DFRAC विशेषः पूर्व आईपीएस अधिकारी एनसी अस्थाना के नफरती पोस्टों का विश्लेषण

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एनसी अस्थाना एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी हैं और उनके ट्विटर बायो के अनुसार वह एक परमाणु भौतिक विज्ञानी, 76 वैज्ञानिक शोध पेपर और 49 पुस्तकों के लेखक हैं। इसके अलावा वह केरल के पूर्व डीजीपी और एडीजी बीएसएफ/ सीआरपीएफ रहे हैं। उनके वेरीफाइड ट्विटर हैंडल (@NcAsthana) पर 59 हजार फॉलोवर्स हैं।

नॉन वेरीफाइड ट्विटर अकाउंट्सः

उनको फॉलो करने वाले कुछ नॉन वेरीफाइड ट्विटर अकाउंट्स में @iAmritapandey_, @VictoriousNamo, @rvaidya2000, @_SamikshaMishra, @AshiWords, @RaghvendraLive, आदि शामिल हैं।

 वेरीफाइड फॉलोवर्सः

ट्विटर पर एनसी अस्थाना को फॉलो करने वाले वेरीफाइड यूजर्स को दर्शाने वाला ग्राफ नीचे दिया गया है। कुछ फॉलोवर्स में @bhupendrachaube, @MODIfiedVikas, @AnoopKaippalli, @nkgurjar4bjp, आदि, शामिल हैं।

उन्होंने अपने बायो में उल्लेख किया है कि वह हमेशा न्याय के लिए लड़ते हैं। लेकिन उनके ट्विटर अकाउंट को स्क्रॉल करने पर हमने पाया कि वह अपने हैंडल का इस्तेमाल एक ट्रोल की तरह और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते हैं।वह उदारवादियों और कुछ पत्रकारों को “लिब्बस” और “गधा” तक कह चुके हैं। सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए वह शब्दों पर नियंत्रण और सभ्यता खो देते हैं।

वह केवल यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि उनका पूरा नरेशन एक विशिष्ट समुदाय के प्रति बहुत अधिक घृणा पर केंद्रित है।

हेट स्पीच-1-

वेबसाइट “द वायर” पर शीर्षक- “यूपी: कॉलेज में नमाज पढ़ने वाले शिक्षक को भाजपा और हिंदुत्ववादियों के विरोध के बाद छुट्टी पर भेजा गया” से एक रिपोर्ट प्रकाशित किया गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिख रहा है कि अलीगढ़ के वार्ष्णेय डिग्री कॉलेज में असिस्टैंट प्रोफेसर एसआर खालिद कॉलेज परिसर के बगीचे में नमाज अदा करते नजर आ रहे हैं। भाजयुमो ने प्रोफेसर खालिद पर अनुशासनहीनता और शांति भंग का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें एक महीने की छुट्टी पर भेज दिया गया और मामले की जांच शुरू कर दी गई।

इस पर अस्थाना ने ट्वीट किया, ‘ये तो बहुत ही अच्छी बात है। सीख तो मिलनी ही चाहिये, नहीं तो लोग उंगली पकड़ते पकड़ते पूरा हाथ ही पकड़ लेंगे। ये महाराज जी के शासन में ही संभव था।”

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हेट स्पीच-2-

अस्थाना ने अपने कई ट्वीट्स में मुसलमानों को सबक सिखाने के लिए बुलडोजर को न्याय के तंत्र के रूप में बढ़ावा दिया है। उन्होंने कई बार ट्वीट कर भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) और योगी आदित्यनाथ को ‘बुलडोजर न्याय’ के लिए बधाई दी और उनकी प्रशंसा की।

 

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हेट स्पीच-3-

एक वायरल वीडियो में जहां पुलिसकर्मी थाने के अंदर लोगों को बेरहमी से पीटते नजर आ रहे हैं, अस्थाना ने जश्न मनाते हुए ट्वीट किया- “अत्यंत ही मनोहारी दृश्य! सुन्दर, अतीव सुन्दर! हेकड़ी ऐसे ही निकलती है!”

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हेट स्पीच-4-

एनसी अस्थाना ने उन सभी छात्रों को डफर बुलाया, जो भारत छोड़कर यूक्रेन में अध्ययन करने के लिए गए थे। उन्होंने तर्क दिया कि उन्हें कोई नौकरी नहीं दी जाएगी क्योंकि छात्र और उनके माता-पिता दोनों लालची हैं।

 

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हेट स्पीच-5-

जब सुप्रीम कोर्ट ने NEET PG 2022 परीक्षा स्थगित करने की याचिका खारिज कर दी तो उन्होंने छात्रों का मजाक उड़ाया।

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अस्थाना के कुछ और पोस्ट: 

  1. बेरोजगारी की समस्या पर वह तर्कहीन बात करते हैं। उन्होंने ट्वीट किया- “बेरोज़गारी देश में अनंत काल से है. किसी युग में हमने भी बेरोज़गारी झेली थी. केवल सरकारी नौकरी के भरोसे बेरोज़गारी दूर नहीं होगी. ये भ्रम है. जितनी भी सरकारी भर्तियाँ लंबित हैं, उन सब पर कल ही नियुक्तियां कर दें तो क्या समस्या रातो रात हल हो जाएगी? युवाओं को बहकाया जा रहा है”

  1. बेरोजगारी को विपक्षी दलों द्वारा मुद्दा बनाए जाने पर वह लिखते हैं- “बेरोजगारी की बात तो यों की जा रही थी गोया अखिलेश की जेब में करोड़ों सरकारी नौकरियां रखी हुई हैं. बस आपने शपथ दिलाई और उधर नौकरियों की बारिश हुई. क्या ये दलाल पत्तलकार जनता को इतना बेवकूफ समझते हैं? इलाहाबाद में पुलिस ने लड़कों को पीट क्या दिया,इन्होने मान लिया कि बस योगी हारे!”

  • अस्थाना, जो अब योगी आदित्यनाथ और उनके ‘बुलडोजर न्याय’ के प्रशंसक हैं, वह उनके आलोचकों में से एक हुआ करते थे। डॉ कफील खान की रिहाई पर अस्थाना ने योगी आदित्यनाथ को सूक्ष्म तरीके से आड़े हाथों लिया था।

 

अकाउंट मेंशनः

नीचे उन खातों को दर्शाने वाला ग्राफ है जिनको ज्यादातर मेंशन एन. सी. अस्थाना ने किया था। @khanumarfa को सबसे अधिक 184 बार मेंशन किया गया था। उसके बाद @ranjona को लगभग 74 बार, उसके बाद @sonaliranade को 52 बार मेंशन किया गया था।

 

नीचे दिया गया पाई चार्ट एनसी अस्थाना द्वारा किए जाने वाले पोस्टों के प्रकार को दर्शाता है। अधिकांश पोस्ट में 59.4% के साथ रिप्लाई होते हैं और उसके बाद 39.8% के साथ ट्वीट होते हैं। अंत में, 0.831% के साथ री-ट्वीट हैं, जिनका अनुपात बहुत कम है।

वर्डक्लाउड

नीचे वर्डक्लाउड है जो उन शब्दों को दर्शाता है जो अकाउंट्स के ट्वीट्स में प्रमुख रूप से उपयोग किए गए थे। इसमें शामिल कुछ शब्द हैं- “देश”, “लोक”, “पुलिस”, “दलाल”, “मूरख”, आदि।

 

निष्कर्ष:

हमने इस विशेष रिपोर्ट में एन.सी. अस्थाना के ट्विट्स का विश्लेषण किया है। हमने उनके कुछ नफरती पोस्टों को कवर किया है। हमने देखा है कि यह एक हालिया घटनाक्रम है कि अस्थाना ने अमर्यादित भाषा में लिप्त होना शुरू कर दिया है।