पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता के जाने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की खबरे सामने आ रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल ही रही है। इस तस्वीर में एक जला हुआ घर दिखाई दे रहा है।
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इस तस्वीर को शेयर करते हुए सोशल साईट X (ट्विटर) पर वेरीफाइड यूजर मनोज्ञा लोईवाल ने लिखा कि #मानवाधिकारदिवस पर @UNHumanRights बांग्लादेश में लंबी छुट्टी पर है
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वहीं एक अन्य यूजर RSS_Friends ने लिखा, तस्वीर बांग्लादेश के हिन्दू घर की है !! अब दुनियां के किसी मानवाधिकार संगठन का मुंह नहीं खुलेगा !! Save Bangladeshi Hindus #HumanRightsDay
इसके अलावा कई अन्य यूजर ने भी इस तस्वीर को ऐसे ही मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर किया है।
फैक्ट चेक:
Source: Newspost
वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने तस्वीर को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें ये तस्वीर बांग्लादेश के पोर्टल न्यूज़पोस्ट पर मिली। पोर्टल पर इस तस्वीर को 19 जुलाई 2022 को पोस्ट किया गया था। तस्वीर के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि नरैल में हुए सांप्रदायिक हमले की है।
इसके अलावा हमें ये तस्वीर बंगाली भाषा के अन्य पोर्टल spbm.org पर मिली। वहाँ बताया गया कि 15 जुलाई 2023 को नारैल के लोहागढ़ा के दिघालिया गांव के साहापारा में कुछ हिंदू घरों, दुकानों और मंदिरों पर हमले किए गए और उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। यह हिंसा एक फेसबुक पोस्ट के बाद शुरू हुई, जिसमें दावा किया गया था कि इस्लाम धर्म का अपमान किया गया है। पोस्ट में बीजेपी नेता नुपुर शर्मा के विवादास्पद बयानों का समर्थन किया गया था, जिनमें उन्होंने पैगंबर मुहम्मद के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं, जिससे व्यापक विरोध और हिंसा भड़क उठी।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर भ्रामक दावे के साथ शेयर की गई है। क्योंकि ये तस्वीर 2022 की है।