फैक्ट चेकः तालिबान की डर से महिला पत्रकार ने पहना हिजाब ?

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अफगानिस्तान में तालिबानी हुकुमत की फिर से वापसी होने जा रही है। तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल सहित लगभग पूरे देश पर कब्जा कर लिया है। तालिबान की सत्ता में वापसी देखते हुए लोगों को 90 का दशक याद आने लगा है, जहां तालिबानी हुकुमत की सत्ता में महिलाओं और लड़कियों पर तमाम तरह के पाबंदी लगाए जाते थे। तालिबान की बर्बरियत इस हद तक थी कि हैवानियत और जुर्म की घटनाओं को तालिबानी सजा की संज्ञा दी जाने लगी थी।

तालिबान की सत्ता में वापसी के साथ महिलाओं और लोगों पर जुर्म की बातें की जाने लगी हैं। इसी क्रम में एक महिला पत्रकार क्लैरिसा वार्ड की फोटो वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि क्लैरिसा वार्ड पहले काबुल में बिना हिजाब के रिपोर्टिंग किया करती थी। लेकिन तालिबान की वापसी के साथ ही महिला पत्रकार ने अपना ड्रेस बदल दिया है और हिजाब पहन के रिपोर्टिंग कर रही है। क्लैरिसा वार्ड पुरस्कार विजेता अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार जो सीएनएन यूएसए के लिए रिपोर्टिंग करती हैं। वह तालिबान के सदस्यों का साक्षात्कार करने और संगठन के जीवन के तरीकों का पता लगाने वाली पश्चिमी मीडिया का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला रिपोर्टर है।

फैक्ट चेकः

अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण के साथ नियम सख्त हो गए हैं। तालिबान ने खुद महिलाओं को लेकर अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राय स्पष्ट कर दी है। वहीं वार्ड खुद स्पष्ट करती हंं कि उसके कपड़ों में बदलाव शुरू में इतना कठोर नहीं था। वह केवल हेडस्कार्फ़ के साथ ही सड़कों पर निकलती थी। वह यह भी कहती है कि उसके रूप में परिवर्तन उतना स्पष्ट नहीं था जितना कि दो छवियों में देखा जा सकता है। इससे साबित होता है कि यह भ्रामक फोटो है। जिसे सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।

क्लेरिसा वार्ड ट्वीट

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