पिछले दिनों गीतकार जावेद अख्तर और मुफ्ती शमाइल नदवी के बीच ‘Does God Exist’ विषय पर चर्चा हुई थी। इस चर्चा के बाद सोशल मीडिया पर यह दावा किया जाने लगा कि मुफ्ती शमाइल नदवी से इंस्पायर होकर कई हिन्दू परिवारों ने इस्लाम कुबूल किया है। कई यूजर्स ने दावा किया कि 11 हिन्दू परिवारों ने मुफ्ती शमाइल नदवी के कोलकाता स्थित वाहयैन फाउंडेशन जाकर इस्लाम कुबूल किया है।
एक यूजर ने लिखा, ‘रातों-रात प्रसिद्धि पाने वाले मुफ्ती शमाइल नदवी के माध्यम से अल्लाह ने 11 हिंदू परिवारों को इस्लाम कबूल करने की तौफ़ीक़ दी। नास्तिक जावेद अख्तर, जिसे आज तक किसी भी वाद-विवाद (डिबेट) में कोई पराजित नहीं कर सका था, लेकिन दिल्ली में हुए दो घंटे तक चले डिबेट में हर धर्म के हज़ारों लोग मौजूद थे और इस डिबेट की लाइव कवरेज पूरी दुनिया देख रही थी। मुफ्ती शमाइल नदवी के बेहतरीन अंदाज़ और मज़बूत दलीलों के सामने जावेद अख्तर को पूरी दुनिया के सामने इस तरह एक्सपोज़ कर दिया गया कि वह सिर उठाने के काबिल भी नहीं रहा। आख़िर में जावेद अख्तर के पास कोई जवाब नहीं बचा, जिस पर मुफ्ती शमाइल नदवी को विजयी घोषित किया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के शहर कोलकाता में 11 हिंदू परिवारों ने मुफ़्ती शमाइल नदवी के संस्थान में आकर अपनी खुशी से इस्लाम क़बूल कर लिया।’

इसके अलावा ऊर्दू भाषा में कैप्शन के साथ कई यूजर्स ने 11 हिन्दू परिवारों के मुफ्ती शमाइल नदीव से इंस्पायर होकर इस्लाम कुबूल करने का दावा किया है, जिसे यहां और यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल दावे की जांच के लिए मुफ्ती शमाइल नदवी के सोशल मीडिया हैंडल्स को देखा। हमें यहां एक आधिकारिक स्पष्टीकरण मिला, जिसमें सोशल मीडिया पर किए जा रहे कई दावों का स्पष्टीकरण दिया गया है। वाहयैन फाउंडेशन के लेटरहेड पर जारी इस स्पष्टीकरण में लिखा गया है, ‘11 हिंदू परिवारों के इस्लाम अपनाने के बारे में झूठा दावा: यह दावा कि 11 हिंदू परिवारों ने वाहयैन फाउंडेशन का दौरा किया और इस्लाम अपनाया, यह भी झूठा है। ऐसी कोई घटना नहीं हुई, और यह जानकारी पूरी तरह से मनगढ़ंत है।‘

इस स्पष्टीकरण में यह भी बताया गया है, ‘इस्लाम अपनाने वाले लोगों की खास संख्या के बारे में दावे: इस्लाम अपनाने वाले लोगों के बारे में अलग-अलग संख्याएँ फैलाई जा रही हैं। फिलहाल, हमारे पास ऐसे आँकड़ों की पुष्टि करने के लिए कोई वेरिफाइड या प्रामाणिक डेटा नहीं है। इसलिए, हम इन दावों की न तो पुष्टि करते हैं और न ही इनकार करते हैं।’
हमारी टीम ने इस बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए मुफ्ती शमाइल नदवी से संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया, ‘झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं कि 11 हिंदू परिवारों ने मेरे फाउंडेशन का दौरा किया और बहस के बाद इस्लाम कबूल कर लिया। यह दावा पूरी तरह से झूठा है और इसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है। किसी भी गैर-मुस्लिम ने इस्लाम कबूल करने के लिए मेरे फाउंडेशन का दौरा नहीं किया है, और ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। मेरा फाउंडेशन पूरी तरह से शिक्षा और समाज कल्याण के लिए समर्पित है और किसी भी राजनीतिक या अन्य गतिविधियों में शामिल नहीं होता है।’
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि मुफ्ती शमाइल नदवी के वाहयैन फाउंडेशन में 11 हिन्दू परिवारों के इस्लाम कुबूल करने का फेक दावा किया गया है। वाहयैन फाउंडेशन ने इन खबरों को फेक और मनगढ़ंत करार दिया है।

