DFRAC विशेषः हरिद्वार की “धर्म संसद” में दिए गए मुस्लिम विरोधी भाषणों का विश्लेषण

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उत्तराखंड के हरिद्वार में खड़खड़ी स्थित वेद निकेतन आश्रम में 17 और 19 दिसंबर को हिंदुत्व संगठनों के चरमपंथियों का एक बड़ा कार्यक्रम धर्म संसदके नाम पर आयोजित हुआ। तीन दिनों के इस कार्यक्र्म में मुस्लिम और ईसाई विरोधी भावनाओं का एक असाधारण रूप देखा गया। जिसमे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हथियार उठाने और उनकी हत्या के लिए बहुसंख्यक समाज को उकसाने का प्रयास किया गया।

कार्यक्रम से जुड़े वीडियो वायरल होने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कार्यक्रम में बीजेपी नेताओं की उपस्थिती और मुस्लिमों के नरसंहार की अपील की कड़ी आलोचना हो रही है। इस पूरे विवाद का सबसे दुखद पहलू ये रहा कि पुलिस की कार्रवाई उतने प्रभावी ढंग से नहीं हुई। इसलिए विपक्षी नेताओं ने प्रदेश सरकार के साथ-साथ पुलिस की भी कड़ी आलोचना की है। इस घटना ने अंतराष्ट्रीय मीडिया और जानी मानी हस्तियों का भी ध्यान आकर्षित किया है। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने इस घटना की आलोचना करते हुए इसकी कड़ी निंदा की है।

कार्यक्रम से जुड़े प्रमुख बिंदु

कार्यक्रम से जुड़े वायरल वीडियो में…..

Annapurna Maa

 

  • हिन्दू महासभा की जनरल सेक्रेटरी और निरंजनी अखाड़ा महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि 2029 में मुसलमान प्रधानमंत्री नहीं बनने देंगे। अगर इनकी जनसंख्या को खत्म करना है तो हम मारने को तैयार है और इनके 20 लाख भी मार दिये तो विजयी है। कॉपी किताब को रख दो और हाथ में शस्त्र उठा लो।

Dharamdas Maharaj

  • बिहार के धर्मदास महाराज को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि इस्लामिक भारत में सनातन धर्म का भविष्य हमारा विषय है। देश में 80 फीसदी हिन्दू है लेकिन भारत हो रहा इस्लामिक है। आधा भारत तो हो चुका है इस्लामिक। जहां हरा झण्डा गाड़ा जा चुका है अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश आपके हाथ से हो चुका है बाहर और शेष जो है शेष में भी 500 पाकिस्तान बन चुके है। भारत में भी 500 पाकिस्तान है। अभी कम से कम जहां कि आप घंटे नहीं बजा सकते… जहां आरती, पूजा, जुलूस, धार्मिक जुलूस आप नहीं निकाल सकते हो और दोस्तो हुआ ये क्यों… जब भारत का पीएम संसद में बोलता है कि राष्ट्रीय संसाधनों पर सबसे पहला जो हक है। वो है इस्लाम के मानने वालों का। ये हमारे पीएम साहब जब संसद में बोले थे, जब मैंने पढ़ा था न पेपर में तो हुआ मन में काश में भी सांसद होता और हाथ में रिवाल्वर होता और मैं नाथुराम हो जाता और अपनी छः की छः गोलियां मैं मनमोहन सिंह की छाती में लगा देता। लेकिन मैं तो एक आम फकीर हूँ….

Swami Prabodhanand

  • हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानंद को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि हरिद्वार हिदुओं की धर्मनगरी है, तीर्थनगरी है। हर साल 25 दिसंबर को इस शहर में क्रिसमस मनाया जाता है। मैंने कहा क्रिसमस नहीं मनाए जाएगा। ईद नहीं मनाई जाएगी और जो होटल वाले क्रिसमस और ईद मनाएंगे, वह अपने शीशा को बचाएं। अपने होटल को बचाए, उसकी ज़िम्मेदारी हमारी नहीं है। मैंने कहा तुम असंवैधानिक काम कर रहे हो। हमने तुम्हारा विरोध किया और तुम्हारा शीशा टूट गया तुम जानों। लेकिन ये तय है इस बार 25 दिसंबर को हरिद्वार में क्रिसमस नहीं मनाया जाएगा।

Yati Narasinghanand

  • यति नरसिंहानंद को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि हथियार उठाए बिना धरती की कोई कोम न तो बच सकती है और नहीं कभी बची है। 40 करोड़ की इकोनॉमी है वो 40 करोड़ आदमियों की। तुम 100 करोड़ हो, तुम्हारे यहाँ बच्चे नहीं है। आर्थिक ताकत उनके पास चली गई। हिन्दू संगठन अपडेट नहीं हुए। जो बात मैं 9 साल की उम्र से सुन रहा था, आज बूढ़ा हो गया तभी आर्थिक बहिष्कार की बात चल रही थी। आज भी वो ही बात चल रही है, तुम अपडेट कब होंगे और तलवारों की बात भूल जाओ। तलवार केवल मंचों पर दिखाने के काम आने वाली है। लड़ाई में जीतता वो है जिसके हथियार शत्रु से ज्यादा ताकतवर होते है। (1:02)

Sagar Sindhuraj Maharaj

  • सागर सिंधु महाराज को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मैं बार –बार ये कहता हूँ। मोबाइल पाँच हजार वाला भी चल जाएगा, लेकिन शस्त्र कम से कम तुम्हारे पास एक लाख रुपए वाला होना चाहिए, और जो तलवार की बात है, लाठी डंडे की बात है, कम से कम घर में हर वक्त होना चाहिए। अपना शस्त्र लेकर चले गए तो घर में कुछ ऐसा होना चाहिए कि कोई आए तो जीवित वापस न जाये।

Swami Premanand Maharaj

  • स्वामी परमानंद महाराज को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि धर्म कि रक्षा बिना शस्त्रों के नहीं होती है। यदि रक्षा करनी है, तो मोबाइल पाँच हजार का हो लेकिन शस्त्र एक लाख का होना चाहिए। झूठे गोल्ड-स्टार को पहन लो, दो सौ, ढाई सौ वाले, शस्त्र एक लाख का होना चाहिए। जीवित वही रहता है, जो प्रतिकार करता है।

Ashwini Upadhyay

  • बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि ये शर्म की बात है हिन्दुस्तान में भगवा कलर में हिन्दी में संविधान विशेष रूप से बनवाना पड़ रहा है। कायदे से ये हमेशा होना चाहिए।

Swami Prabodhanand

  • स्वामी प्रबोधनंद को को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि और देरी नहीं है, अब ये बात इतना अंतर है या तो खुद मरने को तैयार रहो या मारने को तैयार रहो, और कोई दूसरा विकल्प नहीं है। क्योंकि कोई विकल्प नहीं है। इसलिए आपको म्यांमार की तरह यहाँ की पुलिस को, यहाँ के नेताओं को, यहाँ की फौज को, यहाँ के हर हिंदुओं को अस्त्र उठाकर के इस सफाई अभियान को करना पड़ेगा। इसके अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। 030

Sindhu Sagar Swami

  • सिंधु सागर स्वामी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि अभी भी ऐसे कई गांव है, जहां मुस्लिम बहुत कम है। तो उस गांव के धनाढ्य व्यक्ति का कर्तव्य बनता है कि जहां 10, 15, 20, 25, 50 लोग मुसलमान हैं, उस गांव में उनकी संपत्ति अधिक से अधिक दामों में खरीदकर उन्हें गांव से बाहर कर दें। गांव मुस्लिमविहीन हो जाएगा। संवैधानिक उपचारों का सहारा लें और मैं कहता हूँ महाराज, जो कुछ मेरे साथ हैं, हमारे जो बंधु हैं, मैं तो उन्हे केवल भाई कहता हूँ, लेकिन संविधान में एससी/एसटी कहता है। तो मैं तो भैय्या तो कम से कम 10 मुसलमानों पर एससी/एसटी की झूठी धारा लगवाकर उन्हें जेल भिजवा चुका हूँ। मैं सत्य कह रहा हूँ। अगर तुम कुछ कर सकते हो तो परेशान करो। उन्हें इतना परेशान करो के अपना घर बेचने पर मजबूर हों।

The speaker

  • स्पीकर को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि तो सभी को अस्त्र और शस्त्र चलाना अनिवार्य है। ताकि अधर्मियों और विधर्मियों का संहार कर सके। देखिये ये फरसे हैं, ये विधर्मियों की गर्दन काटने को है….

Sagar Sindhuraj Maharaj

  • सागर सिंधुराज महाराज को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि- मैं बार-बार कहता हूँ, जिसको बचा सकते हो, उसको बचा लो। आपके यहाँ से बाहर जाते ही लोगों के अंदर एक सूचना जानी चाहिए। अगर हिन्दू धर्म स्वीकार किया तो प्राण बच सकते हैं, वरना ये लोग म्यांमार की तरह यहां से भी हमको मारकर भगा सकते हैं। (25)

सोशल मीडिया पर चला #HaridwarHateAssembly & #HaridwarGenocidalMeet हेशटेग

  • टाइमलाइन

ट्विटर पर वीडियो के सामने आने के बाद  22 दिसंबर से #HaridwarHateAssembly & #HaridwarGenocidalMeet हैशटेग शुरू हुए, जो 23 दिसंबर तक जारी रहे। इस दौरान 2,600 से अधिक ट्वीट और 500 से अधिक रीट्वीट हुए। इस दौरान दोनों हैशटैग टॉप पर रहे।

  • वर्डक्लाउड

वर्डक्लाउड से पता चलता है कि #HaridwarHateAssembly, #HaridwarGenocidalMeet के हैशटैग वाले ट्वीट्स में वर्डक्लाउड में दिखाये गए शब्दों का सबसे अधिक इस्तेमाल किया गया।

  • मेंशन

नीचे दिए गए ग्राफ़ से पता चलता है कि दोनों हैशटैग में @RahulGandhi को सबसे अधिक 97 बार मेंशन किया गया। उसके बाद @zoo_bear और @narendramodi को क्रमशः 84 और 72 बार मेंशन किया गया था।

  • सबसे अधिक ट्वीट

नीचे दिए गए ग्राफ़ से पता चलता है कि वे कौन से यूजर थे जिन्होंने इन हैशटैग्स का उपयोग करते हुए सबस् ज्यादा बार ट्वीट किया और लोगों को रिप्लाई दिया। @LOC_bbk ने सबसे अधिक 30 बार ट्वीट किया। उसके बाद @Nadiassay और @mskhan78610 ने क्रमशः 29 और 26 बार ट्वीट किए।

  • हैशटैग का इस्तेमाल

#HaridwarHateAssembly और #HaridwarGenocidalMeet के साथ और भी कई हैशटैग का इस्तेमाल हुआ, जैसे #ArrestHaridwarGenocideMongers, #haridwar, #ArrestBhagwaTerrorists, इत्यादि।

  • वेरिफाइड अकाउंट

इन हैशटैग मेंकई वेरिफाइड हैंडल भी शामिल हुए। जिन्होंने इन हैशटैग पर ट्वीट किया। कुछ वेरिफाइड अकाउंट जो शामिल हुए हैं: @sagarikaghose, @asadowaisi, @thewire_in, @TamilTheHindu आदि हैं।

प्रमुख विपक्षी नेताओं ने की कार्रवाई की मांग

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद देश के कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भी इन दोनों #HaridwarHateAssembly और #HaridwarGenocidalMeet हैशटेग का इस्तेमाल करते हुए उत्तराखंड की बीजेपी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई नहीं किए जाने की कड़ी आलोचना की।

देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांगेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले में बीजेपी पर तंज़ कसते हुए ट्वीट किया कि हिंदुत्ववादी हमेशा नफ़रत व हिंसा फैलाते हैं। हिंदू-मुसलमान-सिख-ईसाई इसकी क़ीमत चुकाते हैं। लेकिन अब और नहीं! #IndiaAgainstHindutva #HaridwarHateAssembly

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘यह बेहद निंदनीय है कि वे हमारे माननीय पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या करने और विभिन्न समुदायों के लोगों के खिलाफ हिंसा करने का आह्वान करने के बाद भी यूं ही बच जाएं।’

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, उत्तराखण्ड के हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर को आयोजित हुए एक कार्यक्रम में भड़काऊ एवं हिंसा के लिए उकसाने वाले भाषणों के वीडियो वायरल होने के बावजूद अभी तक कोई गिरफ्तारी ना होना शर्मनाक है। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठे हैं। हमारे देश में कुछ उपद्रवी तत्व एक समुदाय के लोगों की हत्या करने की बात कहें पर उनके ऊपर कोई कार्रवाई ना हो, इससे लगता है कि बीजेपी शासित राज्यों में जंगलराज की स्थिति बन गई है। दुनिया में जहां भी नरसंहार हुए वहां पहले ऐसे ही भड़काऊ भाषण हुए जिन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस )TMC) के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने ट्वीट किया कि मैंने वेद निकेतन धाम में 17-20 दिसंबर को आयोजित #HaridwarHateAssembly के खिलाफ हरिद्वार में एसएचओ ज्वालापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। 24 घंटे में आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज न करने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास एक वाद दायर किया जाएगा।

सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचूरी ने ट्विट कर कहा, 3 दिनों तक अल्पसंख्यकों के खिलाफ सशस्त्र हिंसा को भड़काने वाली अभद्र भाषा संविधान और सार्वभौमिक मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है। नफरत फैलाने को इस तरह की सजा माफी भाजपा सरकार की पहचान है। अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार करो।

निष्कर्ष

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इन वीडियो ने न केवल देश के मुसलमानों में बल्कि ईसाई समुदाय में भी डर का माहौल पैदा करने का प्रयास किया। इसके अलावा मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा, उनकी हत्या, उनका आर्थिक रूप से बहिष्कार आदि के जरिये देश की बहुसंख्यक हिन्दू समाज को भड़काने की पूरी कोशिश की गई। इस पूरे मामले में उत्तराखंड पुलिस की कार्यशैली भी सवालो के घेरे में रही।

  • उतराखंड पुलिस ने आखिरकार ऐसे कार्यक्रम के लिए अनुमति कैसे दे दी?
  • उतराखंड पुलिस को इस कार्यक्रम के बारे में पहले से कोई जानकारी क्यों नहीं थी?
  • उतराखंड पुलिस का खुफिया विभाग को इस के बारे में पता कैसे नहीं चला?
  • कार्यक्रम के पश्चात उतराखंड पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
  • एफ़आईआर दर्ज होने के तीन बाद भी अब तक किसी की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?
  • क्या उतराखंड पुलिस सत्ताधारी पार्टी से आरोपियों के सबंध होने के कारण कार्रवाई करने से बच रही?

इस धर्म संसद में नफरत के उद्घोष के बाद देश और विदेश में भारत को छवि को काफी गहरा धक्का लगा है। सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया तक भारत और यहां के कानून व्यवस्था की काफी आलोचना हो रही है।