केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा है। किसान इन तीनों कानूनों को वापस किए जाने की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक यह कानून वापस नहीं होंगे उनका धरना प्रदर्शन खत्म नहीं होगा। वहीं इस बीच सोशल मीडिया पर किसानों के समर्थन और विरोध में प्रोपेगेंडा चल रहा है।
कई लोगों द्वारा पुराने और एडिटेड फोटो और वीडियो के साथ किसानों के प्रदर्शन के खिलाफ फेक न्यूज़ फैलाया जा रहा है। 21 सितंबर,2021 को ट्विटर पर “#हरडकैतमोदीसेपरेशान” नाम का हैशटैग ट्रेंड कर रहा था। इस हैशटैग को कई यूजर्स ने बैलगाड़ी पर गन्ना लादे जा रहे हैं किसानों की एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें प्रत्येक गाड़ी में भाजपा का झंडा था।
कई लोगों ने इस तस्वीर को इस कैप्शन के साथ पोस्ट किया, “किसान मोदी जी के साथ मजबूती से खड़े हैं।”
फैक्ट चेक:
वीडियो के मुख्य फ़्रेमों को रिवर्स सर्च करने पर, हमने पाया कि तस्वीर दिसंबर, 2020 की शुरुआत में पोस्ट की गई थी। तब तक किसानों का विरोध पूरी तरह सक्रिय भी नहीं हुआ था।
हमने पाया कि एक ट्विटर यूजर ने यह तस्वीर 2020 में पोस्ट की थी।
इन सब तथ्यों से साबित होता है कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा भ्रामक है। और किसानों के विरोध में प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है। इसके लिए पुराने वीडियो या फोटो को शेयर करके किसानों खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है।