फैक्ट चेकः क्या रामानुजन पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली भारतीय हैं नीना गुप्ता?

Fact Check hi Featured Misleading

कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान की गणितज्ञ और प्रोफेसर नीना गुप्ता को विकासशील देशों के युवा गणितज्ञ के लिए 2021 डीएसटी-आईसीटीपी-आईएमयू रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनको एफ़िन बीजगणितीय ज्यामिति और कम्यूटेटिव बीजगणित में अद्भुत कार्य के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया है। विशेष रूप से एफ़िन स्पेस में “ज़ारिस्की कैंसेलेशन प्रोब्लम” के समाधान के लिए उन्हें पुरस्कार दिया गया है।

वहीं सोशल मीडिया के कुछ यूजर्स यह दावा कर रहे हैं कि नीना गुप्ता पहली भारतीय हैं, जिन्हें रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस दावे के साथ फेसबुक और ट्वीटर पर लोग पोस्ट कर रहे हैं।

 

फेसबुक पोस्ट

फैक्ट चेक:

अपने फ़ैक्ट चेक विश्लेषण के बाद हमने पाया कि यह दावा झूठा और भ्रामक है। नीना गुप्ता रामानुजन पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली नहीं बल्कि चौथी भारतीय हैं। सुजाता रामदोराय (2006), अमलेंदु कृष्णा (2015) और रीताब्रत मुंशी (2018) को पहले ही रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। अधिक जानने के लिए, रामानुजन मूल्य विजेताओं की लिस्ट को देखें।

इंडियन एक्सप्रेस ने भी हाल ही में एक रिपोर्ट बनाई थी जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था कि नीना गुप्ता यह पुरस्कार पाने वाली चौथी भारतीय हैं।

इसलिए यह स्पष्ट है कि नीना गुप्ता के रामानुजन पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली भारतीय होने का दावा झूठा और भ्रामक है।