सोशल मीडिया पर इन दिनों बर्थ सर्टिफिकेट को लेकर एक बड़ा दावा तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमे कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार ने जन्म प्रमाण-पत्र के रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 27 अप्रैल, 2026 तय कर दी है और इस तारीख के बाद कोई भी नागरिक बर्थ सर्टिफिकेट नहीं बनवा सकेगा। दावा विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय को सावधान करते हुए फैलाया जा रहा है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप्प पर एक यूजर ने इस सबंध में लिखा कि सरकार की तरफ से बड़ी चौंकाने वाली खबर बिना बर्थ रजिस्ट्रेशन वाले नागरिक सिर्फ़ 27 अप्रैल, 2026 तक ही रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। सरकार ने साफ़ किया है कि उस तारीख के बाद किसी भी हालत में डेडलाइन नहीं बढ़ाई जाएगी। साथ ही, जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन (संशोधन) एक्ट, 2023 को 1 अक्टूबर, 2023 से पूरे देश में लागू कर दिया गया है। अब, बर्थ सर्टिफ़िकेट का इस्तेमाल अलग-अलग सरकारी कामों के लिए एक ज़रूरी सोर्स डॉक्यूमेंट के तौर पर किया जाएगा। मुस्लिम समुदाय ध्यान दें — बर्थ सर्टिफ़िकेट को नागरिकता का एक मज़बूत सबूत माना जाएगा। बहुत से लोग गलती से मानते हैं कि स्कूल सर्टिफ़िकेट में जन्म की तारीख ही काफ़ी है। यह गलती न करें। पहले नाम जुड़वाने की आखिरी तारीख 14 मई, 2020 थी, अब इसे बढ़ाकर 27 अप्रैल, 2026 कर दिया गया है। बर्थ सर्टिफिकेट में नाम जुड़वाने के लिए, नागरिकों को बर्थ एंड डेथ रजिस्ट्रेशन ऑफिस में दो सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स जैसे स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, एजुकेशनल सर्टिफिकेट (10वीं/12वीं क्लास), पासपोर्ट, पैन कार्ड, या आधार कार्ड के साथ अप्लाई करना होगा। साथ ही, रजिस्ट्रेशन ऑफ़ बर्थ्स एंड डेथ्स एक्ट, 1969 के सेक्शन 10 और महाराष्ट्र रजिस्ट्रेशन ऑफ़ बर्थ्स एंड डेथ्स रूल्स, 2000 के अनुसार, कानूनी तरीकों से भी जन्म रजिस्टर कराया जा सकता है। अगर आपके पास अपने परिवार के सदस्यों के जन्म या मृत्यु के रिकॉर्ड नहीं हैं, तो पक्का करें कि वे रजिस्टर्ड हों। लगभग 75% सीनियर मुसलमानों के पास जन्म और शादी के रिकॉर्ड नहीं हैं। बहुत से लोग सिर्फ़ हज की तैयारी के दौरान ही रजिस्टर कराने की कोशिश करते हैं। अब, बिना किसी कानूनी प्रोसेस के तहसील ऑफिस से जन्म रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। बहुत से मुसलमानों को इस बारे में पता नहीं है या वे इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। सावधान रहें क्योंकि यह भविष्य में एक समस्या बन सकती है। स्कूल/कॉलेज में एडमिशन, नौकरी, विदेश यात्रा और दूसरी ज़रूरी ज़रूरतों के लिए बर्थ सर्टिफिकेट की ज़रूरत होती है। कई परिवार अभी रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, लेकिन कुछ अभी नहीं करा रहे हैं। सरकार ने एक बार फिर मौका दिया है — उन लोगों के नाम जोड़ने का जिनका नाम 1969 से पहले या बाद में बिना नाम के रजिस्टर हुआ था। जनता की मांग पर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह इंतज़ाम किया है, और सभी लोकल सेल्फ-गवर्नमेंट बॉडीज़ को एक नोटिफिकेशन भेजा गया है। पहले, घर पर डिलीवरी ज़्यादा होने की वजह से बर्थ रजिस्ट्रेशन अक्सर नहीं होता था या नज़रअंदाज़ कर दिया जाता था। शहरों में भी, जब हॉस्पिटल रजिस्टर करते हैं, तो कई परिवारों को लोकल अथॉरिटीज़ से सर्टिफिकेट नहीं मिलते। अब सरकार ने बिना नाम वाले बर्थ रिकॉर्ड (15 साल से पुराने) वाले नागरिकों को नाम जोड़ने का मौका दिया है। यह मौका सिर्फ़ 27 अप्रैल 2026 तक मिलेगा और इसे फिर से नहीं बढ़ाया जाएगा। कई बार, जन्म बिना नाम के रजिस्टर हो जाते हैं; अगर आप बाद में बच्चे का नाम जोड़ना चाहते हैं, तो यह मुमकिन है। 15 साल पुराने बिना नाम वाले जन्म रिकॉर्ड में भी नाम जोड़ा जा सकता है। क्या जन्म/मृत्यु सर्टिफ़िकेट का इस्तेमाल आधार कार्ड की तरह किया जा सकता है? अभी तक, आधार कार्ड को मुख्य पहचान डॉक्यूमेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब जन्म/मृत्यु सर्टिफ़िकेट का इस्तेमाल इंटरनेशनल लेवल पर मंज़ूर पहचान डॉक्यूमेंट के तौर पर भी किया जा सकता है। सेंट्रल गवर्नमेंट के ऑर्डर के मुताबिक, यह अधिकार डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट या सब-डिवीज़नल ऑफ़िसर को दिया गया है। 👉 नोट : कृपया यह जानकारी अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों के साथ शेयर करें। धन्यवाद
फैक्ट चेक:
वायरल दावे की पड़ताल के दौरान DFRAC ने इससे संबंधित किसी आधिकारिक नोटिफिकेशन की तलाश की। जांच के दौरान केंद्र सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश या सर्कुलर नहीं मिला जिसमें जन्म प्रमाण-पत्र के रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 27 अप्रैल, 2026 तय किए जाने का उल्लेख हो। न ही सरकार ने यह कहा है कि इस तारीख के बाद बर्थ सर्टिफिकेट जारी नहीं किए जाएंगे।

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हालांकि आगे की जांच में हमें इस दावे पर प्रेस इन्फ़ॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) का फैक्ट-चेक भी मिला। PIB ने अपने आधिकारिक बयान में वायरल दावे को पूरी तरह से फर्जी करार दिया। साथ ही स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार ने बर्थ सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन के लिए 27 अप्रैल, 2026 जैसी कोई अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की है, और सोशल मीडिया पर फैल रही जानकारी बेबुनियाद है।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि बर्थ सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 27 अप्रैल, 2026 बताए जाने वाला दावा पूरी तरह फेक है। केंद्र सरकार ने इस तरह की कोई डेडलाइन निर्धारित नहीं की है।

