सोशल मीडिया पर एक न्यूज़ कटिंग बड़ी वायरल ही रही है। ये न्यूज़ कटिंग उत्तर प्रदेश के बरेली से सबंधित है। इस न्यूज़ कटिंग के हवाले से दावा किया जा रहा है कि दलित बुजुर्ग का निधन हुआ तो गांव के मुसलमानो ने उनका दाह संस्कार नही करने दिया।
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सोशल साईट X पर न्यूज़ कटिंग को शेयर कर वेरिफाइड यूजर शिवम दीक्षित ने लिखा कि गाँव के इकलौते हिन्दू दलित परिवार को मुस्लिमो ने दाह संस्कार नहीं करने दिया। वास्तविकता में खतरा मनुस्मृति से नहीं शरीयत से है। जहाँ जहाँ मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक हुई है वहां शरीयत के अलावा कोई संविधान नहीं चलता, उदाहरण को बांग्लादेश ही देख लीजिये..😥
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एक अन्य यूजर इस न्यूज़ कटिंग को पोस्ट कर लिखा – गाँव के इकलौते हिन्दू दलित परिवार को मुस्लिमो ने दाह संस्कार नहीं करने दिया। कुछ लोगों को समझना चाहिए की खतरा मनुस्मृति से नहीं शरीयत से है। जहाँ जहाँ मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक हुई है वहां शरीयत के अलावा कोई संविधान नहीं चलता, बांग्लादेश को ही देख लीजिये….
इसके अलावा कई अन्य यूजर ने भी इस न्यूज़ कटिंग को ऐसे ही मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर किया है। जिसे यहाँ और यहाँ पर देखा जा सकता है।
फैक्ट चेक:
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वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने इस खबर से जुड़े कुछ कीवर्ड को सर्च किया। इस दौरान हमें बरेली पुलिस का 19 अक्टूबर 2022 का एक ट्वीट मिला। जिसमे घटना से जुड़ी जानकारी देते हुए बताया गया – अवगत कराना है कि थाना विशारतगंज के ग्राम रुटिया में बाल्मीकि समाज के स्व० श्री शिव दयाल पुत्र मुटु उम्र करीब 70 वर्ष की स्वभाविक रूप से मृत्यु दिनांक 17.10.22 की शाम 04 बजे हो गयी थी। मृतक शिवदयाल के तीन पुत्र हैं 1. श्री कालीचरन 2. श्री शिव चरन 3. श्री सुक्कन तीनो पुत्रों के मध्य अपने पिता स्व० श्री शिव दयाल के दाह संस्कार को लेकर मतभेद था। श्री काली चरन व श्री शिव चरन तो अपने पिता स्व० श्री शिवदयाल का दाह संस्कार परमपरागत रुप से रामगंगा नदी में करने की कह रहे थे परन्तु तीसरा पुत्र श्री सुक्कन अपने पिता का दाह संस्कार ग्राम रुटिया में ही करने को कह रहा था। ग्राम रुटिया में कोई शमसान घाट नहीं है। थाना विशारतगंज पर अप्रत्यक्ष रुप से सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम रुटिया में मृतक शिव दयाल के अन्तिम संस्कार को लेकर आपस मे परिवार के लोगो में कुछ मतभेद है। इस सूचना पर प्रभारी निरीक्षक विशारतगंज मय फोर्स के ग्राम रुटिया पहुंचे एवं मृतक शिव दयाल के तीनो पुत्रों से वार्ता कर उनसे कहा गया कि आप अपने पिता स्व० श्री शिव दयाल का दाह संस्कार अपनी मर्जी से जहां करना चाहे वहां कर सकते हैं। परन्तु मृतक स्व० श्री शिवदयाल के तीनो पुत्रों ने अपनी स्वेच्छा से अपने पिता का दाह संस्कार रामगंगा नदी पर करने को कहा एवं शव को रामगंगा नदी पर ले जाकर अन्तिम संस्कार कर दिया। पेपर कटिंग में जो आरोप लगाये गये हैं वह असत्य व निराधार हैं। इसके अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक विशारतगंज द्वारा ग्राम प्रधान रुटिया को उपजिलाधिकारी आंवला से सपर्क कर गांव रुटिया हिन्दु समाज के लिये शमसान घाट के लिये भूमि आवंटित कराने हेतु बताया गया।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि मुस्लिम समुदाय द्वारा दलित परिवार को दाह-संस्कार ने कर देने का वायरल दावा भ्रामक और असत्य है।