कानपुर में 3 जून 2022 को जुमे की नमाज के बाद दो समुदायों में हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान पत्थरबाजी की भी घटनाएं सामने आईँ। इन घटनाओं को लेकर सोशल मीडिया पर कई फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो और फोटो में कई ऐसे हैं, जो पुरानी घटनाओं के हैं, लेकिन इन्हें वीडियो को कानपुर (Kanpur) का बताकर शेयर किया जा रहा है।
इस तरह की भ्रामक सूचनाएं फैलाने में सिर्फ सोशल मीडिया यूजर्स ही नहीं शामिल हैं बल्कि मेनस्ट्रीम मीडिया के बड़े चैनल भी पुराने वीडियो को कानपुर (Kanpur) का बताकर न्यूज चला रहे हैं। एबीपी न्यूज द्वारा ऑफिशियल फेसबुक लाइव में एक वीडियो चलाया गया है। इसमें देखा जा सकता है कि एबीपी न्यूज के फेसबुक पेज से पुरानी वीडियो को कानपुर के नाम से खबर प्रसारित किया गया है। वहीं इस तरह की भ्रामक वीडियो को शेयर करने वालों में बीजेपी के नेता भी शामिल हैं, जो वेरीफाइड यूजर हैं।
दावा-
एबीपी न्यूज के ऑफिशियल पेजबुक से 4 जून 2022 को लाइव चलाया गया है। इस लाइव को शीर्षक- “कानपुर हिंसा के पीछे किसकी साजिश?…देखें बड़ी खबर LIVE” दिया गया है। इस वीडियो में कानपुर (Kanpur) दंगे को लेकर एक वीडियो को चलाया जा रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ पुलिसवाले कुछ लोगों की पिटाई कर रहे हैं।
इसी वीडियो को कई सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा भी कानपुर दंगे का बताकर शेयर किया जा रहा है। ट्विटर पर लक्ष्मीकांत भारद्वाज का वेरीफाइड हैंडल हैं। उन्होंने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा- “कानपुर (Kanpur) में शांतिदूत दंगा कर रहे थे , पूरी रात योगी जी ने इलाज जारी रखा.. @ashokgehlot51 जी, अगर आप करौली में ये कर लेते तो जोधपुर में दंगा करने की इनकी हिम्मत नहीं होती।” आर्काइव लिंक ये रहा।
लक्ष्मीकांत भारद्वाज के बायो के मुताबिक वह राजस्थान बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता रह चुके हैं। इसके अलावा वह बीजेपी के कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे चुके हैं।
वहीं इस वीडियो को शेयर करते हुए फेसबुक पर ‘Aap Banarasi Hain’ नामक यूजर ने लिखा- “कानपुर (Kanpur) में जुमे की नमाज के बाद बमबाजी करने वाले अतीउत्साही लौंडों की आह-आह की आवाज कल देर रात तक आती रही..”
फैक्ट चेकः
एबीपी न्यूज और बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत भारद्वाज सहित सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा शेयर किए गए वीडियो की सत्यता की जांच के लिए हमने वीडियो के कुछ फ्रेम्स का स्क्रीन शॉट लेकर उसे रिवर्स सर्च किया। सर्च करने पर हमें एक ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो का लिंक मिला।
इस वीडियो को शिवांशु भारद्वाज नामक यूजर द्वारा 3 अप्रैल 2020 को ट्विटर पर पोस्ट किया गया था। उन्होंने कैप्शन लिखा था- “इंदौर का वही मोहल्ला है जहां डॉक्टरों को पत्थर मारे गए थे। क्रिया की प्रतिक्रिया होती हुई। कमजोर दिल वाले आवाज बंद कर के वीडियो देखें।”
निष्कर्षः
एबीपी न्यूज और बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत भारद्वाज द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो का फैक्ट का चेक करने के बाद यह साबित होता है कि वायरल वीडियो 2020 में हुई इंदौर की एक घटना का है। इस वीडियो का कानपुर (Kanpur) के दंगे से कोई संबंध नहीं है। इसलिए एबीपी न्यूज, बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत भारद्वाज और अन्य सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा भ्रामक है। इसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है।
दावा- कानपुर (Kanpur) दंगे में पुलिस द्वारा दंगाईयों की पिटाई
दावाकर्ता- एबीपी न्यूज और बीजेपी नेता सहित अन्य यूजर्स फैक्ट चेक- भ्रामक |
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