यूपी चुनाव की हलचल के बीच उम्मीदवारों द्वारा आम लोगों को लुभाने के लिए कई वादे किए गए हैं। लेकिन, वोटरों को जीतने का खेल इतना आसान नहीं है। इसमें अन्य उम्मीदवारों की छवि खराब करने का प्रयास भी शामिल है। इतना ही नहीं, यह खेल तब और भी गंभीर हो जाता है जब उम्मीदवारों द्वारा फर्जी सूचना और घृणास्पद बयान दिए जाते हैं।
यूपी में अलग-अलग चरणों में चुनाव हो रहे हैं। परिणाम 10 मार्च 2022 को घोषित किए जाएंगे। तब तक सभी दलों के उम्मीदवार अधिक से अधिक मतों को इकट्ठा करने में लगे हैं। अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में हम पाठकों को इनमें से कुछ फर्जी दावों और राजनेताओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले घृणित हथकंडों के बारे में बताएंगे।
फ़ेक बनाम फ़ैक्ट
यूपी में चल रहे चुनाव प्रचार के बीच हम कई फर्जी दावों को पहले ही कवर कर चुके हैं। उनमें से कुछ हैं- फेक न्यूजफैलाने के आरोप में पुलिस ने सपा नेता की बेटी को गिरफ्तार किया (लिंक), अखिलेश यादव ने गौतम बुद्ध की मूर्ति का अनादर किया(लिंक), अखिलेश यादव ने कहा कि कानून तोड़ने वालों को एसपी को वोट देना चाहिए(लिंक), अवैध रूप से तमंचे लहराने के वाइरल वीडियो (लिंक)।
इसके अलावा, भाजपा से संबंधित फर्जी खबरें जो हम पहले ही कवर कर चुके हैं। जिनमें भाजपा पार्टी के सदस्यों पर यूपी चुनाव 2022 (लिंक) के दौरान हमला किया गया था, शिवराज चौहान ने उत्तराखंड में भाजपा की जीत पर संदेह जताया (लिंक), मायावती ने यूपी विधानसभा चुनावों में भाजपा का समर्थन करने का संकल्प लिया(लिंक), निदा खान बीजेपी में शामिल (लिंक), बीजेपी नेता संबित पात्रा द्वारा किया गया गलत दावा राहुल गांधी का एक वाइरल वीडियो(लिंक), आदि शामिल है।
फेक लेटर
इंटरनेट पर सपा और बसपा जैसी पार्टियों के नाम से कई फर्जी पत्र प्रसारित किए जा रहे हैं।इन फर्जी पत्रों में उनके नेताओं के फर्जी हस्ताक्षर भी हैं। ऐसा ही एक फर्जी पत्र समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को उद्धृत करता है, जो उन मतदाताओं से अपील करता हैं जो सपा को वोट देने की सोच रहे हैं, वे सपा के बजाय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों को वोट दें।
इसी तरह, एक और फर्जी पत्र बसपा के नाम से भी प्रसारित किया जा रहा, सोशल मीडिया पर साझा किया गया था। इस पत्र पर पार्टी की जाली मुहर और बसपा के राष्ट्रीय सचिव मेवालालाल गौतम के जाली हस्ताक्षर भी थे । इसी क्रम में जौनपुर जिले की जाफराबाद विधानसभा सीट 371 से बसपा प्रत्याशी संतोष कुमार मिश्रा के नाम से फर्जी पत्र प्रसारित किया गया था।
बस इतना ही नही, मतदाताओं के दिमाग को गुमराह करने के लिए और भी कई फर्जी दावे हैं। हम पहले ही कई और बयानों और दावों को कवर कर चुके हैं। कुछ झूठे हैं, कुछ असली हैं लेकिन लोगों के मन में नफरत पैदा करने के लिए भ्रामक रूप से प्रस्तुत किए गए हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य के झूठे दावे और कटाक्ष
अपने एक ट्वीट में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी पर मुजफ्फरपुर रैली में उनके बयानों के लिए उन्हें माफिया और गुंडा कह दिया। इसके अलावा, उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी का एक विडियो क्लिप डालकर यह आरोप लगाया कि, उन्हें अपनी क्षत्रिय जाति पर अहंकार करते हैं।
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उन्होंने अपने एक ट्वीट में पीएम मोदी का मजाक उड़ाते हुए कहा, “मोदी जी आप कितने महान हैं, पहले आपने साइकिल चलाकर सपा का प्रचार किया और अब रेड अलर्ट वाली लाल टोपी को सिर पर लगाकर सपा का सम्मान किया।“
अब्बास अंसारी का भड़काऊ भाषण
गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने कहा कि उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को सरकार बनने के बाद किसी भी अधिकारी का तबादला नहीं करने के लिए कहा, “हिसाब-किताब” के 6 महीने बाद पोस्टिंग की जाएगी। यह वाक्या उनके मऊ जिले में एक जनसभा के दौरान का है। इसके बाद सरकारी अधिकारियों को धमकाने के आरोप में उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
सपा नेता पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हमला किया.
फाजिलनगर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने हमला किया । इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हमले की निंदा की और “चुनाव के शेष दो चरणों में भाजपा को शून्य पर लाने” की कसम खाई ।
ऐ देखो भाजपा का असली रूप।
योगी जी आप ने हमला करवाया जरूर लेकिन मैं सुरक्षित हूँ। pic.twitter.com/YLpVOG9QO3— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) March 2, 2022
बीजेपी नेता ने गलत दावे के साथ शेयर किया पुराना वीडियो
बीजेपी के राकेश गोयल ने पाकिस्तान विधानसभा के एक पुराने वीडियो की क्लिप शेयर करते हुए झूठा दावा किया कि , “जैसे ही पाकिस्तान में यह खबर पहुंची कि जैसे ही यह समाचार पाकिस्तान पहुंचा कि यूक्रेन में पाकिस्तान के छात्रों ने भारत का तिरंगा अपने वाहनों पर लगाकर वहां से जान बचा कर निकले हैं तो पाकिस्तान की संसद में देखो फिर क्या हुआ, सांसदों ने इमरान मुर्दाबाद व मोदी जिंदाबाद के नारों से हाल गुंजा दिया।“
जैसे ही यह समाचार पाकिस्तान पहुंचा कि यूक्रेन में पाकिस्तान के छात्रों ने भारत का तिरंगा अपने वाहनों पर लगाकर वहां से जान बचा कर निकले हैं तो पाकिस्तान की संसद में देखो फिर क्या हुआ, सांसदों ने इमरान मुर्दाबाद व मोदी जिंदाबाद के नारों से हाल गुंजा दिया।#मोदीहैतोमुमकिनहै pic.twitter.com/j7YWaZX90O
— Rakesh Goel( मोदी का परिवार) (@rakeshgoelbjp) March 4, 2022
बीजेपी नेता बृजभूषण सिंह का विवादित बयान
बीजेपी विधायक बृजभूषण सिंह का एक वीडियो जिसमें इंटरव्यूअर को कहा गया है कि अगर सवाल पूछना है तो ऐसा पूछो जिसमे कोई न्यूज़ बने, क्या तुम महंगाई लिए घूम रहे हो।
कांग्रेस के झूठे दावे
यूपी चुनाव 2022 में कांग्रेस पार्टी का प्रमुख घोषणापत्र महिला और युवा का विकास है। 2017 में, कांग्रेस ने 408 सीटों में से केवल 7 सीटें जीतीं। पिछली बार 1989 में कांग्रेस यूपी में सत्ता में आई थी। जब एनडी तिवारी कांग्रेस पार्टी से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने पिछले दो कार्यकाल से यूपी विधानसभा चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।
चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने विपक्ष के तौर पर शिक्षा, किसान आंदोलन, महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों को उठाया। हालाँकि, यूपी चुनाव 2022 के प्रचार के दौरान कांग्रेस द्वारा बहुत सी फर्जी खबरें और भ्रामक दावे किए गए थे।
राहुल गांधी द्वारा किया गया झूठा दावा
1 फरवरी को, राहुल गांधी ने एक वीडियो पोस्ट राघवेंद्र मिश्रा एक वरिष्ठ नागरिक को धमकी देते है क्योकि वें भगवा पार्टी के खिलाफ वोट करने का समर्थन करते हैं।राहुल गांधी ने वीडियो के साथ कैप्शन दिया, “हिंदुत्ववादियों की राजनीति यानि गुंडागर्दी।“
हिंदुत्ववादियों की राजनीति यानि गुंडागर्दी।#Election2022 https://t.co/UYEQmHaXmD
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2022
रिवर्स रिसर्च के बाद, हमें एक वीडियो मिला जिसमें दोनों ने दावा किया कि वीडियो लोगों को जागरूक करने के लिए बनाया गया था। वीडियो को स्क्रिप्ट किया गया था और ऐसी कोई धमकी नहीं दी गई थी।
Update in #Kanpur incident.
The senior citizen claims himself to be uncle of Raghavendra Mishra.
"We were merely joking as why i should join the #BJP", says the senior citizen. pic.twitter.com/VC6kLUQrC5
— Arvind Chauhan 💮🛡️ (@Arv_Ind_Chauhan) February 1, 2022
यूपी ईस्ट यूथ कांग्रेस के द्वारा पोस्ट की गयी एडिटेड तस्वीर
यूपी ईस्ट यूथ कांग्रेस ने एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें हिंदू-मुस्लिम धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले दो लोग कांग्रेस का विज्ञापन करने वाला पोस्टर पकड़े हुए हैं। तस्वीर के जरिए दावा किया कि ये तस्वीर इस और भी इशारा कर रही है कि उत्तरप्रदेश के दिल मे इस बार सिर्फ कांग्रेस है । हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई आपस में हम भाई भाई!
गंगा जमुनी तहजीब की तस्वीर
चंद ज़हरीले लोगो के जहर से
खत्म नही होने वाली ।ये तस्वीर इस और भी इशारा कर रही है कि उत्तरप्रदेश के दिल मे इस बार सिर्फ कांग्रेस है ।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई
आपस में हम भाई भाई!बोलता उत्तरप्रदेश आ रही है काँग्रेस!#AaRahiHaiCongress pic.twitter.com/IfXYI7JRWk
— UP East Youth Congress (@IYC_UPEast) January 10, 2022
रिवर्स रिसर्च के बाद, हमें मूल तस्वीर का पता चला और पोस्टर टीएमसी पार्टी के द्वारा बनाया गया था। नुसरत जे रूही ने इस फर्जी पोस्टर की आलोचना की। और, उन्होने 3 मार्च, 2021 को एक ट्वीट में मूल पोस्टर पोस्ट किया।
Shameless polarisation coming from the party that understands nothing of unity or peace!
FYI, Mr @amitmalviya people across all religions, caste groups, genders are rallying behind @MamataOfficial owing to her good work. Would recommend having some grip on your politics of hate! https://t.co/kPHt6azW3m pic.twitter.com/fioJXWjZnK
— Nussrat Jahan (@nusratchirps) March 3, 2021
महिलाओं के लिए मुफ्त बसों का फर्जी दावा
बिहार कांग्रेस ने एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें उन्होंने दावा किया कि 9 जनवरी 2022 को कांग्रेस पार्टी द्वारा महिलाओं के लिए मुफ्त बसों का लाभ उठाया गया है।
वास्तव में असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनवाल जी ने मुफ्त बसों का ताना-बाना बुना था । और, श्री सर्बानंद सोनवाल ने ट्वीट कर महिलाओं के लिए 25 गुलाबी बसें निःशुल्क उपलब्ध कराने की बात कही।
निष्कर्ष
अतः यह स्पष्ट हैं कि चल रहे हाई-प्रोफाइल चुनाव अभियान में बहुत सारी फर्जी और भ्रामक खबरें प्रसारित की गयी हैं। सभी पार्टियों के नेता चुनाव जीतने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।
इसके अलावा, सबसे महत्वपूर्ण बात जो DFRAC के इस विशेष रिपोर्ट से स्पष्ट है, वह यह है कि झूठे दावे और नफरत हर पार्टी के एक या एक से अधिक उम्मीदवारों द्वारा फैलाई जाती है। इसलिए, यह बात साफ है कि सभी राजनीतिक दलों द्वारा अन्य दलों को बदनाम करने और मतदाताओं को लुभाने के लिए अलग-अलग प्रचार किया जाता है।