आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जहां एक ओर नई संभावनाओं के दरवाजे खोल रहा है, वहीं दूसरी ओर इसका इस्तेमाल फेक न्यूज और दुष्प्रचार फैलाने के लिए भी तेजी से बढ़ रहा है। एआई का दुरुपयोग इतना गंभीर है कि अब देश के जाने-माने पत्रकारों जैसे- रवीश कुमार, अभिसार शर्मा और सुधीर चौधरी के नाम और चेहरे तक का इस्तेमाल कर फर्जी वीडियो बनाए जा रहे हैं। इन वीडियो में उनकी आवाज़ और न्यूज प्रस्तुत करने के अंदाज की नकल कर फेक खबरें, भ्रामक बयान और सनसनीखेज दावे पेश किए जा रहे हैं, जो दर्शकों को असली लगते हैं।
रवीश कुमार की AI वीडियो बनाने वाले चैनल्सः
DFRAC की जांच में ऐसे 10 यूट्यूब चैनलों की पहचान हुई है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार के नकली वीडियो बनाते हैं। इन वीडियो में उनकी आवाज़, चेहरे के हाव-भाव और बोलचाल की शैली की हूबहू नकल की जाती है, ताकि दर्शक इसे असली समझें। हालांकि ऐसे चैनल्स की संख्या और ज्यादा हो सकती है, लेकिन हमारी जांच के दौरान हमें ये 10 चैनल्स मिले हैं। जिनके विवरण यहां दिए जा रहे हैं-
- DRB News Network https://www.youtube.com/@DRBNewsNetwork82
- Rk Ravish https://www.youtube.com/@RkRavish-s7x
- TAJA UPDATE.24 https://www.youtube.com/@TAJAUPDATE.24
- Anuj Singh (Shakti) https://www.youtube.com/@anujsinghmuku
- News with Ravish https://www.youtube.com/@NewswithRK
- नई सोच Tv https://www.youtube.com/@%E0%A4%A8%E0%A4%88%E0%A4%B8%E0%A5%8B%E0%A4%9ATv
- Viral Rs Kumar https://www.youtube.com/@ViralRsKumar
- DLG NEWS 5.0 https://www.youtube.com/@OFFICIALWORLDSK1.0
- Ravish News point https://www.youtube.com/@RavishNewspoint-c7d
- Mdy News join https://www.youtube.com/@MdyNewsjoin

डिस्क्रिप्शन में रवीश कुमार का चैनल होने का दावाः
DFRAC की जांच में यह सामने आया है कि कई संदिग्ध YouTube चैनल न सिर्फ AI/डीपफेक वीडियो बनाते हैं, बल्कि चैनल के डिस्क्रिप्शन में यह दावा करते हैं कि वे “रवीश कुमार का आधिकारिक चैनल” हैं, या उनसे सीधे जुड़े हैं। इस तरह की हेरफेर दर्शकों को भ्रमित करने का गंभीर कोशिश है।

हालांकि इनमें कई चैनल्स ने डिस्क्रिप्शन में डिस्क्लेमर लिखकर बताया है कि उनके चैनल पर रवीश कुमार के एआई वीडियो बनाए जाते हैं।

थंबनेल में फेक और भ्रामक न्यूजः
रवीश कुमार के चेहरे और आवाज का दुरुपयोग कर बनाए गए इन AI वीडियो के थंबनेल में जमकर फेक और भ्रामक सूचनाएं शेयर की जाती हैं। जैसे- “CJI गवई ने सुनाया बड़ा फैसला, मोदी को देना होगा इस्तीफा”, “CJI गवई ने मोदी-शाह को भेजा जेल, कोर्ट ने पकड़ी EVM की धांधली”, “राहुल ने शाह को मारा थप्पड़”, “अमित शाह ने दी CJI गवई को धमकी”, “राजनाथ ने छोड़ी बीजेपी, कांग्रेस में शामिल”, “हाई कोर्ट का बड़ा आदेश, नीतीश को होगी फांसी” और “EVM पर लगा बैन, मोदी-शाह की राजनीति खत्म”।

यूट्यूब से फेसबुक पर फैल रहा फेक कंटेंटः
यूट्यूब पर अपलोड किए गए रवीश कुमार के भ्रामक और फेक न्यूज वाले कंटेंट तेजी से फेसबुक पर भी फैल रहे हैं। कई पेज और प्रोफाइल यूट्यूब के वीडियो डाउनलोड करके सीधे फेसबुक पर डाल रहे हैं। इनमें से ज्यादातर वीडियो भड़काऊ थंबनेल, सनसनीखेज दावे और गलत तथ्यों से भरे होते हैं।

अभिसार शर्मा का AI वीडियो बनाने वाला चैनलः
रवीश कुमार के अलावा पत्रकार अभिसार शर्मा का भी एआई-जनरेटेड वीडियो बनाने वाला एक यूट्यूब चैनल सक्रिय है। इस चैनल पर अभिसार शर्मा की आवाज़ और चेहरे की नकल करते हुए ऐसे वीडियो तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें उन्हें विवादित या भ्रामक बयान देते हुए दिखाया जाता है।

‘A.Sharma Express’ से बदलकर ‘नई सोच’ हुआ चैनलः
अभिसार शर्मा के नाम से बनाए गए एआई वीडियो वाला यूट्यूब चैनल भी अपना रूप बदल चुका है। पहले इस चैनल का नाम ‘A.Sharma Express’ था, लेकिन पहचान छुपाने और यूट्यूब की कार्रवाई से बचने के लिए इसका नाम बदलकर ‘नई सोच’ कर दिया गया है।

थंबनेल में फेक और भ्रामक सूचनाएः
अभिसार शर्मा के नाम से बनाए गए इस चैनल पर अपलोड किए जा रहे वीडियो में लगातार फेक और भ्रामक थंबनेल लगाए जा रहे हैं। इनमें कुछ थंबनेल के टैक्स्ट ऐसे हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लक्षित करते हुए लिखे जाते हैं, जैसे- “15 अगस्त को मोदी-शाह का आखिरी दिन, हाईकोर्ट का आदेश”, “ईडी ने लगाई मोदी को फटकार, भेज दिया जेल” और “बी.आर. गवई ने मोदी को जेल भेज दिया”।

सुधीर चौधरी का AI वीडियो बनाने वाला चैनलः
पत्रकार सुधीर चौधरी के चेहरे और आवाज का इस्तेमाल करते हुए एआई वीडियो बनाए जा रहे हैं। यूट्यूब पर BNR 24 नामक चैनल है, जो उनकी आवाज और चेहरे का इस्तेमाल करते हुए एआई वीडियो पोस्ट करता है। हालांकि हमें इस चैनल के थंबनेल में फेक या भ्रामक सूचनाएं देखने को नहीं मिली हैं।

निष्कर्षः
यूट्यूब पर एआई तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ मनोरंजन या क्रिएटिविटी के लिए नहीं, बल्कि भ्रामक और फेक न्यूज फैलाने के हथियार के रूप में भी हो रहा है। रवीश कुमार, अभिसार शर्मा और सुधीर चौधरी जैसे जाने-माने पत्रकारों के नाम, चेहरे और आवाज़ का एआई वीडियो तैयार करके लोगों को गुमराह किया जा रहा है। इन वीडियो का मकसद दर्शकों की भावनाओं को भड़काना, राजनीतिक नैरेटिव को तोड़-मरोड़कर पेश करना और सोशल मीडिया पर क्लिक और व्यूज़ बटोरना है। यह ट्रेंड न सिर्फ पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर हमला है, बल्कि दर्शकों के सूचना अधिकार और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की पारदर्शिता के लिए भी गंभीर खतरा है।

