, 294 और 66A (IT act 2008) के तहत कार्रवाईयां की जा सकती हैं। सवाल उठता है कि क्या संवैधानिक पदों पर बैठे लोग, जिन्होंने भारत के संविधान की शपथ ली है, उनका इस तरह से व्यवहार करना कितना उचित है? आलोचना के लिए भाषा की मर्यादा का होना क्या जरूरी नहीं है? इन तथ्यों से यह स्पष्ट हो रहा है कि वर्तमान राजनीतिक दौर में जिस तरह से राजनीतिक कटुता बढ़ रही है और भाषा का स्तर गिर रहा है, उससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि संवैधानिक पदों पर विराजनाम हमारे माननीय कितने स्तरहीन हो सकते हैं।