तालिबानी शासन महिलाओं पर कड़े नियम लागू करने के लिये जाना जाता है। वर्तमान में अफगानिस्तान पर कब्जे के साथ ही सोशल मीडिया पर अफगानिस्तान में रहने वाली महिलाओं के बारे में चिंताओं का दौर शुरु हुआ है। इसी चिंता के क्रम में हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक तस्वीर पोस्ट की गई थी जिसमें कुछ महिलाएं की एक धुँधली तस्वीर दिखाई दे रही है, जो एक स्थान पर बैठी हुई थी और किताबें पढ़ रही थी। इन महिलाओं ने आधुनिक पश्चिमी पोशाक पहनी हुई है। इस तस्वीर के साथ अलग-अलग कैप्शन पोस्ट किये गए हैं, जिसमें दावा किया गया कि यह तस्वीर 1970 के दशक में अफगानिस्तान में ली गई थी।
पोस्ट में दावा किया गया कि तालिबान ने 1996-2001 के बीच अपने शासन के दौरान महिलाओं पर प्राचीन और कठोर नियम थोपे थे और अब ये नियम दुनिया भर में रहने वाले लोगों के लिए चिंता का विषय हैं। इस तस्वीर को पूरी दुनिया में इसी तरह के कैप्शन के साथ पोस्ट किया गया है।
तथ्यों की जांच:
जब हमने इस तस्वीर को रिवर्स सर्च किया तो पाया कि तस्वीर का इस्तेमाल पहली बार विदेश नीति पर एक लेख “वंस अपॉन ए टाइम इन तेहरान” में किया गया था। यह लेख ईरान पर 2012 के लेख में उपयोग की गई थी।
तस्वीर को कैप्शन दिया गया है “1971 में तेहरान विश्वविद्यालय के लाउंज में छात्राएं। तेहरान विश्वविद्यालय 1934 में महिलाओं के लिए खोला गया था उसी दौरान कॉलेज की स्थापना हुई थी। ईरान क्रांति के बाद, महिलाओं को अभी भी विश्वविद्यालय में जाने की अनुमति थी – लेकिन अलग-अलग क्षेत्रों में बैठाया जाता है।” यह तस्वीर ईरानी इतिहासकार काविश फारूख के सौजन्य से प्राप्त हुई। इसलिए हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि इस तस्वीर के साथ सोशल मीडिया पर अफ़गानिस्तान से संबंधित जो दावा किया जा रहा है, वह दावा झूठा है।