सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दिख रहा है कि एक मेट्रो स्टेशन के नीचे सड़क पर लोगों की भारी भीड़ जुटी हुई है। भीड़ द्वारा नारेबाजी की जा रही है। इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो राजस्थान की राजधानी जयपुर का है। उनका दावा है कि जयपुर में नमाज का जवाब देते हुए रामभक्तों ने सड़क पर हनुमान चालीसा का पाठ किया है।
इस वीडियो को शेयर करते हुए अरविन्द कुमार सिंह नाम के यूजर ने लिखा- “जयपुर में नमाज़ का जवाब देते हुए रामभक्तों ने बीच सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ी.. इनकी तादाद देखकर दिल ख़ुश हो गया.. मेरा हिन्दू जाग गया है. जय श्री राम”
जयपुर में नमाज़ का जवाब देते हुए रामभक्तों ने बीच सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ी..❤️👇🏻❤️
इनकी तादाद देखकर दिल ख़ुश हो गया.. मेरा हिन्दू जाग गया है .
जय श्री राम 🙏🚩 pic.twitter.com/2NXrY3ki9h— Arvind Kumar Singh( मोदी का परिवार) (@ArvindK94112428) June 15, 2022
वहीं इस वीडियो को कई अन्य यूजर्स ने भी इसी दावे के साथ शेयर किया है।
जयपुर में नमाज़ का जवाब देते हुए रामभक्तों ने बीच सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ी💪❤️💯
इनकी बड़ी संख्या देखकर दिल ख़ुश हुआ💪😍💯
जिओ मेरे बब्बर शेर💪🥰💯💘 pic.twitter.com/oRPlpGgR2w
— विष्णु तिवारी (Modi Ka Parivar) (@VishnuMTiwari1) June 15, 2022
जयपुर में नमाज़ का जवाब देते हुए रामभक्तों ने बीच सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ी..
हिन्दू जाग गया है ..👏🏼👏🏼#जय_श्री_राम 🚩🚩 #HinduRashtra #हनुमानचालीसा #HindusUnderAttack #हिंदूराष्ट्र pic.twitter.com/jdzJqMdfRP
— Namo Warriors Pune ( Modi ka Pariwar ) (@PuneNamo) June 15, 2022
फैक्ट चेकः
वायरल हो रहे वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कुछ फ्रेम्स को रिवर्स सर्च किया। सर्च करने पर हमें Labbaik News के यूट्यूब चैनल पर 4 जनवरी 2021 को अपलोड किया गया वीडियो मिला। इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि अल्लामा खादिम हुसैन रिजवी के चेहल्लुम का यह वीडियो है। आपको बता दें कि लब्बैक न्यूज पाकिस्तान का चैनल है।
निष्कर्षः
इस फैक्ट चेक से साबित होता है कि वायरल हो रहा वीडियो जयपुर का नहीं बल्कि पाकिस्तान का है। वीडियो में हनुमान चालीसा का पाठ भी नहीं किया जा रहा है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा झूठा और भ्रामक है।
दावा- जयपुर में नमाज का जवाब लाखों हिन्दुओं ने हनुमान चालीसा पढ़कर दी
दावाकर्ता- सोशल मीडिया यूजर्स
फैक्ट चेक- भ्रामक