अमेरिका में इन दिनों गर्भपात पर विवाद गहराया हुआ है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने रो बनाम वेड (Roe v Wade) केस में किसी भी प्रकार के गर्भपात को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। इस फैसले के बाद अब अमेरिका में किसी भी उम्र की कोई भी लड़की या महिला किसी भी कारण से हुए अनचाहे गर्भ से अब मुक्ति नहीं पा सकती है। यह फैसला बलात्कार या फिर अनचाहे तरीके से थोपे गए इंसेस्ट (पारिवारिक खून के संबंधों) से या फिर अन्य किसी वजह से हुए गर्भ पर भी लागू होगा।
कोर्ट के इस फैसले के बाद अमेरिकी में विवाद काफी गहरा गया है। कई लोग इसके फैसले के खिलाफ खड़े हो गए हैं। लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर प्रदर्शन भी किया है। वहीं सोशल मीडिया पर इस फैसले के पक्ष में वोट करने वाले जजों के खिलाफ भी लोगों ने अभियान छेड़ रखा है। कई लोग जजों के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं। गर्भपात को प्रतिबंधित करने के पक्ष में वोट करने वाले जज क्लैरेंस थॉमस पर भी सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं।
वहीं ऑनलाइन प्रकाशित होने वाली वेबसाइट द अटलांटिक का स्क्रीन शॉट भी वायरल हो रहा है। इस स्क्रीन शॉट में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस क्लैरेंस थॉमस के बारे में प्रकाशित एक नस्लवादी शीर्षक है। शीर्षक में लिखा है: “इट्स नॉट रेसिस्ट टू कॉल जज क्लेरेंस थॉमस द एन-वर्ड।”
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने अलग-अलग कैप्शन के साथ इस स्क्रीन शॉट को शेयर किया। एक फेसबुक यूजर लिखता है, “एक तथाकथित अमेरिकी अखबार से।” (हिन्दी अनुवाद)
एक ट्विटर यूजर ने लिखा- ”सहिष्णु’ वामपंथी सिर्फ उन्हीं के प्रति सहिष्णु हैं जो उनसे सहमत हैं. लाइन से हटकर और वामपंथ का वास्तविक स्वरूप खुद को प्रस्तुत करता है।”
https://twitter.com/DavidGiglioCA/status/1541114997773717504?s=20&t=Bvf33Zc23aZduJKxgX0OVQ
फैक्ट चेक:
हमने इसकी पड़ताल के अटलांटिक की आधिकारिक वेबसाइट की छानबीन की। इस दौरान वेबसाइट पर कुछ भी नहीं मिला। साथ ही, अटलांटिक के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ऐसी कोई तस्वीर भी पोस्ट नहीं की गई थी। इसलिए वायरल हो रहा स्क्रीन शॉट फेक है।
निष्कर्ष:
अटलांटिक ने एक नस्लवादी शीर्षक प्रकाशित नहीं किया है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा भ्रामक है।
Claim Review: द अटलांटिक ने जज क्लैरेंस थॉमस पर एक नस्लवादी शीर्षक प्रकाशित किया।
Claimed by: सोशल मीडिया यूजर्स।
फैक्ट चेक: फेक