फ़ैक्ट चेक: ज़ी मीडिया की एंकर ने किसान नेता राकेश टिकैत को लेकर फ़ैलाया भ्रामक ख़बर, जानिए पूरी सच्चाई

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सोशल मीडिया साइट्स पर दावा किया जा रहा है कि भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने 15 मई 2022 को संस्थापक महेन्द्र सिंह टिकैत (Mahendra Singh Tikait) की पुण्यतिथि के मौक़े पर अध्यक्ष राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को बरख़ास्त कर राजेश सिंह चौहान (Rajesh Singh Chauhan) को नया अध्यक्ष चुना है। 

ज़ीनत सिद्दीक़ी नामक ट्वीटर यूज़र ने टिकैत बंधुओं और ऑफ़िशियल बीकेयू को टैग करते हुए ट्वीट किया,”#ख़बर भारतीय किसान यूनियन में दो फाड़, राकेश टिकैत को BKU से निकाला गया। नरेश टिकैत को बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से हटाया गया। राजेश सिंह चौहान (Rajesh Singh Chauhan) नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये गए।” ट्वीटर बायो के मुताबिक़ ज़ीनत, सीनियर एंकर और प्रोड्यूसर के रूप में ज़ी मीडिया की “ज़ीनत” हैं, जिनके 43 हज़ार से ज़्यादा फॉलोअर्स हैं।

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फ़ैक्ट चेक:

इंटरनेट पर सर्च करने पर हमने पाया कि न्यूज़ 18 समेत कई मीडिया हाउसेज़ ने लगभग इसी भाव के साथ राकेश टिकैत से संबंधित ख़बरें चलाईं कि BKU ने राकेश टिकैत और नरेश टिकैत को संगठन से निकाल दिया है।

दर असल राकेश टिकैत के वेरीफ़ाईड अकाउंट से 15 मई को एक प्रेस नोट ट्वीट किया गया है, जिसमें सूचना दी गई है कि संगठन (BKU) के विरुद्ध भ्रामक प्रचार व ग़लत नीतियों मे सम्मिलित पाए जाने पर संगठन से तत्काल प्रभाव से कारण राजेश सिंह चौहान (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष BKU), अनिल तालान (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष BKU), हरिनाम वर्मा (प्रदेश उपाध्यक्ष BKU), मांगेराम त्यागी (यूपी / एससीआर अध्यक्ष BKU, ध्रमेंद्र मलिक (मीडिया प्रभारी) और राजबीर सिंह (ग़ाज़ियाबाद) – (प्रदेश उपाध्यक्ष) को बर्ख़ास्त किया जाता है।  

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़ BKU के बाग़ी नेताओं ने अगले ही दिन 16 मई 2022 को गन्ना संस्थान लखनऊ में भारतीय किसान यूनियन – BKU (अराजनैतिक) के नाम से नये संगठन का एलान किया जिसके पहले अध्यक्ष के रूप में राजेश सिंह चौहान (Rajesh Singh Chauhan) को नियुक्त किया गया है। हालांकि कुछ दिन पहले नरेश टिकैत ने इन किसान नेताओं से मिलकर इनहें संतुष्ट करने की कोशिश की थी।

ज्ञातव्य हो कि 34 वर्ष पूर्व एक जुलाई 1987 को किसान नेता महेन्द्र सिंह टिकैत (Mahendra Singh Tikait)  ने BKU का गठन किया था.

BKU के निष्कासित इन किसान नेताओं ने राकेश टिकैत पर संगठन को राजनैतिक बनाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वे BKU के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत द्वारा राजनैतिक बयान दिये जाने से नाराज़ थे। हरिराम सिंह ने कहा कि महेन्द्र सिंह टिकैत (Mahendra Singh Tikait)  के विचार के मुताबिक़ अगर सरकार 10 में से चार मांगो को मान लेती है तो आंदोलन को वापस ले लिया जाना चाहिए लेकिन आज क्या हालत है? तीन नये कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ 13 महीनों तक किसान आंदोलन चला और सरकार ने क़ानून वापस लिए मगर अभी भी लोग असंतुष्ट हैं। यह बड़ा मसला है। 

निष्कर्ष: 

फ़ैक्ट चेक से साफ़ होता है कि भारतीय किसान यूनियन (BKU) से राकेश टिकैत (RakeshTikait) को नहीं बल्कि जिन किसान नेताओं ने नया संगठन बनाया है, उन्हें भ्रामक प्रचार करने और ग़लत नीतियों मे सम्मिलित पाए जाने पर BKU से बरख़ास्त किया गया था। 

दावा: राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को बीकेयू से बरख़ास्त किया गया।

दावाकर्ता: सोशल मीडिया यूज़र्स

फ़ैक्ट चेक: भ्रामक

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