सोशल मीडिया यूज़र्स ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसके कैप्शन में लिखा है, “महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर का अंडमान सेलुलर जेल में ‘काला पानी की सज़ा’ के दौरान का दुर्लभ फुटेज। यह फुटेज भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान एक डॉक्यूमेंट्री के लिए BBC द्वारा शूट किया गया था।”

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी यह दावा शेयर किया है, जिसे यहां और यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने जांच करने पर पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। यह वीडियो भारत सरकार के फिल्म डिवीजन की 1983 की एक पुरानी डॉक्यूमेंट्री है। यह वीडियो 14 अगस्त 2014 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के YouTube चैनल पर अपलोड किया गया था। वीडियो के कैप्शन में लिखा था, “श्री विनायक दामोदर सावरकर का जीवन”।
YouTube वीडियो के नीचे दाईं ओर भारत सरकार का “फिल्म डिवीज़न” लोगो दिख रहा था। इसी को आधार बनाकर हमने एक और कीवर्ड सर्च किया, जिससे हम एक YouTube चैनल पर इसी तरह के एक वीडियो पर पहुँचे, जिसे 28 दिसंबर 2013 को पोस्ट किया गया था। वीडियो के डिस्क्रिप्शन के अनुसार, “यह फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने वाली डॉक्यूमेंट्री प्रेम वैद्य ने भारत सरकार के फिल्म डिवीज़न के लिए डायरेक्ट की थी। यह 1983 में रिलीज़ हुई थी, जो सावरकर का जन्म शताब्दी वर्ष था।”
हमने आगे डिवीजन से संपर्क किया, जिसने आगे पुष्टि की कि डॉक्यूमेंट्री में एक्टर्स ने काम किया था, न कि स्वतंत्रता सेनानी सावरकर की असली फुटेज थी। फिल्म डिवीज़न की वेबसाइट ने इन डॉक्यूमेंट्री डिटेल्स को कन्फर्म किया। इसे प्रेम वैद्य ने डायरेक्ट किया था और फिल्म डिवीज़न ने 1983 में प्रोड्यूस किया था।

निष्कर्षः
वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है। यह फुटेज सावरकर की BBC की कोई दुर्लभ रिकॉर्डिंग नहीं है। असल में, यह क्लिप भारत सरकार के फिल्म्स डिवीजन द्वारा 1983 में बनाई गई एक डॉक्यूमेंट्री का हिस्सा है।

