फैक्ट चेकः स्टालिन सरकार द्वारा हिन्दुओं के मंदिर गिराए जाने की सच्चाई

Fact Check hi Fake Featured Misleading

सोशल मीडिया पर आए दिन सांप्रदायिक घटनाओं को प्रसारित किया जाता रहता है। बिना किसी तथ्य की जांच के लोग उसे किसी धर्म विशेष के खिलाफ मानते हुए पोस्ट और शेयर करने लगते हैं। जिससे चंद मिनटों में ही वह भ्रामक और गलत खबर लाखों लोगो तक पहुंच जाती है। ऐसा ही एक वीडियो तमिलनाडु का है, जहां अधिकारियों द्वारा हिन्दू समुदाय के मंदिर को गिराया जा रहा है। इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि राज्य की एमके स्टालिन सरकार मंदिरों को इसलिए गिरा रही है क्योंकि स्टालिन खुद ईसाई हैं।

द हिन्दुराष्ट्र नाम के एक फेसबुक पेज से इस वीडियो को शेयर किया गया है। जिसमें कैप्शन दिया गया है- “पुरे भारत में आग के तरह फैलाएं ताकि तमिलनाडु सरकार का चेहरा बेनकाब हो जाए! तमिलनाडु सरकार लगातार हिंदू धर्म के मंदिरों को एक बहुत पुरानी विरासत को मिटाने की साज़िश कर रहे हैं। केन्द्र सरकार इसपे कुछ करती क्यूं नहीं है? ये कोई पहला मामला नहीं है।” इसके अलावा कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने इस वीडियो को शेयर किया है।

तोड़फोड़ का वीडियो

इसी दावे के साथ वही वीडियो फेसबुक पर वायरल है।

वीडियो को r/AgainstHinduphobia नाम के एक सबरेडिट पर भी पोस्ट किया गया था

फैक्ट चेकः

सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो के साथ किए जा रहे दावों की जांच की गई तो कई तथ्य सामने आए। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के ईसाई होने का जो दावा किया जा रहा है, वो पूरी तरह से गलत है। स्टालिन ने कई मौकों पर सार्वजनिक तौर पर ये बताया है कि वह नास्तिक हैं।

इसके अतिरिक्त, हिन्दु समुदाय के मंदिरों को गिराए जाने का डीएमके सरकार का कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है। क्योंकि अधिकारियों ने पहले ही स्पष्ट किया है कि जिन मंदिरों या निर्माणाधीन मकानों को तोड़ा गया था, वे इस इलाके की सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करके बनाया गया था। साथ ही, अवैध निर्माण को हटाए जाने की ये कार्रवाई मई 2021 में DMK सरकार के सत्ता में आने के बहुत पहले से ही हो रहे थे। News18 की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल अवैध अतिक्रमण की वजह से करीब 2,400 परिवारों को उसी क्षेत्र से हटा दिया गया था।

सरकार के सत्ता में आने से बहुत पहले से ही विध्वंस निर्धारित थे

इसलिए सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा झूठा और गलत है।

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