सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें देखा जा सकता है कि बुलडोजर द्वारा मंदिर के एक हिस्से को ढहाया जा रहा है। यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि तमिलनाडु सरकार ने श्री सेलंबथम्मन मंदिर के सामने वाले हिस्से को ढहा दिया है।
एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, “हिंदू विरोधी तमिलनाडु सरकार ने तिरुवल्लूर, चेन्नई में सिलंबथम्मन मंदिर के सामने के हिस्से को ध्वस्त कर दिया। यदि यही दरगाह या चर्च होता तो सिकूलर गैंग सड़कों पर नंगा नाच रहा होता, मंदिर तोड़ा है तो सब चुप। यह उदयनिधि स्टालिन सरकार है, जिसने पहले सनातन धर्म को खत्म करने की घोषणा की थी। जागो हिन्दुओं” (हिन्दी अनुवाद)
फैक्ट चेकः
DFRAC टीम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड सर्च किये। हमें thehindu की 19 नवंबर 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। जिसमें बताया गया है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने चेन्नई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग पर जनप्पनचत्रम में श्री सेलमबथम्मन मंदिर के मंडप को हटा दिया ताकि 64 मीटर के हिस्से में निरंतर सर्विस लेन बनाई जा सके। मंदिर का एक बड़ा हिस्सा राजमार्ग विभाग की ज़मीन पर बना हुआ था।
जबकि इसी रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि ध्वस्त किए गए ढांचे के लिए 29 लाख रुपये का मुआवज़ा भी दिया गया है। और इस बात का ध्यान रखा गया है कि गर्भगृह को किसी भी तरह से नुकसान न पहुंचे।
इस अभियान में तिरुवल्लूर जिला प्रशासन ने मदद की और मौके पर कुल 150 पुलिसकर्मी तैनात किये गये। जबकि राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जमीन की निशानदेही में हिस्सा लिया।
इसके अलावा thecommunemag की 20 नवंबर 2024 की रिपोर्ट में बताया गया है कि 19 नवंबर 2024 को, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने चेन्नई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे जनप्पनचत्रम में स्थित श्री सिलंबथम्मन मंदिर के मंडप को ध्वस्त कर दिया।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि श्री सिलंबथम्मन मंदिर के एक हिस्से को तमिलनाडु सरकार ने नहीं ढहाया है, बल्कि यह भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा ढहाया गया है। इसलिये यूजर्स का दावा भ्रामक है।