सितंबर 2017 में, अमेरिकी सरकार के मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (MCC) ने नेपाल सरकार के साथ $500 मिलियन के अनुदान समझौते पर हस्ताक्षर किए। एमसीसी-नेपाल कॉम्पैक्ट का उद्देश्य बिजली की उपलब्धता और विश्वसनीयता को बढ़ाना, सड़क की गुणवत्ता बनाए रखना और क्षेत्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाना है। साथ ही निवेश को बढ़ावा देने, आर्थिक विकास में तेजी लाने और गरीबी को कम करने में मदद करना है। लेकिन कुछ रुकावटों और बदलाव के कारण इस समझौते को मंजूरी देने में देरी हुई। आखिरकार नेपाल की संसद ने 27 फरवरी 2022 को एमसीसी समझौते की पुष्टि की।
नेपाल स्थित अमेरिकी दूतावास के अनुसार इस समझौते से नेपाल को होने वाले संभावित लाभ
- आर्थिक विकास को मजबूती प्रदान करना, ऊर्जा क्षेत्र का विस्तार करना और व्यापार के अवसर पैदा करना।
- व्यापक रूप से उपलब्ध और विश्वसनीय बिजली और सुरक्षित सड़कें
- पूरे नेपाल में दो-तिहाई से अधिक घरों और व्यवसायों के लिए नेपाली जलविद्युत संसाधनों द्वारा उत्पन्न विद्युत लाइनों का निर्माण।
- जलवायु की रक्षा करते हुए स्वच्छ ऊर्जा तक पहुंच बढ़ाना।
एमसीसी के खिलाफ चीन का रुख
चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स और साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, यह देखा जा सकता है कि चीनी लोग इस एमसीसी परियोजना को नेपाल और चीन के संबंधों के लिए खतरे के रूप में देखते हैं।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट आर्टिकल | ग्लोबल टाईम्स आर्टिकल |
चीन में प्रमुख ‘वी चैट’ पेजों पर भी इसी विषय पर लेख शेयर किए गए। जिससे पता चलता है कि एमसीसी की मंजूरी ने नेपाल और संयुक्त राज्य अमेरिका को करीब लाने का काम किया है।
- नेपाल ने हिमालय में एमसीसी, अमेरिका की उपस्थिति को मंजूरी दी – 尼泊尔旅行(https://mp.weixin.qq.com/s/vr1wMSNySajlJyWsqrquTg)
- एमसीसी पास! नेपाल हुआ संयुक्त राज्य अमेरिका के करीब, काठमांडू में फैला आक्रोश – 尼泊尔快讯(https://mp.weixin.qq.com/s/QhMvThoLL-iVGNfnWIJUGA)
- अमेरिका की जीत के बाद नेपाल आधिकारिक तौर पर एक “अर्ध-उपनिवेश” बन गया -新尼泊尔(https://mp.weixin.qq.com/s/vr1wMSNySajlJyWsqrquTg)
ग्लोबल टाइम्स और चाइना न्यूज ने Weibo पर एक बयान शेयर किया
- चाइना न्यूज ने हैशटैग के साथ अपने पोस्ट में नरम स्वर और तटस्थ सामग्री का विकल्प चुना: चीन नेपाली लोगों का विकास पथ के स्वतंत्र विकल्प में समर्थन देना जारी रखेगा। (#中方将一如既往支持尼人民自主选择发展道路)
- ग्लोबल टाइम्स ने पक्षपाती रुख अपनाया। इस पोस्ट पर अधिकांश टिप्पणीकारों का मानना है कि नेपाल ने अपनी संप्रभुता बेच दी है और अब यह चीन के लिए सुरक्षा के लिए खतरा है।
एमसीसी को निशाना बना रहे चीनी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर
चीनी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर जिसे वुमाओ अकाउंट्स के नाम से भी जाना जाता है, ने ट्वीट किया कि एमसीसी परियोजना अमेरिका का एक कर्ज-जाल है। इस अकाउंट के बारे में हमारे पिछले लेख, “चीनी ट्विटर आर्मी: सोशल मीडिया पर चीन के बारे में नकारात्मकता को दूर करना” में जानकारी दी गई।
जाने-माने वुमाओ अकाउंट अरनॉड बर्ट्रेंड नाम के अकाउंट ने नेपाल के अमेरिका के कर्ज के जाल में फंसने को लेकर एक ट्वीट शेयर किया।
इस अकाउंट ने लोगों को यह समझाने की कोशिश की कि एमसीसी एक मात्र ऋण जाल है। इस ट्वीट को कई अन्य वुमाओ अकाउंट से रीट्वीट और मेंशन किया गया है। जिसमे ये ऋण जाल की धारणा बनाने के साथ ये भी बताया गया कि इससे नेपाल अपनी संप्रभुता खो देगा।
जिन वेरिफाइड अकाउंट से रीट्वीट किया गया उनमें Chen Weihua, China Daily EU Bureau Chief columnist, and CAO Yi, Consul, Embassy of China in Lebanon आदि हैं।
अन्य वुमाओ अकाउंट जिन्होंने MCC को ऋण-जाल बताते हुए ट्वीट किया।
चीनी राजनयिकों / अधिकारियों / मीडियाकर्मियों की प्रतिक्रियाएँ:
- नेपाल में पूर्व चीनी रक्षा अताशे चेंग ज़िझोंग का नेपाल-एमसीसी कॉम्पैक्ट पर बयान
एशिया पैसिफिक डेली के लेख में चेंग ज़िझोंग का दृष्टिकोण साझा किया गया हैं – “अमेरिका को जल्द ही खुश नहीं होना चाहिए, उसके लिए भविष्य में अब भी कष्ट ही है, नेपाली राजनेता अमेरिका को मौत के घाट उतारेंगे।”
Figure: Asia Pacific Daily’s Article
- एमसीसी पर चीन जनवादी गणराज्य के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के रूप में कार्यरत एक चीनी अधिकारी और पूर्व राजनयिक हुआ चुनयिंग का वक्तव्य
Figure: Tweet by Hua Chunying on MCC
- चीनी राज्य से जुड़े मीडिया का बयान
Link: https://twitter.com/CE_ChinaEconomy/status/1499313331139538949 | Link: https://twitter.com/globaltimesnews/status/1498267794416168962 |
- फीनिक्स टीवी ने इस कॉमिक को नेपाल में चीनी पाठकों के लिए एमसीसी को सरलता से बताने के लिए पोस्ट किया
फीनिक्स टेलीविजन एक आंशिक रूप से राज्य के स्वामित्व वाला टेलीविजन नेटवर्क है जो मंदारिन और कैंटोनीज़-भाषा में चैनल उपलब्ध कराता है जो मुख्य रूप से हांगकांग, मकाऊ, ताइवान और अन्य बाजारों में पर्याप्त चीनी-भाषा दर्शकों को अपनी सेवा प्रदान करता है।
इस कॉमिक में, चीन ने विशेष रूप से तीन बिंदुओं को कवर किया है कि
- एमसीसी में यूएस द्वारा दिए गए धन का उपयोग करते समय, आप अमेरिकी कानून और नीति का उल्लंघन नहीं कर सकते।
- भारत के निकट विद्युत पारेषण परियोजनाओं के लिए भारत की सहमति की आवश्यकता होगी।
- एमसीसी कर्मचारी नेपाल के कानूनों के अधीन नहीं हैं और जब समझौता लागू होता है, तो वे नेपाल के कानूनों से ऊपर होते हैं।
(Credit: @r_rajbhandari )
निष्कर्ष
एमसीसी कांग्रेस द्वारा स्थापित एक स्वतंत्र अमेरिकी विदेशी सहायता एजेंसी है जो 20 नीति संकेतकों के आधार पर चयन प्रक्रिया के माध्यम से निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों को “आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, गरीबी को कम करने और विकास को मजबूत करने के लिए समय-सीमित अनुदान” प्रदान करती है।
चीन ने श्रीलंका और अंगोला जैसे छोटे देशों को अपनी कर्ज-जाल कूटनीति में उलझा रखा है। लेकिन अब वह एमसीसी-नेपाल सौदे को कर्ज का जाल बताने के लिए तमाम हथकंडे अपना रहा है।
चीन केहाव-भाव से यह काफी स्पष्ट है कि वह नेपाल सरकार के साथ अमेरिकी सरकार के मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (एमसीसी) समझौते को अवरुद्ध करने पर जोर दे रहा है। चीन अमेरिका को अपने पड़ोसी देश के साथ संबंध बनाने और उनमें निवेश करने को बर्दाश्त नहीं कर सकता। यह अपने पड़ोसी देशों पर अपना आधिपत्य बनाए रखने की चीन की योजना के लिए एक संभावित खतरा है। नेपाल के आंतरिक मामले में चीन का बढ़ता दखल नेपाल की संप्रभुता के लिए एक संभावित खतरा है।