सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक जगह लोगों की भीड़ एक-दूसरे पर पत्थर फेंक रही है। इन लोगों में कुछ लोग भगवा कपड़े पहने हुए हैं। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर पत्थरबाजों को कपड़ों से पहचानने की बात कर रहे हैं।
इस वीडियो को ऐसे ही दावे के साथ कई अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया जा रहा है। जिसे यहां, यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वीडियो की जांच में पाया कि इसमें सांप्रदायिक एंगल नहीं है। यह वीडियो उत्तराखंड के चंपावत जिले में बग्वाल मेले में पाषाण युद्ध है। इसमें दो समूह एक-दूसरे पर पत्थर फेंकते हैं और बड़ी लकड़ी की ढालों से खुद को बचाते हैं।
दैनिक जागरण की एक खबर के मुताबिक, “चम्पावत, देवीधुरा का ऐतिहासिक बग्वाल मेला असाड़ी कौतिक के नाम से भी प्रसिद्ध है। हर साल रक्षा बंधन के मौके पर बग्वाल खेली जाती है। चार खामों और सात थोक के लोगों के मध्य खेली जाती है माना जाता है कि देवीधूरा में बग्वाल का यह खेल पौराणिक काल से खेला जा रहा है। कुछ लोग इसे कत्यूर शासन से चला आ रहा पारंपरिक त्योहार मानते हैं जबकि कुछ अन्य इसे काली कुमाऊं से जोड़ कर देखते हैं। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार पौराणिक काल में चार खामों के लोगों द्बारा अपनी आराध्या बाराही देवी को मनाने के लिए नर बलि देने की प्रथा थी।”
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि वायरल वीडियो चंपावत जिले में रक्षाबंधन के मौके पर होने वाले बग्वाल मेले का है। इस वीडियो में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।