सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है। इस कटिंग में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बयान की एक खबर छपी है। वायरल न्यूज कटिंग को शीर्षक- “राष्ट्रपति ने पूछा- ओबीसी, एससी, एसटी और महिला जज इतने कम क्यों?” दिया गया है।
इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर्स सवाल कर रहे हैं कि राष्ट्रपति 5 साल तक इन सब मामलों पर चुप क्यों थे। इस पोस्ट को शेयर करते हुए सौरव लोयत नाम के यूजर ने लिखा- “लो सुन लो ओबीसी, एससी, एसटी और महिलाओं की अब इनको याद आई, 5 साल तक क्या करते रहे? सिर्फ हाथ जोड़ते रहे!”
फैक्ट चेकः
वायरल हो रही इस न्यूज कटिंग की पड़ताल के लिए हमने गूगल पर शीर्षक के कुछ की-वर्ड्स को सर्च किया। इस दौरान हमें ‘दैनिक भास्कर’ की वेबसाइट पर प्रकाशित 5 साल पहले प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति ने 2017 में न्यायपालिका में एससी, एसटी, ओबीसी और महिला जजों को लेकर सवाल पूछा था।
वहीं वायरल हो रही न्यूज कटिंग हमें The Republic Press नामक फेसबुक पेज पर 26 नवंबर 2017 को पोस्ट किया गया मिला। इस पोस्ट के मुताबिक वायरल कटिंग दैनिक जागरण अखबार की है।
निष्कर्षः
हमारे फैक्ट चेक से साबित होता है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का बयान 2017 का है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा राष्ट्रपति के पुराने बयान को भ्रामक तरीके से वायरल किया जा रहा है।
दावा- राष्ट्रपति कोविंद ने OBC, SC,ST और महिला जजों की कमी पर उठाए सवाल
दावाकर्ता- सोशल मीडिया यूजर्स
फैक्ट चेक- भ्रामक