सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर एक कथित न्यूज़ कटिंग वायरल हो रही है। जो सऊदी अरब के मक्का स्थित इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र धार्मिक स्थल काबा से सबंधित है। इस कथित न्यूज़ कटिंग का शीर्षक है – ‘अल्लाह के अल्लाह है महादेव।’
इस न्यूज़ कटिंग में दावा किया गया कि ”इराक में एक पुस्तक लिखी गई थी जिसे इराकी सरकार ने छपवाया था किताब का नाम था “सेअरुल आकुल” इस किताब में इस्लाम से पहले अरब जगत के बारे में लिखा गया है। किताब में लिखा है की मक्का में पहले विशाल मक्केश्वर महादेव मंदिर था जिसमे एक विराट शिवलिंग था जो आज भी मक्का के काबा में है। शिवरात्रि के दिन मक्केश्वर महादेव मंदिर में कविताये पड़ी जाती थी तथा अच्छी कविताओ को सोने की प्लेट पर लिखकर मंदिर में टांग दिया जाता था, उन्ही प्लेटो को संग्रहालय में जमा किया जाता है। जिसमे एक कविता मोहम्मद के चाचा की भी है जिसमे उन्होंने गाया है। मोहम्मद के चाचा ने गायाहै ऐ अल्लाह के भी अल्लाह (देवो के भी देव) महादेव में आपकी शरण में आया हु, मेरी जिंदगी की एक ही तम्मना है की में एक बार भारत की भूमि देखू,राम कृष्ण की भूमि देखू,गंगा यमुना के दर्शन करके उसकी मिटटी माथे से लगाऊ। दिल्ली के बिडला मंदिर में इराक से लायी गई यह किताब आज भी है और जिसका हिंदी अनुवाद भी किया हुआ है।”
फेक्ट चेक
इस कथित न्यूज़ कटिंग को जब हमने गूगल पर रिवर्स इमेज के जरिये तलाशा तो हमें सोशल मीडिया पर इस कटिंग से जुडी पोस्ट का ढेर मिला। हालांकि किसी भी रूप में मुख्य धारा के प्रिंट मीडिया से जुड़ा विश्वसनीय या प्रामणिक स्त्रोत प्राप्त नहीं हुआ। जब हमने न्यूज़ कटिंग में दिए गए दैनिक भारत की वेबसाईट पर कीवर्ड्स सर्च किये तो वहां पर भी कुछ नहीं मिला।
इसके बाद हमने न्यूज़ कटिंग में किये गए मक्का के काबा में विशाल मक्केश्वर महादेव मंदिर था जिसमे एक विराट शिवलिंग था जो आज भी मक्का के काबा में है। से जुड़े दावे के सच को जानने की कोशिश की तो पाया कि इस तरह की और भी पोस्ट की गई। जिसमे काबा स्थित रुक्न-ए-यमानी को शिवलिंग बताकर प्रचार किया जा रहा है। हालाँकि यह शिवलिंग नहीं बल्कि मक्का में स्थित काबे का एक कोना है, जिसे रुक्न-ए-यमानी कहा जाता है।
उल्लेखनीय है कि मक्का स्थित काबा के 4 कोने हैं।
- हज्र-ए अस्वाद,
- रुक-ए-सामी
- रूक्न-ए-इराकी
- रुक्न-ए-यमानी।
वायरल तस्वीर चौथे कोने की है। यमन की तरफ मुख होने के कारण इसे ‘रुक्न-ए-यमानी’ कहा गया है और ये काबा के दक्षिण-पश्चिम कोने पर स्थित है।
निष्कर्ष:
अत: कथित न्यूज़ कटिंग में किया गया दावा पूरी तरह से झूठा, भ्रामक और सांप्रदायिक है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह ऐसी ख़बरों को शेयर करने से पूर्व अपने विवेक का इस्तेमाल करें।