सोशल मीडिया पर अक्सर सांप्रदायिकता फैलाने के लिए फेक खबरें, वीडियो और फोटो वायरल होते रहते हैं। सोशल मीडिया यूजर्स बिना किसी जांच-पड़ताल के ऐसी सांप्रदायिक वीडियो और फोटो को शेयर करते रहते हैं। एक ऐसा ही वीडियो सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो रहा है।
इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक बुजुर्ग साधु के साथ एक शख्स बुरा व्यवहार कर रहा है। वह युवक बुजुर्ग साधु के साथ पहले गाली-गलौज करते हुए मारपीट की फिर उसकी जटाएं और दाढ़ी भी काट दी। सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि घटना को अंजाम देने वाला शख्स मुस्लिम है।
इस वीडियो को शेयर करके जनसेवक अमन त्रिपाठी नाम के यूजर ने लिखा- “खंडवा में एक मुस्लिम युवक ने एक अघोरी साधु महाराज की जटाए और दाढ़ी सारे आम काटी इस सूअर की औलाद को जल्द से जल्द पकड़ा जाए सभी इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा फॉरवर्ड करें इसे सख्त से सख्त हिंदू एक्ट में सजा होना। @khandwapolice @mpcyberpolice”
वहीं ऋषि राज शंकर ने लिखा- “ये शांतिदूत सुधरने वाले नहीं हैं. कोई ना कोई बहाना ढ़ूंढते है झगड़ा भड़काने का. खंडवा में एक मुस्लिम युवक ने एक अघोरी साधु महाराज की जटाए और दाढ़ी सारे आम काटी. इस युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है”
वहीं इस वीडियो को शेयर कर कई अन्य यूजर्स ने भी ऐसा ही दावा किया है-
फैक्ट चेकः
वायरल हो रहे वीडियो के सत्यता की जांच के लिए हमने सबसे पहले गूगल पर घटना के संदर्भ में सर्च किया। हमें ‘एनडीटीवी’ पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में खंडवा के पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह के हवाले से कहा गया है कि- “खंडवा पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि साधु के साथ मारपीट और जटा काटने का मामला रविवार का है। साधु बाजार में भिक्षा मांग कर अपना जीवन यापन करता है। वहीं आरोपी प्रवीण गौर होटल संचालक है। किसी बात को लेकर होटल संचालक और साधु में बहस हो गई जिसके बाद होटल संचालक में उसे सरे बाजार पीटा और सेलून की दुकान में ले जाकर उसकी जटा काट दी।”
निष्कर्षः
अन्य मीडिया रिपोर्टों में भी साधु के साथ दुर्व्यवहार करने वाले आरोपी का नाम प्रवीण गौर ही बताया गया है। DFRAC के फैक्ट चेक से तथ्य सामने आया कि बुजुर्ग साधु के साथ मारपीट करने वाला युवक मुस्लिम नहीं है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा झूठा और भ्रामक है।
दावा- हिन्दू साधु की मुस्लिम शख्स ने काटी जटाएं और दाढ़ी
दावाकर्ता- सोशल मीडिया यूजर्स फैक्ट चेक- झूठा और भ्रामक |