फैक्ट चेकः सोशल मीडिया पर वायरल फ़व्वारे की तस्वीर ज्ञानवापी मस्जिद की नहीं है

Fact Check hi Featured Misleading

ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग और फव्वारे को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के बीच बहस चल रही है। कई यूज़र्स फोटो शेयर कर मस्जिद के वजुखाने में शिवलिंग मिलने के दावे कर रहे हैं, तो कई लोग फोटो शेयर करके वज़ू ख़ाने में शिव लिंग नहीं बल्कि फ़व्वारा होने का दावा कर रहे हैं। कई यूजर्स अपने इन दावों को सच साबित करने के लिए फेक और भ्रामक फोटो का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

एक ऐसा ही भ्रामक फोटो शोसल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे यूज़र्स ज्ञानवापी मस्जिद का फ़व्वारा होने का दावा कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- “यही वो जगहा जहाँ वज़ू होता है इसके बीच मे जो फ़व्वारा है उसी को लोग शिव लिंग कह रहे है और अफ़वाह फैला रहे है गोदी मीडिया और अंध भक्त लोग।”

facebook screenshot

वहीं दूसरे यूज़र ने भी पोस्ट किया- “यही वो जगह जहाँ वज़ू होता है इसके बीच मे जो फव्वारा है उसी को लोग शिव लिंग कह रहे है और अफ़वाह फैला रहे है।”

Facebook Screenshot

ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा- “अगर ये शिव लिंग है तो लगभग भारत की हर चौथी मस्जिद में ये शिव लिंग मिल जायेगा। शर्म तो बची नहीं है अपने मंदिर को छोड़ कर हमरी मस्जिदों में भगवान ढूँढ रहे हैं. जाओ रोज़गार ढूंढो”

https://twitter.com/Hafsa7867867/status/1526444204909645824

फैक्ट चेकः

वायरल हो रही तस्वीर पर वाटरमार्क Alamy का लगा हुआ है, जो एक फोटो स्टॉक कंपनी है। हमने अलामी के वेबसाइट पर जाकर तस्वीर को सर्च किया। जिसके बाद सामने आया कि यह फोटो अजमेर शरीफ दरगाह के वजुखाने की है। जिसे 7 सितंबर 2016 को Alamy की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।

निष्कर्षः

हमारे फैक्ट चेक से साबित होता है कि सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा भ्रामक तरीके से अजमेर शरीफ दरगाह के वजुखाने को बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद के वजुखाने का बताकर वायरल किया जा रहा है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा भ्रामक है।

दावाज्ञानवापी मस्जिद के वजुखाने वाले फव्वारे को शिवलिंग बताया

दावाकर्ता- सोशल मीडिया यूजर्स

फैक्ट चेक- भ्रामक

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