
क्या अजमेर शरीफ दरगाह के सैनिकों ने पृथ्वीराज चौहान की पत्नि संयोगिता के साथ रेप किया था? नहीं, वायरल दावा गलत है

फैक्ट चेकः
DFRAC टीम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड सर्च किए। हमें वायरल दावे की पुष्टि करती कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। हालांकि हमें jagranjosh की 9 मई 2022 की एक रिपोर्ट मिली जिसमें बताया गया है कि कन्नौज के राजा जयचंद की बेटी संयुक्ता (संयोगिता) पृथ्वीराज चौहान की तीन पत्नियों में से एक थी और संयुक्ता ने 12वीं शताब्दी में अजमेर के किले में जौहर किया था जबकि अन्य स्रोतों के अनुसार संयुक्ता पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु की खबर सुनकर अपनी दासियों के साथ युद्ध के मैदान से भाग निकली और सती हो गई थी।

इसके अलावा हिंदुस्तान की रिपोर्ट में बताया गया है कि मोईनुद्दीन चिश्ती एक सूफी थे जो ईरान से भारत आए थे और अजमेर में बस गए थे। अजमेर में उस समय चौहान साम्राज्य के शासक पृथ्वीराज चौहान शासन कर रहे थे। 1192 में तराईन के दूसरे युद्ध में मौहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को पराजित किया था। मोइनुद्दीन चिश्ती ने अजमेर में बेसहारा लोगों की सेवा की, उन्होंने गरीबों, असहायों और अनाथों को सहारा दिया, लोग उनके पास शांति की तलाश में आते थे। मोईनुद्दीन के दरबार में रोज ही लंगर चलता था जो बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए खुला रहता था।

इसके अलावा हमनें वायरल दावे की पड़ताल के लिए इतिहासकार अशोक पांडे से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि संयोगिता को लेकर किये जा रहे दावे में कोई सच्चाई नहीं है। साथ ही हमने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी इतिहास विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर और अजमेर और उसके इतिहास के जानकार तथा अजमेर दरगाह के खादिम लियाकत हुसैन मोईनी से भी संपर्क किया, उन्होनें ने भी हमें बताया कि मोईनुद्दीन चिश्ती एक दरवेश(फकीर) थे। उनका कार्य लोगों की सेवा करना था, न कि सेना रखना। मोईनुद्दीन चिश्ती को लेकर किया जा रहा दावा झूठा और बेबुनियाद है।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के सैनिकों द्वारा पृथ्वीराज चौहान की पत्नि संयोगिता के साथ बलात्कार करने को लेकर किया जा रहा वायरल दावा गलत है। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती एक दरवेश(फ़क़ीर) थे उनके पास कोई सेना नहीं थी।