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फैक्ट चेकः पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में पुलिसकर्मियों पर हमले का वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल

West Bengal Violence

सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों पर भीड़ के हमले का एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक जगह पर पुलिसकर्मियों से स्थानीय लोगों की बहस होती है, जिसके बाद भीड़ उग्र होकर पुलिसकर्मियों पर धावा बोल देती है। यूजर्स इस वीडियो के साथ दावा कर रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में जुमे की नमाज के बाद पुलिसकर्मियों पर मुस्लिमों की भीड़ ने हमला कर दिया।

मनोज श्रीवास्तव नामक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, “पश्चिम बंगाल में. जुमें की नमाज के बाद. सुरक्षा कर्मियों को भी दौड़ाकर मार रहे है. अब कौन बचायेगा हिन्दूओं को” मनोज श्रीवास्तव नामक यूजर सोशल मीडिया पर लगातार फेक न्यूज फैलाता रहता है, इस यूजर के द्वारा फैलाए गए कई फेक न्यूज का DFRAC की टीम ने फैक्ट चेक किया है, जिसे यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।

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वहीं इस वीडियो को कई अन्य यूजर्स द्वारा भी ऐसे ही दावों के साथ शेयर किया गया है, जिसे यहां, यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।

फैक्ट चेकः

DFRAC की टीम ने वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें इस घटना के संदर्भ में कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें बताया गया है कि यह घटना कोविड लॉकडाउन के दौरान की है। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की 29 अप्रैल 2020 की रिपोर्ट के अनुसार हावड़ा जिले के टिकियापारा में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू करने वाले कई पुलिसकर्मियों पर भीड़ ने हमला कर दिया। घटना शाम को हुई जब पुलिस का एक गश्ती दल टिकियापारा इलाके में पहुंचा, जहां उसे सूचना मिली थी कि बड़ी संख्या में लोग स्थानीय बाजार में भीड़ लगा रहे हैं और लॉकडाउन तथा सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।

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वहीं कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में भी इस घटना के बारे में रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। इंडिया ब्लूम न्यूज सर्विस ने इस घटना पर 28 अप्रैल 2020 को खबर दी है।

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निष्कर्षः

DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया पर शेयर किया गया वीडियो हाल-फिलहाल की घटना का नहीं है। यह वीडियो वर्ष 2020 में कोविड महामारी के समय लगाए गए लॉकडाउन के वक्त पुलिसकर्मियों पर भीड़ के हमले का है। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।

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