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PM मोदी के दबाव में क़तर एयरवेज़ का अरब देशों ने रद्द किया लाइसेंस? पढ़ें- फैक्ट चेक

भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद ﷺ पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद अरब और इस्लामिक देशों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी। कई देशों में भारतीय राजदूतों को तलब भी किया गया था। वहीं सोशल मीडिया पर भी इस विवाद को लेकर जमकर टीका-टिप्पणी की गई और कई हैशटैग भी चलाए गए। इसके अलावा भारतीय यूजर्स ने क़तर एयरवेज़ के बहिष्कार के लिए ट्रैंड भी चलाया।

इन सबके बीच सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है। इस कटिंग को शेयर करने वाले यूजर्स दावा कर रहे हैं कि सऊदी अरब और बहरीन ने क़तर एयरवेज़ का लाइसेंस रद्द कर दिया है। ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा- “भारत और  हिन्दु धर्म के खिलाफ किए गए सारे ट्विट गल्फ और अरब देश अब धीरे धीरे डिलीट कर रहा है। वल्लाह नहीं तो ये देख लो काफिरों।”

Tweet Screenshot

वहीं अन्य यूज़र्स ने भी इसी से मिलता जुलता पोस्ट शेयर किया है। साथ ही इस मामले पर मोदी सरकार की तारीफ की है।

फैक्ट चेकः

DFRAC ने वायरल हो रहे अखबार के कटिंग की पड़ताल की। हमने कटिंग में दिए गए हेडलाइंस की लाइनों “गहराते राजनयिक संकट के बीच सऊदी अरब, बहरीन ने कतर एयरवेज का लाइसेंस रद्द किया” को गूगल पर सर्च किया। हमें इंडिया न्यूज की वेबसाइट पर 7 जून 2017 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली।

इस रिपोर्ट में बिल्कुल वही हेडलाइंस दी गई है, जो वायरल न्यूज कटिंग में दी गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक क़तर एयरवेज़ पर प्रतिबंध लगाने के अलावा सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, बहरीन और यमन ने क़तर पर राजनयिक प्रतिबंध लगा दिए थे। इन देशों का कहना था कि क़तर द्वारा चरमपंथ को समर्थन दिया जा रहा है।

निष्कर्षः

DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा भ्रामक है। क़तर एयरवेज़ पर सऊदी और बहरीन द्वारा प्रतिबंध लगाने की खबर 5 साल पुरानी है।

दावा- PM मोदी के दबाव में क़तर एयरवेज़ का अरब देशों ने रद्द किया लाइसेंस

दावाकर्ता- सोशल मीडिया यूजर्स

फैक्ट चेक- भ्रामक

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