न्यूज चैनल ZEE News ने किशनगंज में बांग्लादेशी घुसपैठियों के जमीन जिहाद को लेकर 30 जुलाई 2024 को एक खबर चलाई थी। ZEE News ने एक खबर में बताया कि किशनगंज में जमीन जिहाद के लिए बांग्लादेशी घुसपैठिए हिन्दुओं को डराने-धमकाने से लेकर उनकी हत्या तक कर रहे हैं।
निष्कर्षः
DFRAC की टीम को इस संदर्भ में जिला प्रशासन, किशनगंज के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @DM_Kishanganj और बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के हैंडल @IPRDBihar का एक पोस्ट मिला। जिसमें ZEE News की खबर का खंडन किया गया है। @IPRDBihar ने लिखा, “Zee News में प्रकाशित खबर ‘किशनगंज का जमीन जिहाद’ का खंडन”
वहीं ZEE News द्वारा जिन दो लोगों की खबर दिखाई गई थी, जिला प्रशासन ने उनकी जांच कर एक प्रेस नोट जारी किया है। प्रेस नोट के मुताबिक स्थलीय जांच के दौरान सामने आया कि रजनीश भगत का चचेरे भाई रौशन भगत से संबंधित भूमि पर हिस्सा को लेकर विवाद चल रहा है। रौशन भगत ने नजरूल इस्लाम नामक व्यक्ति को बटाई के रूप में संबंधित जमीन को जोत-आबाद करने के लिए दिया गया है। प्रशासन के मुताबिक रजनीश द्वारा बताया गया कि उसने मीडिया में बांग्लादेशी या किसी धर्म संप्रदाय के विरूद्ध कुछ नहीं कहा है।
इसके अलावा प्रशासन द्वारा दूसरे व्यक्ति युवराज सिंह की जांच में सामने आया कि युवराज सिंह का मोहम्मद सुल्तान नामक व्यक्ति से जमीनी विवाद चल रहा है। इस भूमि से संबंधित दखल कब्जा को लेकर धारा-144 का मामला भी दर्ज है। युवराज सिंह द्वारा बताया गया कि उन्होंने उक्त जमीन पर बांग्लादेशियों द्वारा जबरन जमीन कब्जा करने जैसी कोई बात नहीं कही है, बल्कि मीडिया ने स्वयं यह बात कही है।
प्रशासन के मुताबिक यह जमीन विवाद का मामला है और इसका बांग्लादेशी घुसपैठ या ‘जमीन जिहाद’ से कोई लेना देना नहीं है। प्रशासन के अनुसार Zee News द्वारा प्रकाशित खबर ‘किशनगंज का जमीन जिहाद’ भ्रामक और तथ्यहीन है। सावन के पवित्र महीने में ऐसी भ्रामक खबरों से जिले में समाजिक सौहार्द बिगड़ने एवं विधि व्यवस्था की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
प्रशासन द्वारा इस भ्रामक खबर के संदर्भ में IPRD, Bihar, Patna एवं News Broadcasters & Digital Association (NBDA) को नियम संगत कार्रवाई हेतु पत्र भी प्रेषित किया जा रहा है।
निष्कर्षः
@DM_Kishanganj के प्रेस नोट से स्पष्ट है कि ZEE News द्वारा किशनगंज में जमीन जिहाद के संदर्भ में भ्रामक खबर चलाई गई है। प्रशासन की जांच में यह मामला जमीन विवाद का पाया गया और दोनों व्यक्तियों में से किसी ने भी मीडिया में बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा जमीन जिहाद की बात कहने से इनकार किया है।