कश्मीर को लेकर कई सोशल मीडिया यूजर्स पोस्ट शेयर कर रहे हैं। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि कश्मीरियों को आजादी के बाद से अब तक मुफ्त बिजली मिलती थी। जिसे सरकार ने बंद कर दिया है। अब कश्मीरियों को बिजली के लिए बिल का भुगतान करना पड़ेगा। यूजर्स ये दावा जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा के एक बयान का हवाला देकर कर रहे हैं।
सभापति मिश्र #हर_कण_हिंदू (@Sabhapa30724463) नामक यूजर ने लिखा- “Big breaking news जम्मू कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि अब से कश्मीरियों को मुफ़्त बिजली नहीं मिलेगी। जो जितना खर्च करेगा उतना पैसा देना पड़ेगा। आजादी से अब तक कश्मीर घाटी में बिजली मुफ्त में मिलती थी।”
वहीं ‘काशी का पंडित’ नामक यूजर ने लिखा- “क्या आपको पता है कि आजादी के बाद से ही कश्मीरियों को भारत सरकार मुफ्त बिजली दे रही थी। कांग्रेस और नेहरू ने उन्हें ये सुविधा दे रखी थी….जिसकी वसूली आपके, हमारे खून पसीने की कमाई से होती थी”
वहीं इस दावे को कई अन्य यूजर्स ने भी शेयर किया है।
फैक्ट चेकः
वायरल हो रहा दावा राज्यपाल मनोज सिन्हा के बयान के हवाले से किया जा रहा है। तो हमने सबसे पहले गूगल पर मनोज सिंहा को लेकर सर्च किया। इमें kimskashmir.com की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट को शीर्षक- “Pay Money To Get Power, No More Free Electricity Now: J&K LG Manoj Sinha Tells People” जिसका हिन्दी अनुवाद- “बिजली पाने के लिए पैसे दें, अब मुफ्त बिजली नहीं: जम्मू-कश्मीर एलजी मनोज सिन्हा ने लोगों से कहा” है।
इस रिपोर्ट के अंदर विस्तार से पूरी जानकारी दी गई है। इस रिपोर्ट में मनोज सिन्हा के हवाले से कहा गया है कि- “केंद्र हमें मुफ्त बिजली नहीं देता है। पिछली सरकारों के पास बिजली का बहुत बड़ा कर्ज है। हमने वितरण प्रणाली में सुधार किया है और लोगों को बेहतर बिजली मुहैया कराएंगे। लेकिन बिजली अब मुफ्त नहीं होगी,” वहीं मनोज सिन्हा ने बताया कि पिछली सरकारों के ऊपर 11000 करोड़ रुपये का भारी बिजली कर्ज बचा है।
इसके बाद हमने हमने गूगल पर कश्मीरियों को आजादी के बाद से अब तक फ्री बिजली मिलने के बारे में सर्च किया। हमें ‘दैनिक ट्रिब्यून’ का एक लेख मिला। जिसके अनुसार- “जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों के बिजली वितरकों ने अपने नुकसान को कवर करने के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जेपीडीसीएल) 100 यूनिट तक 1.69 रुपए प्रति यूनिट, 101 से 200 यूनिट के लिए 2.20 रुपए, 201 से 400 यूनिट के लिए 3.30 रुपए और 400 से अधिक यूनिट के लिए 3.52 रुपए प्रति यूनिट चार्ज करता है। एजेंसी ने अब 200 यूनिट तक प्रति यूनिट 2 रुपए, 201 से 400 यूनिट प्रति माह के लिए 4 रुपए प्रति यूनिट और 400 यूनिट प्रति माह से अधिक के लिए 5 रुपए प्रति यूनिट चार्ज करने का प्रस्ताव किया है”
दैनिक ट्रिब्यून के इस रिपोर्ट से पता चलता है कि जम्मू और कश्मीर में बिजली कंपनियों द्वारा घाटे को कम करने के लिए बिजली बिल को बढ़ाया गया है।
मनोज सिन्हा के बयान को लेकर कन्फ्यूज़नः
वेबपोर्टलों और अखबारो में राज्यपाल मनोज सिन्हा के बयान- “Pay Money To Get Power, No More Free Electricity Now” वाले बयान को लेकर ज्यादा कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा हो गई। मनोज सिन्हा के इसी बयान को सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जाने लगा। इसमें कुछ लोगों ने ये भी जोड़ दिया कि आजादी के बाद से अब तक कश्मीरियों को मुफ्त बिजली मिलती थी, जो कि गलत है।
निष्कर्षः
हमारे फैक्ट चेक से साबित होता है कि कश्मीरियों को आजादी से अब तक मुफ्त बिजली नहीं मिलती थी। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा भ्रामक है।
दावा- कश्मीरियों को आजादी के बाद से मिलती थी मुफ्त बिजली
दावाकर्ता- सोशल मीडिया यूजर्स
फैक्ट चेक- भ्रामक
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- द कश्मीर फाइल्स, फेक v/s फैक्ट
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