कॉक्स रेडियो और टीवी स्टेशनों के आईटी सिस्टम और लाइव स्ट्रीम को पंगु बनाने वाले रैंसमवेयर हमले में ईरानी हैकरों का हाथ था। इस बात का खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है। हमले के लिए DEV-0270 के कोडनेम के तहत ट्रैक किए गए एक खतरे वाले सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया गया है, जो इस साल अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ कई घुसपैठ से जुड़ा एक समूह है।
कॉक्स मीडिया ग्रुप में घुसपैठ 3 जून को सामने आई, जब हमलावरों ने अपने रैंसमवेयर से प्रभावित किया और कुछ आंतरिक सर्वरों को एन्क्रिप्ट किया। इस हमले ने सभी कॉक्स मीडिया ग्रुप रेडियो और टीवी स्टेशनों को प्रभावित नहीं किया था, हालांकि कुछ स्टेशनों की अपनी साइटों पर लाइव स्ट्रीम प्रसारित करने की क्षमता को प्रभावित करने में कामयाब जरूर रहे थे।
Apologies for the trouble! There's currently an issue with the feed from WSB that's under investigation, and we hope to see this cleared up soon. We appreciate your patience in the meantime!
— Hulu Support (@hulu_support) June 3, 2021
कॉक्स मीडिया ग्रुप ने शुरू में इस हमले के असर को कम करने की कोशिश की। स्थानीय पत्रकारों ने ट्विटर पर रैंसमवेयर घटना के बारे में विवरण साझा किया था, जिसके बाद उन्हें ट्वीट को हटाने के लिए कहा गया। हालाँकि, कंपनी द्वारा औपचारिक रूप से 4 महीने बाद अक्टूबर में इस हमले की पुष्टि की गई, लेकिन यहां ईरानी हैकर्स के बारे में कोई विवरण नहीं दिया गया।
यह भी पढे: क्या कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा- ‘गोमांस खाने में कोई बुराई नहीं’
कॉक्स हमले के पीछे ईरानी हैकरों का हाथ होने का खुलासा तब हुआ, जब अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा नवंबर में दो ईरानी नागरिकों पर हैकिंग से संबंधित कई आरोप लगाए गए। उनमें से एक अमेरिकी मीडिया कंपनी की हैकिंग के लिए था, जिसका उद्देश्य यूएस 2020 के राष्ट्रपति चुनाव की वैधता के बारे में अपनी वेबसाइट के माध्यम से झूठी खबरें फैलाना था। बाद में कंपनी की पहचान ली एंटरप्राइजेज के रूप में हुई, जो बफ़ेलो न्यूज़, एरिज़ोना डेली स्टार और ओमाहा वर्ल्ड-हेराल्ड जैसी समाचार साइटों के संचालक थे।