सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप बड़े पैमाने पर वायरल हो रही है। वीडियो क्लिप को लेकर दावा किया गया है कि फिलिस्तीनीयों ने अभिनेताओं का उपयोग करके एक नकली हत्या को असली दिखाया है। जिसका इस्तेमाल वे हिंसा को भड़काने में करेंगे।
एक यूजर ने इस वीडियो क्लिप को शेयर कर लिखा कि प्लाईवुड अपने सबसे अच्छे रूप में।, फ़िलिस्तीनी ऐसे दृश्य बना रहे हैं जिसमें इजरायली सैनिकों द्वारा एक बच्चे को गोली मार दी जाती है। काश वे इन सभी संसाधनों को प्रचार के बजाय शांति को बढ़ावा देने के लिए खर्च करते। – हनन्या नफ्तालि
वहीं एक अन्य ने लिखा, यहूदी और @IDF का रूप धारण कर अभिनेताओं ने फ़िलिस्तीनी की हत्या कर दी। इन नकली छवियों का इस्तेमाल हिंसा और दुख को भड़काने के लिए किया जाएगा। @amnesty @hrw इसे “सबूत” के रूप में उपयोग करेंगे। h/t @MerlinOhad।
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फैक्ट चेक:
https://twitter.com/WarCrimeReportZ/status/1514065165519663106
वायरल वीडियो क्लिप की पड़ताल करने पर हमने पाया कि क्लिप में फिलीस्तीनियों को नकली हत्या करते हुए नहीं दिखाया गया है। बल्कि यह अवनी एशताईवे द्वारा निर्देशित ” Empty Place” नामक एक लघु फिल्म का दृश्य है, जो फिलिस्तीनी कैदी अहमद मनसरा की कहानी है।
अहमद मनसरा को 2015 में 13 साल की उम्र में एक इजरायली पुलिस कार की चपेट में आने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
वायरल वीडियो क्लिप में मनासरा की गिरफ्तारी के दृश्य की शूटिंग करते हुए दिखाया गया। मनसरा की भूमिका निभाने वाला अभिनेता अपने चारों ओर खून से लथपथ फर्श पर पड़े है। साथ ही अभिनेता के चारों ओर बसने वाले इजरायलियो की भूमिका निभा रहे और उनका अपमान कर रहे।
वीडियो क्लिप के बारे में फिल्म निर्माता फराह त्बीलेह ने द न्यू अरब को बताया, “हमें नहीं पता कि उन्हें शूटिंग की तस्वीरें कहां से मिलीं।”
उन्होने कहा, “हमने तुरंत एक स्पष्टीकरण के साथ फिल्म की शूटिंग की मूल क्लिप प्रकाशित की।” उन्होने आगे कहा, “हम बहुत हैरान थे क्योंकि फिल्म पहले ही वायरल हो चुकी थी और यह कोई रहस्य नहीं था।”
बता दें कि मनासरा को 2016 में यरुशलम में एक इजरायली को चाकू मारने में अपने चचेरे भाई की मदद करने के आरोप में 12 साल की सजा सुनाई गई थी। उनके चचेरे भाई को इस घटना के दौरान मार दिया गया था, जबकि मनासरा, जिसने हमले में भाग नहीं लिया था, को एक इजरायली पुलिस कार द्वारा कुचल दिया गया था और इजरायली सुरक्षा बलों द्वारा हिरासत में लेने से पहले इजरायली बसने वालों की भीड़ ने उसे मार डाला था। बाद में उनकी सजा को घटाकर नौ साल कर दिया गया।
अत: वायरल वीडियो क्लिप को भ्रामक दावे के साथ शेयर करते हुए पाया गया है।
Claim Review : फ़िलिस्तीनी ने हिंसा को भड़काने के लिए एक नकली हत्या फिल्मांकन
Claimed by: सोशल मीडिया यूजर।
Fact Check: भ्रामक